सोते समय ठीक से सांस न लेने की समस्या को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया कहा जाता है. यह समस्या तब होती है, जब गले के पीछे की मांसपेशियां इतनी रिलैक्स हो जाती हैं कि वायुमार्ग संकरा हो जाता है और सामान्य सांस लेने में मुश्किल होने लगती है. दिन में नींद आना, सोते हुए तेज खर्राटे लेना, सुबह सिरदर्द होना और हाई ब्लड प्रेशर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण हो सकते हैं. इसके उपचार के तौर पर वजन कम करने, करवट लेकर सोने व सीपीएपी थेरेपी लेने से आराम मिल सकता है.

नींद से जुड़े विकार का आयुर्वेदिक इलाज यहां विस्तार से दिया गया है.

आज इस लेख में आप ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के बारे में जानेंगे -

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  1. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण
  2. सारांश
  3. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के उपचार
  4. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण व जोखिम कारक
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

स्लीप एपनिया कई तरह के होते हैं, उनमें से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया सबसे आम है. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण के तौर पर व्यक्ति को दिन में भी नींद आना, तेज खर्राटे लेना व सुबह सिरदर्द रहना शामिल है. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के प्रमुख लक्षण निम्न प्रकार से हैं -

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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होने पर गले के पीछे की मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं और वायुमार्ग संकरा हो जाता है. इसकी वजह से व्यक्ति को सामान्य तौर पर सांस लेने में मुश्किल हो सकती है. तेज खर्राटे लेना, दिन में सिरदर्द होना, ड्राउजीनेस महसूस होना, मूड में अचानक बदलाव होना ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण हैं. वहीं, मोटापा, बढ़ती उम्र, संकरा वायुमार्ग, क्रोनिक नेजल कंजेशन और स्मोकिंग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होने के कारण हो सकते हैं. इसके उपचार के तौर पर वजन कम करना, शराब से दूरी, सीपीएपी थेरेपी व सर्जरी मददगार हो सकती है.

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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के उपचार में यदि वजन ज्यादा है, तो उसे कम करना, शराब का सेवन बंद करना, करवट लेकर सोना शामिल है. आइए, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के उपचार के बारे में विस्तार से जानते हैं -

सर्जरी

जब सीपीएपी या बीपीएपी मशीन काम नहीं करती है, तब सर्जरी के बारे में सोचा जाता है. सर्जरी का इस्तेमाल गले के पीछे के अतिरिक्त टिश्यू को हटाने के लिए किया जा सकता है. अगर चेहरे के ढांचे के साथ कोई समस्या है, तो उसमें सुधार लाया जा सकता है. यदि कोई शारीरिक समस्या है, तो वायु मार्ग में एक छेद बनाया जाता है, ताकि हवा आसानी से पास हो सके. सर्जरी के जरिए पेसमेकर जैसी एक डिवाइस भी लगाई जा सकती है, जिसकी मदद से नींद के दौरान गले की मांसपेशियां उत्तेजित रहती हैं. ध्यान रहे कि सर्जरी के कई नुकसान भी हैं.

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बीपीएपी थेरेपी

इसे बिलेवेल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (Bilevel positive airway pressure) कहा जाता है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब सीपीएपी थेरेपी काम नहीं करती है. इसमें मशीन की मदद से सांस लेने की प्रतिक्रिया में दो प्रेशर डिलीवर किए जाते हैं - सांस अंदर लेने का दबाव और सांस बाहर छोड़ने का दबाव.

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सीपीएपी थेरेपी

इसे कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर थेरेपी (Continuous positive airway pressure) कहा जाता है, जो ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का उपचार है. इसके तहत रात में फेस मास्क पहनकर सोने की सलाह दी जाती है. यह फेस मास्क रात में वायुमार्ग को खुला रखने में मदद करता है. हालांकि, सीपीएपी थेरेपी के साथ सोने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन सही सपोर्ट से इसके साथ होने वाली समस्याएं धीरे-धीरे दूर हो जाती हैं.

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शराब से दूरी

शराब पीने से नींद के दौरान वायुमार्ग बंद हो जाता है और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. इसलिए, शराब के सेवन से परहेज करने से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में आराम मिल सकता है. 

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करवट लेकर सोना

पीठ के बाल सोने से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की स्थिति और गंभीर हो सकती है. ऐसे में करवट लेकर सोने से राहत मिल सकती है.

वजन कम करना

वजन ज्यादा होने पर गले के आसपास की मांसपेशियों में फैट जमा हो जाता है, जिससे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होने की आशंका बढ़ जाती है. इस स्थिति में वजन कम करने से यह दिक्कत कम हो सकती है. वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज की मदद ली जा सकती है. इससे ब्लड प्रेशर भी कम होगा, जो ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होने का एक अन्य कारण है.

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अधिक मोटापा, बढ़ती उम्र व हाई ब्लड प्रेशर स्लीप एपनिया के कारण हो सकते हैं. आइए, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

पारिवारिक इतिहास

यदि परिवार में किसी को पहले भी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया हो चुका है, तो इसके होने का जोखिम बढ़ सकता है. 

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जीभ का आकार

अगर किसी व्यक्ति की जीभ का आकार बड़ा हो, जो पीछे जाकर वायुमार्ग को बंद कर दे, तो भी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया हो सकता है.

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रेट्रोगनाथिया

इस स्थिति में जबड़े का निचला हिस्सा ऊपरी हिस्से से छोटा रहता है. ऐसा लोगों को भी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया हो सकता है.

कॉलर साइज

जिन पुरुषों का कॉलर साइज 17 इंच और महिलाओं का कॉलर साइज 16 इंच या इससे ज्यादा है, उन्हें ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होने का जोखिम रहता है.

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अस्थमा

शोध कहते हैं कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया और अस्थमा आपस में संबंधित हैं. दरअसल, अस्थमा वाले लोगों में नाक बंद होने की आशंका ज्यादा होती है और यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया को बढ़ावा देता है.

धूम्रपान

धूम्रपान करने वालों को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का जोखिम अधिक रहता है.

क्रोनिक नेजल कंजेशन

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का जोखिम उन लोगों को दोगुना हो सकता है, जिनकी नाक किसी भी कारणवश रात में बंद ही रहती है. इसका एक कारण संकरा वायुमार्ग है.

हाई ब्लड प्रेशर

हाइपरटेंशन के चलते भी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की समस्या हो हो सकती है. 

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संकरा वायुमार्ग

कई बार जेनेटिक तौर पर भी वायुमार्ग संकरा होता है. इसके अलावा, टॉन्सिल या एडेनोइड इतने बढ़ सकते हैं कि ये वायुमार्ग को बंद कर सकते हैं.

बढ़ती उम्र

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का जोखिम बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता जाता है.

मोटापा

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का एक मुख्य कारण मोटापा है, लेकिन यह सबके साथ हो, यह भी जरूरी नहीं है. वायुमार्ग के आसपास फैट जमा होने से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. मोटापे से जुड़ी समस्या जैसे हाइपोथायरायडिज्म या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का कारण हो सकते हैं.

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