जिस रात नींद पूरी नहीं होती है, उसके अगली सुबह सब कुछ अजीब-सा महसूस होता है. मूड भी खराब रहता है और चिड़चिड़ापन भी रहता है. रात को नींद पूरी न होने से मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर विपरित असर पड़ता है. वहीं, दूसरी ओर यदि नींद पूरी होती है, तो इससे मूड बेहतर रहता है, याददाश्त तेज होती है, टाइप 2 डायबिटीज से दूरी बनी रहती है और सबसे जरूरी बात, वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.

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आज इस लेख में आप पूरी नींद लेने से होने वाले फायदे के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. पूरी नींद लेने से होने वाले फायदे
  2. सारांश
पूरी नींद लेने से होने वाले फायदे के डॉक्टर

पूरी नींद न लेने से अच्छा महसूस नहीं होता है और वहीं नींद पूरी हो जाए, तो यह याददाश्त को तेज करने के साथ ही मूड को बेहतर करता है. आइए, पूरी नींद लेने से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

मूड होता है बूस्ट

अगर नींद पूरी नहीं होती है, तो यह मूड को निगेटिव तरीके से प्रभावित करता है. शोध के अनुसार, इनसोम्निया होने की स्थिति में पांच गुना अधिक डिप्रेशन होने के चांसेज रहते हैं. सिर्फ यही नहीं, एंग्जायटी और पैनिक डिसऑर्डर भी हो सकता है. सोते समय ब्रेन इमोशंस को प्रोसेस करता है और चीजों पर सही तरीके से रीएक्ट करने के लिए तैयार होता है.

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टाइप 2 डायबिटीज से दूरी

कम नींद लेने से टाइप 2 डायबिटीज और इंसुलिन रेसिस्टेंस होने का जोखिम रहता है. नींद पूरी न होने से शरीर के सेल्स इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं, जिससे खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है. शोध के अनुसार, 5 घंटे से कम की नींद लेने पर टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम 48 प्रतिशत बढ़ जाता है. नींद पूरी न होने से इंसुलिन सेंसिटिविटी, इंफ्लेमेशन का बढ़ना और भूख वाले हार्मोन में बदलाव आ सकता है. ये सब मिलकर टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकते हैं. 7 से 8 घंटे की नींद लेने से यह सुनिश्चित होता है कि शरीर में ब्लड शुगर नियमित रहे.

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स्ट्रेस व डिप्रेशन से दूरी

पूरी नींद लेने से व्यक्ति का दिमाग और शरीर रिलैक्स करता है और दिन भर की थकान से निजात मिलती है. स्ट्रेस की वजह से व्यक्ति की प्रोडक्टिविटी भी घट जाती है. पूरी नींद लेने से व्यक्ति सुबह फ्रेश महसूस करता है, उसके काम की क्वालिटी भी सही रहती है और उसकी एनर्जी भी भरपूर रहती है. 

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बेहतर एथलीट परफॉर्मेंस

एथलेटिक रिकवरी के लिए जरूरी है कि नींद पूरी ली जाए. नींद के दौरान शरीर सबसे ज्यादा ग्रोथ हार्मोन का निर्माण करता है. ये ग्रोथ हार्मोन टिशू रिपेयर के लिए जरूरी माने जाते हैं और मांसपेशियों के विकास में भी योगदान देते हैं. अधिकतर एथलीट को रोजाना रात को 8 घंटे के नींद की जरूरत पड़ती है. इसी समय उनका शरीर खुद को रिपेयर कर रहा होता है और इससे उनकी परफॉर्मेंस में सुधार आता है. यदि नींद पूरी न हो, तो थकान बनी रहती है.

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वजन रहे संतुलित

एक्सरसाइज, स्ट्रेस मैनेजमेंट और हेल्दी इटिंग के साथ यदि नींद पूरी होती है, तो यह वजन को मैनेज करने में भी भूमिका निभाता है. नींद के दौरान शरीर लेप्टिन नामक भूख दबाने वाले हार्मोन को रिलीज करता है और भूख बढ़ाने वाले हार्मोन घ्रेलिन के निर्माण को कम कर देता है. वहीं, कम नींद लेने पर घ्रेलिन का निर्माण बढ़ जाता है और लेप्टिन का निर्माण कम हो जाता है. इस तरह से कम नींद से भूख ज्यादा लगने लगती है और वजन मैनेज नहीं रह पाता है.

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मजबूत इम्यून सिस्टम

शोध के अनुसार, पूरी नींद लेने से शरीर खुद को रिपेयर करने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है. इसकी वजह से जोखिम भरे बैक्टीरिया और वायरस कम अटैक करते हैं और व्यक्ति कम बीमार पड़ता है.

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तेज याददाश्त

नींद सीखने की क्षमता और याददाश्त दोनों में अहम भूमिका निभाता है. नींद पूरी न हो, तो ध्यान केंद्रित करने और नई जानकारी को ग्रहण करने में समय लगता है. व्यक्ति के दिमाग को भी पर्याप्त समय नहीं मिलता है कि वह यादों को अच्छी तरह से स्टोर कर पाए.  

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हेल्दी रहने के लिए बढ़िया डाइट और एक्सरसाइज के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि व्यक्ति पूरी नींद ले. नींद के समय शरीर हार्मोनल संतुलन को बेहतर करता है. पूरी नींद लेने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके से फायदा पहुंचता है. व्यक्ति का इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है, याददाश्त तेज होती है, मूड बढ़िया रहता है और यह वजन को मैनेज करने में भी मददगार साबित होता है. हालांकि, यह भी सच है कि हर व्यक्ति की नींद की जरूरतें अलग-अलग होती हैं. अधिकतर शोध यही कहते हैं कि रोज रात 7 से 9 घंटे की नींद लेने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रहता है. 

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