जल ही जीवन है। एक स्वस्थ शरीर को प्रतिदिन 4-6 लीटर पानी की जरूरत होती है। जैसे कम पानी पीने से शरीर में उर्जा की कमी आने लगती है, बीमारियां बढ़ने लगती हैं उसी तरह से शरीर को अत्यधिक मात्रा में पानी की चाहत भी बीमारी के संकेत हैं। अत्यधिक मात्रा में प्यास लगने को पॉलीडिप्सिया कहा जाता है। यह वह अवस्था होती है जब बहुत ज्यादा प्यास लगती है और इसे पानी से मिटाना मुश्किल हो जाता है। बहुत अधिक प्यास लगने की स्थिति को मधुमेह रोग की ओर इशारे के तौर पर देखा जा सकता है।

पॉलिडिप्सिया में इंसान एक दिन में 6 लीटर से अधिक पानी पी जाता है, लेकिन फिर भी प्यास शांत नहीं होती है। हमारे घरों में कई ऐसी चीजें मौजूद हैं जो कई गंभीर समस्याओं का बेहतर इलाज हैं।

  1. गिलोय की ताजी पत्तियां हैं पॉलिडिप्सिया का सफल इलाज - Giloy ki Taji Pattiyan hain Polydipsia ka Safal Ilaj
  2. जलीय लिली है पॉलिडिप्सिया की समस्या का रामबाण इलाज - Water Lily hai Polydipsia ka Rambaan Ilaj
  3. तिपतिया घास के पत्तों से ठीक हो सकता है पॉलिडिप्सिया - Tipatiya Ghas ke Patte se Thik ho Sakta hai Polydipsia

गिलोय को चिरयौवन प्रदान करने वाले औषधि के रूप में जाना जाता है। कफ, मधुमेह, अत्यधिक प्यास जैसी समस्याओं में गिलोय अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसमें कई ऐसे विशेष गुण मौजूद होते हैं जो पॉलिडिप्सिया की समस्या में काफी लाभकारी साबित हो सकते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • गिलोय की ताजी पत्तियां
  • धान (पैडी) 50 ग्राम

इस्तेमाल का तरीका

  • दोनों को करीब 1 लीटर पानी में उबालें
  • तब तक उबालते रहें, जब तक पानी की मात्रा घटकर 150 मिली न रह जाए
  • अब इसे छान लें

कब करें प्रयोग

  • दिन में दो बार इसका सेवन करें।
  • कुछ दिनों तक इस प्रक्रिया को जारी रखें।
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जलीय लिली में टैनिन, ग्लाइफोसेट, फ्लुरिडोन, ट्रिक्लोपायर और इमैजिओक्स भरपूर मात्रा में मौजूद होती है जो अत्यधिक मात्रा में लगने वाले प्यास को काबू करती है। साथ ही पॉलिडिप्सिया रोग में य​ह काफी कारगर होता है। इसके कुछ दिनों तक नियमित सेवन से अत्यधिक प्यास लगने की समस्या को काबू में किया जा सकता है।  

आवश्यक सामग्री

  • जलीय लिली के ताजे पत्ते 200 ग्राम
  • 5 लीटर पानी

कैसे करें इस्तेमाल

  • लिली की ताजी पत्तियों को पूरे दिन पानी में भिगो कर रखें।
  • बाद में इन्हें छान लें।

कब लाएं प्रयोग में

  • छने हुए पेय पदार्थ को दिन में दो बार प्रयोग मे लाएं।
  • कुछ दिनों तक इस प्रक्रिया को जारी रखें।

आसानी से उपलब्ध हो जाने वाले तिपतिया घास के पत्ते कई मायनों में लाभकारी साबित हो सकते हैं। पॉलिडिप्सिया जैसी समस्याओं के लिए इसे बेहतर उपयोगी औषधि माना जाता है। इसकी पत्तियों में कई सारे ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो अत्यधिक प्यास की समस्या पर काबू पाने में सहायक होता है।

आवश्यक सामग्री

  • तिपतिया की ताजी पत्तियां
  • आधा लीटर पानी
  • ब्राउन शुगर

कैसे करें इस्तेमाल

  • तिपतिया की ताजी पत्तियों को धूप में सुखा लें।
  • सूखी पत्तियों का पाउडर तैयार करें और आधा लीटर पानी में 10 मिनट तक उबालें।
  • घोल को छान लें और उसमें थोड़ा पानी मिलाएं।
  • स्वाद के लिए थोड़ा ब्राउन शुगर मिलाएं।

कब लाएं प्रयोग में

  • थोड़ी थोड़ी मात्रा का दिन में दो बार इस्तेमाल करें।
  • यह प्रयोग कुछ दिनों तक जारी रखें
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