जिस प्रकार मयूर विष से बिना प्रभावित हुए सर्प को मारकर निगल जाता है। उसी प्रकार यह आसन अभ्यासी को शरीर के विषाक्त पदार्थों को पचाने और उनका चयापचय कर लेने में सक्षम बना देता है। हठयोग के ग्रंथों के अनुसार मयूरासन पाचन शक्ति को उत्तेजित करता है। इसलिए जिन अभ्यासियों ने इस आसन में दक्षता प्राप्त कर ली है, वो कुछ भी पचा सकते हैं, यहां तक कि जहरीले विष को भी।

इस लेख में मयूरासन करने के तरीके व उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया गया है। साथ ही लेख में यह भी बतायाा गया है कि मयूरासन के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए। 

(और पढ़ें -  पाचन क्रिया बढाने के उपाय)

  1. मयूरासन के फायदे - Mayurasana (Peacock Pose) ke fayde in Hindi
  2. मयूरासन करने का तरीका - Mayurasana (Peacock Pose) karne ka tarika in Hindi
  3. मयूरासन का आसान रूपांतर - Mayurasana (Peacock Pose) ke Modifications in Hindi
  4. मयूरासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Mayurasana (Peacock Pose) me kya savdhani barte in Hindi
  5. मयूरासन का वीडियो - Mayurasana (Peacock Pose) Video in HIndi

मयूरासन के लाभ कुछ इस प्रकार हैं –

  1. यह आसन चयापचय की प्रक्रियाओं को बढ़ाता है। जिससे विभिन्न अंगों में रक्त-प्रवाह बढ़ने लगता है।
  2. यह रक्त से विषाक्त पदार्थों को साफ करता है और चर्म रोग जैसे कील-मुहांसेदाग-धब्बों को दूर करता है।
  3. इस आसन से सभी अंगों की मालिश होती है।
  4. पेट की गैसकब्जशुगर, लीवर और गुर्दे की समस्या को कम करने के लिए इस आसन का उपयोग किया जाता है।
  5. इससे मानसिक और शारीरक संतुलन विकसित होता है और पूरे शरीर की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं।
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मयूरासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें –

  1. सबसे पहले जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
  2. पंजों को एक साथ रखें और घुटनों को एक-दूसरे से अलग कर लें।
  3. फिर सामने की ओर झुकें और दोनों हथेलियों को घुटनों के बीच जमीन पर इस प्रकार रखें कि उंगलियां पंजों की और रहें। सुविधा और लचीलेपन को ध्यान में रख कर हाथों की स्थिति को व्यवस्थित कर लें।
  4. कोहनियों और कंधों के आगे के भाग को एक साथ रखें।
  5. कुछ ओर आगे झुकें और पेट को कोहनियों पर टिकाएं। छाती को हाथों के ऊपरी भाग पर रखें।
  6. फिर पैरों को पीछे की ओर इस प्रकार फैलाएं कि वे सीधे और एक साथ रहें।
  7. शरीर की मांसपेशियों पर जोर डालते हुए धीरे-धीरे धड़ और पैरों को इस प्रकार उठायें कि वे जमीन के समानांतर हो जाएं।
  8. सिर को ऊपर उठाकर रखें।
  9. अब पूरे शरीर का भार केवल हथेलियों पर संतुलित रहेगा।
  10. मांसपेशियों पर अधिक जोर लगाकर, पैरों को सीधा रखते हुए तथा शरीर के संतुलन को व्यवस्थित करते हुए पैरों और पंजों को और ऊंचा उठाने का प्रयास करें। आधी जोर न लगाएं।  
  11. आखिर में, शरीर का भार छाती पर न डालते हुए पेट की मांसपेशियों पर डालें।
  12. कुछ समय तक इस स्थिति में रहें, फिर धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में वापस आ जाएं।
  13. जब सांस सामान्य हो जाए तो फिर से इस आसन को दोहराने की कोशिश करें।
  14. इस आसन को तीन बार दोहराने की कोशिश करें। फिर अपनी क्षमता के अनुसार इस आसन की अवधि बढ़ाते रहें।

इस आसान को आप या तो इस प्रकार कर सकते हैं या फिर हंसासन में भी कर सकते हैं। हंसासन करते समय आपको पेरों को जमीन पर ही टिकाये रखें, बाकि पूरी प्रक्रिया ऐसे ही रहेगी। अपनी क्षमता के अनुसार आप इन आसनों का चयन कर सकते हैं।

(और पढ़ें - जोड़ों में दर्द क्यों होता है)

मयूरासन में बरतने वाली सावधानियां कुछ इस प्रकार हैं –

  1. हाई ब्लड प्रेशर या ह्रदय रोगहर्नियापेप्टिक अल्सर वाले व्यक्तियों को मयूरासन नही करना चाहिए।
  2. किसी प्रकार की बीमारी या शारीरिक दुर्बलता का लक्षण प्रकट होने पर इस आसन को न करें।
  3. गर्भवती महिलायें इस आसन को बिल्कुल न करें।
  4. अगर आपको इस आसन को करते समय कही भी दर्द महसूस होता है तो आसन को रोक दें और आराम से बैठ जाएं।
  5. फिर से इस आसन को करने का प्रयास करें।
  6. पुनः परेशानी होने पर अपने योग ट्रेनर से बात जरूर करें।
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