हेपेटाइटिस सी की बीमारी वायरस के कारण होती है. यह वायरस सीधे लिवर पर हमला करता है, जिससे लिवर में सूजन आ सकती है. हेपेटाइटिस सी को खतरनाक बीमारी माना गया है, क्योंकि इसका कोई लक्षण नजर नहीं आता है. इसलिए, हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त अधिकतर लोगों को पता नहीं चलता कि वो इस बीमारी का शिकार हैं. अधिकतर मामलों में लिवर डैमेज होने या जांच कराने के बाद ही इस बीमारी की पहचान होती है. फिलहाल, इस बीमारी को ठीक करने की कोई दवा या वैक्सीन नहीं है, लेकिन समय रहते इसकी पहचान होने पर इसे कंट्रोल जरूर किया जा सकता है.

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आज इस लेख में आप विस्तार से जान पाएंगे कि हेपेटाइटिस को ठीक करना संभव है या नहीं -

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  1. हेपेटाइटिस सी का इलाज क्या है?
  2. हेपेटाइटिस सी का नया इलाज
  3. क्या हेपेटाइटिस सी से बचने का कोई तरीका है?
  4. सारांश
क्या हेपेटाइटिस सी का इलाज संभव है? के डॉक्टर

हालांकि, हेपेटाइटिस सी को ठीक करने या इससे बचने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है, लेकिन सही इलाज की मदद से वायरस के असर को काफी हद तक कम किया जा सकता है और इसे ही पर्याप्त इलाज माना गया है. जब इलाज पूरा होने के 12 हफ्ते बाद मरीज के खून में हेपेटाइटिस सी का वायरस नहीं मिलता, तो डॉक्टर मानते हैं कि मरीज ठीक है. इस अवस्था को सस्टेंड वायरोलॉजिकल रिस्पॉन्स (एसवीआर) के रूप में जाना जाता है.

हेपेटाइटिस सी सबसे गंभीर हेपेटाइटिस वायरस में से एक है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस बीमारी के नए इलाज की खोज की गई है. इस उपचार की मदद से इस वायरस को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है. हेपेटाइटिस सी को ठीक करने के लिए अब जो एंटीवायरल दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं, वो क्रोनिक लिवर डिजीज की जटिलताओं को रोकने में भी मदद कर सकती हैं.

सेंट्रस फॉर डिजीज कंट्रोजल एंड प्रिवेंटिव (सीडीसी) की रिपोर्ट दावा करती है कि हेपेटाइटिस से ग्रस्त मरीजों में से आधे से भी कम बिना इलाज के ठीक हो सकते हैं. वहीं, ज्यादातर मामलों में हेपेटाइटिस सी गंभीर रूप ले लेता है और इस स्थिति में सही इलाज की जरूरत होती है.

साथ ही इस बात को समझना भी जरूरी है कि जब तक इस बीमारी का पता चलता है, तब तक वायरस लिवर को पूरी तरह से डैमेज कर चुका होता है. इसलिए, अगर किसी को ऐसा लगता है कि वो हेपेटाइटिस सी वायरस के संपर्क में आ गया है, तो उसे तुरंत अपनी जांच करवानी चाहिए.

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फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने 2019 में हेपेटाइटिस सी के जीनोटाइप वाले मरीजों के लिए एंटीवायरल ड्रग माविरेट (glecaprevir और pibrentasvir) को मंजूरी दी थी. इस दवा की मदद से हेपेटाइटिस सी का इलाज 8 हफ्ते में किया जा सकता है, जबकि इससे पहले इलाज में 12 हफ्ते लगते थे. यह वयस्कों और 12 वर्ष व उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए पहला स्वीकृत 8 हफ्ते का हेपेटाइटिस सी उपचार है.

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फिलहाल, हेपेटाइटिस सी से बचने के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. सिर्फ हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी सहित अन्य हेपेटाइटिस वायरस के लिए उपलब्ध वैक्सीन है. अगर किसी को हेपेटाइटिस सी होता भी है, तो डॉक्टर हेपेटाइटिस ए और बी की वैक्सीन लगवाने की सलाह दे सकते हैं. हालांकि, हेपेटाइटिस सी से बचने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है, लेकिन इससे बचने का प्रयास जरूर किया जा सकता है, जो इस प्रकार है -

  • किसी की सुई, रेजर ब्लेड या नेल क्लिपर्स को इस्तेमाल न करें.
  • फर्स्ट ऐड करते समय मरीज के शरीर से निकल रहे फ्लूड से बचने का प्रयास करें.
  • हालांकि, हेपेटाइटिस सी सेक्स से नहीं फैलता है, फिर भी सेक्स करते समय कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें.
  • अवैध ड्रग्स से हमेशा दूरी बनाकर रखें.
  • टैटू बनवाते समय या शरीर में कोई छेद करवाते समय सावधान रहें. ये काम हमेशा अच्छी दुकान से ही करवाएं.
  • हेपेटाइटिस सी रक्त के जरिए फैलता है, इसलिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन के समय खास ध्यान रखना चाहिए.

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बेशक, हेपेटाइटिस सी को जड़ से खत्म करना मुश्किल है, लेकिन कुछ दवाओं के जरिए इसे अच्छी तरह से मैनेज जरूर किया जा सकता है. ऐसा करने से लिवर सिरोसिस या फिर लिवर डैमेज जैसी स्थिति से बचा जा सकता है. हेपेटाइटिस सी से बचने के लिए अभी कोई वैक्सीन भी विकसित नहीं हुई है, लेकिन थोड़ी-सी सावधानी के जरिए इसे होने से रोका जरूर जा सकता है.

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