सफेद दाग त्वचा से संबंधित रोग है, जिसे मेडिकल भाषा में विटिलिगो कहा जाता है. इस स्थिति में त्वचा के कुछ हिस्से अपना रंग खो देते हैं. ऐसे में प्रभावित एरिया पर सफेद पैच दिखाई देने लगते हैं. यह समस्या किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है. दुनियाभर में करीब 2 प्रतिशत लोग त्वचा पर सफेद दाग की समस्या से प्रभावित हैं. विटिलिगो आंखो, मुंह, बाल व त्वचा के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है. जिन लोगों की स्किन टोन डार्क या टैन्ड होती है, उनमें सफेद पैच अधिक दिखाई दे सकते हैं. वैसे तो विटिलिगो का इलाज विभिन्न तरह की क्रीम से किया जा सकता है, लेकिन इसमें कई महीने या वर्ष लग सकते हैं.

आज इस लेख में हम त्वचा के सफेद दागों को मिटाने के लिए क्रीम के बारे में बताएंगे -

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  1. सफेद दाग पर कौन-सी क्रीम लगाएं
  2. सारांश
सफेद दाग हटाने की क्रीम के डॉक्टर

विटिलिगो की समस्या तब होती है, जब त्वचा के अंदर मेलानोसाइट्स कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं. मेलानोसाइट्स कोशिकाएं मेलेनिन के उत्पादन में मदद करती हैं. मेलेनिन गहरा रंग द्रव्य होता है, जो त्वचा को सूरज की यूवी किरणों से बचाता है. विटिलिगो लंबे समय तक रहने वाला रोग है, लेकिन अगर कुछ मलहम का उपयोग किया जाए, तो सफेद पैच को काफी हद तक हल्का किया जा सकता है और फैलने से रोका जा सकता है. त्वचा के सफेद दागों के लिए निम्न क्रीम फायदेमंद हो सकती हैं -

मायउपचार आयुर्वेद महामरिच्यादि ऑइंटमेंट - Myupchar Ayurveda Maha Marichyadi Ointment

त्वचा के सफेद दागों को मिटाने के लिए मायउपचार आयुर्वेद महामरिच्यादि ऑइंटमेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें महामरिच्यादि तैलम के साथ-साथ अन्य गुणकारी 11 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां शामिल हैं. इसे प्रभावित एरिया पर लगाएं और धीरे-धीरे मलें. आमतौर पर इस मलहम को दिन में एक से दो बार लगाया जा सकता है. इसे लगाने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोएं. क्रीम को आंखों, नाक या मुंह पर लगाने से बचें. महामरिच्यादि ऑइंटमेंट को त्वचा पर लगाने से फंगल इंफेक्शन, एक्जिमा व स्किन एलर्जी को भी ठीक किया जा सकता है.

(और पढ़ें - सफेद दाग में क्या खाना चाहिए)

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टैक्रोलिमस मलहम - Tacrolimus Ointment

अगर त्वचा के किसी भी हिस्से पर सफेद दाग हो गए हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर टैक्रोलिमस क्रीम लगाई जा सकती है. इसे कैल्सीन्यूरिन इनहिबिटर के रूप में जाना जाता है. कैल्सीन्यूरिन इनहिबिटर एक प्रकार का इम्यूनोसप्रेसेंट होता है, जिनका उपयोग ऑटोइम्यून स्थितियों का इलाज करने के लिए किया जाता है. टैक्रोलिमस मलहम को सिर्फ छोटे-छोटे सफेद पैच पर ही इस्तेमाल किया जा सकता है.

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टॉपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स - Topical Corticosteroids

टॉपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स मलहम स्टेरॉयड युक्त क्रीम हैं. कुछ अध्ययनों से पता चला है कि इस मलहम को लगाने से सफेद दाग-धब्बों को बढ़ने से रोका जा सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल कभी भी चेहरे पर नहीं करना चाहिए. अगर कोई इसका उपयोग रोज कर रहा है और सुधार हो रहा है, तो एक महीने बाद कुछ दिनों के लिए इसे उपयोग करना छाेड़ दें. फिर कुछ दिनों बाद इसका इस्तेमाल करना शुरू करें. अगर एक महीने तक लगाने के बाद कोई सुधार नहीं होता है या कोई साइड इफेक्ट नजर आता है, तो इस मलहम को लगाना बंद कर दें.

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डिपिगमेंटिंग क्रीम - Depigmenting Creams

त्वचा के सफेद दाग या विटिलिगो का इलाज करने के लिए डिपिगमेंटिंग क्रीम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इस प्रकार की क्रीम को लगाने से सफेद दागों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इसके तहत निम्न प्रकार क्रीम आती हैं -

हालांकि, ये क्रीम सफेद दागों के इलाज में फायदेमंद हो सकती हैं, लेकिन इन्हें लगाने से त्वचा अधिक नाजुक भी हो सकती हैं. इन्हें लगाने के बाद लंबे समय तक सूरज के संपर्क में आने से बचना चाहिए. ये त्वचा की गहराई तक जाकर सफेद दागों को ठीक करने में मदद करती है. इनका असर दिखने में 12 से 14 महीने का समय लग सकता है.

(और पढ़ें - रंगहीनता का इलाज)

विटिलिगो की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह 10 से 30 वर्ष की आयु के लोगों में ज्यादा दिखाई देती है. विटिलिगो की समस्या छोटे बच्चों या बुजुर्गों में कम ही देखने को मिलती है. विटिलिगो के इलाज के लिए कई तरह की दवाइयां, फोटोथेरेपी, लेजर थेरेपी और सर्जिकल थेरेपी मौजूद हैं, लेकिन हल्के पैच को ठीक करने या बढ़ने से रोकने के लिए क्रीम का उपयोग ज्यादा फायदेमंद है. ध्यान रहे कि इन क्रीम का इस्तेमाल डॉक्टर से पूछे बिना नहीं करना चाहिए.

(और पढ़ें - मेलेनिन की कमी का इलाज)

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