गर्भवती होना किसी भी महिला के लिए सबसे खास पल होता है, लेकिन कुछ महिलाएं कई प्रयासों के बावजूद गर्भवती नहीं हो पाती हैं. इस अवस्था में वो तरह-तरह के उपायों को आजमाती हैं, लेकिन सफलता नहीं मिलती. ऐसे में अगर हम यह कहें कि बस कुछ घरेलू उपायों के जरिए गर्भवती हुआ जा सकता है, तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है. इसके लिए बस संतुलित वजन को बनाए रखना, शारीरिक गतिविधि को बढ़ाना और तनाव मुक्त रहकर गर्भवती होने की संभावना को कई गुणा बढ़ाया जा सकता है.

आज इस लेख में आप गर्भवती होने के कुछ खास घरेलू उपाय जानेंगे -

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  1. गर्भवती होने के घरेलू उपाय
  2. सारांश
गर्भधारण करने के घरेलू तरीके के डॉक्टर

हेल्दी वेट मेंटेन करने, फिजिकल एक्टिविटी करने, एंटी-ऑक्सीडेंट डाइट के सेवन और स्ट्रेस फ्री जैसे घरेलू उपाय गर्भवती होने में मदद कर सकते हैं. मूल रूप से ये घरेलू उपाय महिला की प्रजनन क्षमता को बेहतर करते हैं, जिस कारण गर्भधारण करना आसान हो जाता है. साथ ही गर्भावस्था के दौरान भी किसी प्रकार की समस्या नहीं आती है. आइए, गर्भवती होने के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं -

मल्टी विटामिन

मल्टी विटामिन के सेवन से ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी का सामना कम से कम करना पड़ता है. शोध कहते हैं कि यदि कोई महिला प्रति सप्ताह 3 या इससे अधिक बार मल्टी विटामिन का सेवन करती है, तो ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी से बचा जा सकता है. इसके लिए डॉक्टर ऐसे मल्टी विटामिन का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं, जिसमें फोलेट की मात्रा ज्यादा हो.

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प्रोटीन का सेवन

नियमित रूप से प्रोटीन का सेवन करने से भी गर्भधारण करने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए बीन्स, फलसब्जियांनट्स, सीड्स दूध व दूध से बने तमाम उत्पादों का सेवन करने से गर्भवती होने की संभावना ज्यादा रहती है. शोध के अनुसार, एनिमल प्रोटीन से कहीं बेहतर वेजीटेबल प्रोटीन होता है और यह ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी के जोखिम को कम करता है. 

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ज्यादा फाइबर का सेवन

साबुत अनाज, फल, सब्जियों जैसे फाइबर के सेवन से शरीर को अतिरिक्त हार्मोन से छुटकारा मिलता है और ब्लड शुगर लेवल भी संतुलित रहता है. शोध के अनुसार, प्रत्येक महिला को प्रतिदिन 25 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए. प्रतिदिन तय मात्रा में फाइबर लेने से ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी होने की आशंका करीब 44 प्रतिशत तक कम हो जाती है.

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हाई फैट डेयरी का सेवन

लो फैट युक्त डेयरी उत्पाद का ज्यादा सेवन करने से इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ सकता है. वहीं, हाई फैट युक्त डेयरी उत्पाद के सेवन से गर्भवती होने की संभावना बढ़ सकती है. शोध के अनुसार, जिन महिलाओं ने प्रति दिन हाई फैट डेयरी उत्पादों का सेवन किया, उनके इंफर्टाइल होने की आशंका 27 प्रतिशत तक कम हो गई.

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ट्रांस फैट कम

जहां हेल्दी फैट का सेवन प्रजनन क्षमता को बेहतर करता है, वहीं ट्रांस फैट ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी के जोखिम को बढ़ाने का काम करता है. इसलिए, जो महिला गर्भधारण की योजना बना रही हो, उसे फ्राइड फूड, प्रोसेस्ड फूड और बेक्ड फूड खाने से परहेज करना चाहिए.

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एंटी-ऑक्सीडेंट फूड का सेवन

फोलेट और जिंक जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट न सिर्फ महिलाओं में, बल्कि पुरुषों में भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाते हैं. इस तरह से इसके सेवन से गर्भवती होने के मौके बढ़ते हैं. दरअसल, ये शरीर में फ्री रेडिकल्स को असक्रिय करते हैं, जो पुरुषों में स्पर्म और महिलाओं में एग सेल्स को नष्ट कर सकते हैं. फल, सब्जियों, नट्स और साबुत अनाज में विटामिन-सीविटामिन-ई, फोलेट, बीटा कैरोटीन और ल्यूटिन जैसे लाभकारी एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं. इनका सेवन करने से गर्भवती होने की संभावना बढ़ने में मदद मिलती है. 

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स्ट्रेस फ्री

ये बात तो सभी जानते हैं कि महिला के गर्भवती न होने में स्ट्रेस की बड़ी भूमिका है. इसलिए, जरूरी है कि स्ट्रेस फ्री रहा जाए. शोध भी बताते हैं कि स्ट्रेस फ्री रहने से गर्भवती होने के चांसेज बढ़ सकते हैं. इसलिए, रिलैक्स रहने की कोशिश करनी चाहिए. इसके लिए नियमित रूप से योग व मेडिटेशन करने से फायदा हो सकता है.

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संतुलित वजन

वजन जरूरत से ज्यादा होने का असर महिला की प्रजनन क्षमता पर पड़ता है. कई शोध यह साबित कर चुके हैं कि वजन के ज्यादा होने से रिप्रोडक्टिव प्रोसेस में दिक्कत आ सकती है. इसमें फर्टिलाइजेशन प्रक्रिया और एम्ब्रियो का विकास शामिल है. वजन कम करने से इन दिक्कतों से छुटकारा मिल सकता है. इसलिए, जरूरी है कि फर्टिलिटी के लिए वेट को मेंटेन करके रखा जाए. 

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शारीरिक गतिविधि

शारीरिक रूप से एक्टिव रहने पर महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ती है. इसलिए, जरूरी यह है कि फिजिकल एक्टिविटी सही तरह से पॉजिटिव इफेक्ट के साथ की जाए. इसके साथ पर्याप्त कैलोरी इनटेक भी जरूरी है.

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अगर कोई महिला गर्भवती होने की कोशिश में है, तो उसे हेल्दी न्यूट्रिशन और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाने की कोशिश करनी चाहिए. गर्भवती होने के घरेलू उपाय के तौर पर हेल्दी वेट मेंटेन करने, एंटी-ऑक्सीडेंट का सेवन करने, स्ट्रेस फ्री रहने व फिजिकल एक्टिविटी करने से फायदा हो सकता है.

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