उच्च रक्तचाप को अमूमन पुरुषों की समस्या माना जाता है, जबकि यह सच नहीं है. महिला हो या पुरुष उच्च रक्तचाप की समस्या किसी को भी हो सकती है. हां, यह जरूर है कि मेनोपॉज होने की स्थिति में महिलाओं को उच्च रक्तचाप होने का खतरा जरूर बढ़ जाता है. वैसे महिलाओं में उच्च रक्तचाप का खास लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन चक्कर आना या फिर स्किन फ्लशिंग को उच्च रक्तचाप का लक्षण माना जा सकता है. ऐसे में एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट का सेवन कर इस समस्या से बचा जा सकता है.

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आज इस लेख में आप महिलाओं में उच्च रक्तचाप के लक्षण व बचाव के तरीके जानेंगे -

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  1. महिलाओं में उच्च रक्तचाप के लक्षण
  2. महिलाओं में उच्च रक्तचाप से बचाव के तरीके
  3. सारांश
महिलाओं में उच्च रक्तचाप के लक्षण व बचाव के तरीके के डॉक्टर

उच्च रक्तचाप होने की स्थिति में ब्लड वेसल्स, दिल, मस्तिष्क और अन्य अंगों को नुकसान पहुंच सकता है, फिर वे पुरुष है या महिला. शोध भी कहते हैं कि उच्च रक्तचाप की समस्या किसी को भी हो सकती है. यह जरूरी नहीं है उच्च रक्तचाप का कोई लक्षण हो ही, इसलिए इसे कई बार ‘साइलेन्ट कंडीशन’ भी कहा जाता है, लेकिन अगर महिला को चक्कर आते हैं या स्किन फ्लशिंग की समस्या होती है, तो इसे उच्च रक्तचाप से जोड़कर देखा जा सकता है. आइए, महिलाओं में नजर आने वाले उच्च रक्तचाप के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

स्किन फ्लशिंग

उच्च रक्तचाप होने पर शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है. इसकी वजह से स्किन के किसी भी हिस्से में ब्लड फ्लो ज्यादा हो सकता है, जैसे गालों पर. वहां के ब्लड वेसल्स बड़े हो जाते हैं और इससे स्किन लाल नजर आने लगती है. बड़े हुए ब्लड फ्लो की वजह से गर्दन व चेस्ट के ऊपरी हिस्से या चेहरे पर गर्माहट महसूस होती है. जिनका रंग साफ होता है, उनकी स्किन पर रेड पैच नजर आ सकते हैं. डार्क स्किन वालों की स्किन बेरंग या और गहरी हो सकती है.

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चक्कर आना

चक्कर आने की स्थिति में महिला स्वयं के शरीर का संतुलन बनाए रखने में असमर्थ हो सकती है. कई बार बेहोशी जैसी हालत भी महसूस हो सकती है. ऐसा ब्लड फ्लो के बढ़ जाने की वजह से होता है.

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आंखों में लाल निशान

जब रक्तचाप बढ़ जाता है, तो आंखों में रेटिना की रक्त वाहिकाएं फैल सकती हैं. इससे अन्य रक्त वाहिकाएं सिकुड़ सकती हैं, इससे खून रेटिना तक नहीं पहुंच पाता है. कुछ मामलों में रेटिना सूज भी जाता है. समय के साथ उच्च रक्तचाप रेटिना की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और रेटिना के कार्य को सीमित कर सकता है और ऑप्टिक नर्व पर दबाव डाल सकता है, जिससे दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इस स्थिति को हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी (एचआर) कहा जाता है. इस स्थिति में आंखों पर खून के धब्बे दिखाई दे सकते हैं.

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महिलाओं में उच्च रक्तचाप के बचाव के तरीके बिल्कुल वही हैं, जो पुरुषों के लिए हैं. रोजाना एक्सरसाइज करने और कम कैफीन के सेवन से उच्च रक्तचाप से बचा जा सकता है. आइए, इन तरीकों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

एक्सरसाइज

सप्ताह में 5 दिन रोजाना आधे घंटे से लेकर 45 मिनट के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी है. इससे ब्लड वेसल्स सही स्थिति में रहते हैं. एक्सरसाइज करने से वजन भी नियंत्रित रहता है, इससे भी रक्तचाप सही बने रहने में मदद मिलती है.

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हेल्दी डाइट

सीमित कैलोरी और कम सैचुरेटेड फैट वाली डाइट का सेवन उच्च रक्तचाप से बचाव के लिए जरूरी है. साथ ही खाने में नमक की मात्र कम रखना और फल व सब्जियों का सेवन अधिक करना मददगार है. इससे रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने में मदद मिल सकती है.

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कम कैफीन का सेवन

कॉफी का सेवन अधिक करने से शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ सकती है. इससे शरीर में रक्तचाप का स्तर बढ़ सकता है. इसलिए, इसका कम से कम सेवन करने की सलाह दी जाती है.

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रक्तचाप की जांच

नियमित तौर पर रक्तचाप की जांच करते रहना जरूरी है. इससे रक्तचाप में जरा-सा भी बदलाव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया जा सकता है और किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है.

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उच्च रक्तचाप को अक्सर पुरुषों के लिए खतरनाक माना जाता है, जबकि यह महिलाओं के लिए भी उतना ही जोखिम भरा है. बेशक, इसका अलग से कोई लक्षण नजर नहीं आता, फिर भी महिलाओं में स्किन फ्लशिंग और चक्कर आने के रूप में इसकी पहचान की जा सकती है. यह कभी भी और किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है, इसलिए बेहतर तो यह है कि पहले से इसके बचाव के तरीके ढूंढ लिए जाएं. रोजाना आधे घंटे की एक्सरसाइज और सीमित कैलोरी वाले फूड का सेवन महिलाओं में उच्च रक्तचाप के बचाव के लिए सकारात्मक कदम है.

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