मानसून आते ही हर कोई खुश हो जाता है क्योंकि मानसून के आने से सबको गर्मी से राहत मिल जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मानसून का मौसम आपके स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित हो सकता है क्योंकि बारिश के साथ कई प्रकार की बीमारियां भी आती है।

  1. मानसून में मच्छरों से उत्पन्न रोग होने वाले - Mosquito Borne Diseases in Monsoon in Hindi
  2. मानसून में जल से उत्पन्न होने वाली बीमारियां - Water borne diseases in Monsoon in Hindi
  3. मानसून में आमतौर पर होता हैं वायरल संक्रमण - Viral Infections Common in Monsoon in Hindi
  4. मानसून के दौरान कवक संक्रमण - Fungal infection During Monsoon in Hindi
मानसून में होने वाली बीमारियां, लक्षण और सावधानियां के डॉक्टर

ये रोग एक जगह रूके (ठहरे) हुए जल के माध्यम से फैलते हैं जो मच्छरों के विकास के लिए आदर्श होता है। स्थिर पानी केवल जल निकायों का उल्लेख नहीं करता है। कूलर, रबड़ टायर या बाहर खुले कंटेनरों में बचा हुआ पानी मच्छरों के लिए प्रजनन आधार हो सकता है। तो आइये जानते हैं कुछ मच्छर से उत्पन्न होने वाली बिमारियों के बारे में -

बारिश के मौसम में मलेरिया - Malaria Common in Rainy Season in Hindi

मलेरिया हर मानसून में हजारों लोगों को मारता है। यह मादा एनोफेलीज मच्छर के द्वारा काटने पर होता है। यह मच्छर शाम और सुबह को काटते हैं। (और पढ़ें – मलेरिया का घरेलू इलाज)

लक्षण

  1. ठंड के साथ गंभीर बुखार, आमतौर पर बुखार मच्छर के काटने के 72 घंटे के भीतर होता है। (और पढ़ें – बुखार के घरेलू उपचार)
  2. शरीर में दर्द, पसीना और ठंड लगना।
  3. इसमें दस्त, पीलिया आदि लक्षण भी शामिल हो सकते हैं।

मानसून मौसम में डेंगू होना है आम - Dengue in Monsoon is common in Hindi

यह शायद सबसे कुख्यात मानसून की बीमारी है। डेंगू एडीज मच्छर द्वारा काटने पर होता है जो कि दिन के समय काटता है। (और पढ़ें - डेंगू बुखार के घरेलू उपचार)

लक्षण

  1. मच्छर काटने के चार से सात दिनों के भीतर तेज बुखार होना।
  2. मांसपेशियों और जोड़ों में गंभीर दर्द के साथ शरीर पर चकत्ते होना।
  3. आंखों के पीछे दर्द।
  4. भूख में कमी।
  5. मसूड़ों से खून बहना।

सावधानियां

  1. सुबह से या शाम के समय घर से निकलते समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
  2. हमेशा एक प्रभावी मच्छर विकर्षक (repellent) लें। आजकल एंटी-मॉस्क्वीटो लोशन, स्प्रे और कलाई बैंड भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं।
    अपने आस-पास पानी के ठहराव से बचें और नियमित रूप से कीटनाशक स्प्रे का प्रयोग करें।
  3. रात में कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  4. ये सभी सावधानियां मलेरिया बुखार के लिए भी अपनाएं। 

चिकनगुनिया है मानसून में मच्छरों से पैदा होने वाला रोग - Chikungunya Mosquito Borne Disease in Monsoon in Hindi

चिकनगुनिया वायरस एक संक्रमित मच्छर एडीज़ एलबोपिकटस के काटने से फैलता है। ये मच्छर रुके हुए पानी में पैदा होते हैं और दिन के समय काटते हैं।

लक्षण 

  1. अचानक तेज बुखार होना
  2. जोड़ो में दर्द
  3. मांसपेशियों में दर्द (और पढ़ें – मांसपेशियों में दर्द के घरेलू उपचार)
  4. मतली, थकान और सिरदर्द (और पढ़ें – थकान कम करने के घरेलू उपाय)

सावधानियां

  1. मानसून में इस बीमारी से बचने के लिए पानी के कंटेनर को नियमित रूप से साफ करें और कीट निवारक का इस्तेमाल करें।
  2. घर पर बने स्वस्थ भोजन का सेवन करें।

मानसून के दौरान, इस प्रकार के रोगों का प्रकोप होता है जो दूषित भोजन या पानी के माध्यम से फैलता हैं। यह उन इलाकों में आम है जहां स्वच्छता और समुचित सीवेज प्रणाली की कमी है। स्ट्रीट के अस्वस्थ भोजन और पेय पदार्थ भी ऐसे रोगों का स्रोत बन सकते हैं।

मानसून में हैजा है जल से उत्पन्न रोग - Cholera is Waterborne Disease in Monsoon in Hindi

यह बीमारी आम तौर पर मानव मल द्वारा दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलती है और मक्खियों द्वारा तेजी से आगे बढ़ती है। यह बीमारी खराब स्वच्छता वाले क्षेत्रों में आम है। हैजा आसानी से ठीक हो सकता है, अगर उपचार न किया जाए तो यह घातक भी हो सकता है।

लक्षण

  1. गंभीर दस्त और उल्टी होना (और पढ़ें –  डायरिया का घरेलू उपचार)
  2. निर्जलीकरण के कारण तीव्र वजन घटना और मांसपेशियों में ऐंठन
  3. कम रक्त दबाव
  4. मुंह, गले, नाक और पलकों के अंदर सूखी श्लेष्म झिल्ली (mucous membranes)
  5. त्वचा की लोच का नुकसान

टाइफाइड फीवर है पानी से उत्पन्न रोग - Typhoid is Water Borne Diseases in Rainy Season in Hindi

टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया द्वारा दूषित भोजन या पानी के कारण होता है। यह बैक्टीरिया कई हफ्तों तक पानी या सूखे गंदे नालो में जीवित रह सकता है और आम तौर पर शरीर के मौलिक मार्ग (faeco-oral route) के माध्यम से प्रवेश करता है।

लक्षण

  1. भूख में कमी और सुस्ती आना
  2. बुखार, 104 डिग्री फ़ारेनहाइट से भी अधिक
  3. पेट में दर्द (और पढ़ें – पेट दर्द के घरेलू उपचार)
  4. दस्त या कब्ज
  5. सिर दर्द, शरीर में दर्द (और पढ़ें – सिर दर्द के घरेलु उपाय)

मानसून में आम है हेपेटाइटिस ए - Hepatitis A is Common in Monsoon in Hindi

यह हेपेटाइटिस ए वायरस के कारण लिवर की एक गंभीर संक्रामक बीमारी है और यह संक्रमित मल, भोजन, पानी या संक्रमित व्यक्ति के साथ करीबी व्यक्तिगत संपर्क (close personal contact) के माध्यम से फैलता है। यह रोगी गैर-त्वचा संपर्क (non-skin contact) या निकटता के माध्यम से फैलता नहीं है। लक्षण आमतौर पर वायरस से संपर्क करने के 2-7 सप्ताह बाद विकसित होते हैं।

लक्षण

  1. थकान
  2. जी मिचलाना
  3. पीलिया
  4. डार्क कलर यूरिन
  5. भूख घटना
  6. काले रंग का मल

सावधानियां

  1. उस भोजन या पानी से बचें जिसकी दूषित होने की एक उच्च संभावना है।
  2. सख्त निजी स्वच्छता बनाए रखने से अधिकांश पानी से उत्पन्न होने वाली बीमारियों से संरक्षण सुनिश्चित होता है।
  3. भोजन / पानी को मक्खियों से बचाने के लिए कवर कंटेनरों में स्टोर करें।
  4. इन बीमारियों को हल्के से न लें। इनको अनदेखा करना संभावित घातक महामारी का कारण बन सकता है।
  5. दस्त से होने वाली निर्जलीकरण से निपटने के लिए थोड़े थोड़े टाइम बाद छोटी मात्रा में ओआरएस पीते रहें।
  6. ये सभी सावधानियां टाइफाइड बुखार और हैजा रोग के लिए भी अपनाएं। 
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मानसून में डायरिया है एक आम रोग - Diarrhea is Common in Monsoon in Hindi

यह मानसून में होने वाला एक और सबसे आम रोग है। अधिकतर कम गुणवत्ता के तेल से बने खाद्य और अस्वच्छ भोजन और पानी के कारण डायरिया होता है।

लक्षण

  1. दस्त होना
  2. पेट में तेज दर्द
  3. उल्टी आना
  4. बुखार
  5. कमजोरी महसूस होना

सावधानियां

  1. बहुत अधिक ऑयली फ़ूड खाने से बचें।
  2. इस समस्या को रोकने के लिए उचित स्वच्छता रखें।
  3. खाना खाने से पहले हाथ धोएं।
  4. पानी केवल उबालकर पिएं।

वायरल संक्रमण विभिन्न रोगों के आक्रमण के कारण होता है जिसमें वायरस शरीर में फैलता है। ये संक्रमण प्रणालीगत हैं, जिसका मतलब है कि ये वायरस एक ही समय में शरीर प्रणाली के कई अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करते हैं। मानसून में दमनकारी आर्द्रता और बारिश के कारण यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैलता है और विशेष रूप से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में।

मानसून के दौरान वायरल बुखार है कॉमन - Viral Fever during Monsoon is Common in Hindi

वायरल बुखार सबसे सामान्य चिकित्सा लक्षणों में से एक है।

लक्षण

  1. थकान और शरीर में दर्द
  2. नाक बहना या नाक की रुकावट
  3. दस्त
  4. खाँसी या गले में खराश
  5. आँखें और त्वचा की चकत्ते में सनसनी जलन

मानसून में नेत्र संक्रमण होना - Eye Infection in Monsoon in Hindi

वायरस की वजह से आंखों के संक्रमण आम तौर पर हल्के होते हैं और आमतौर पर स्वयं ठीक हो जाते हैं। इसमें कंजेक्टिवाइटिस (आँखे आना) भी शामिल है, जिसे अक्सर गुलाबी आंख कहा जाता है, जो आँखों की झिल्ली को प्रभावित करता है। और इसके अलावा जो पलकों और पलकों के मार्जिन के अंदर की रेखाओं को प्रभावित करता है।

लक्षण

  1. आँखों में किरकिरा महसूस करना
  2. पलकें सूज जाना
  3. जलन और खुजली (और पढ़ें - खुजली के प्रकार)
  4. एक या दोनों आँखों से डिस्चार्ज होना
  5. कॉर्निया के आसपास ब्लड क्लॉट्स

सावधानियां

  1. एक स्वस्थ भोजन लें और जंक फूड से बचें।
  2. बहुत सारे तरल पदार्थों का सेवन करें।
  3. अपने आप को साफ रखें और कमजोरी के शुरुआती लक्षणों का पता लगाएं।
  4. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें।
  5. सुनिश्चित करें कि आप अपने आंखों या मुँह के संपर्क में लाने से पहले एक प्रभावी निस्संक्रामक के साथ अपने हाथों को अच्छी तरह धो लें।
  6. एक सैनिटाइज़र ले लो और भोजन से पहले इसका उपयोग करें।
  7. ये सभी सावधानियां वायरल बुखार के लिए भी अपनाएं। 

फंगल संक्रमण फंगस के कारण होते हैं, फंगस एक प्रकार का सूक्ष्मजीव होता है। यह संक्रमण बगल की तरह त्वचा की परतें और पैर की उंगलियों के बीच की जगह में होता है। अक्सर इन जगहों पर नमी बरकरार रहती है, विशेष रूप से नम मानसून के दौरान।

लक्षण

  1. त्वचा का छीलना, क्रैकिंग और स्केलिंग।
  2. लाली, फफोले, त्वचा का अधिक सॉफ्ट होना और त्वचा का उतरना।
  3. खुजली, जलन या फिर दोनों होना।

सावधानियां

  1. अपने शरीर को सूखा रखें।
  2. यदि आप बारिश में भीग गए हैं तो जितनी जल्दी हो सके अपने आप को सूखा लें। गीले अंडरगारमेंट्स बदलें।
  3. सैंडल पहनें, यदि संभव हो तो अपने पैरों को हवा दें।
  4. दिन में दो बार स्नान करें और अपने स्नान के पानी में नींबू, नीम या निम्बू का अर्क डालें।

इसके अलावा पीलिया वायरस आमतौर पर दूषित पानी और भोजन के कारण फैलता है। पीलिया के लक्षण कमज़ोरी, पीला मूत्र, उल्टी ओर यकृत रोग हैं। इस मानसून पीलिया रोग से दूर रहने के लिए उबला हुआ पानी पिएं और स्ट्रीट फूड खाने से बचें।

Siddhartha Vatsa

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3 वर्षों का अनुभव

Dr. Harshvardhan Deshpande

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