एक नया अध्ययन बताता है कि पर्सनल केयर के लिए उपयोग किए जाने वाले उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला में पाए जाने वाले रसायन लड़कियों में समय से पहले यौवनावस्था (प्यूबर्टी) आने से जुड़े हुए हैं। यह अध्ययन थेलेट्स (phthalates), परबेन्स और फिनोल सहित विशिष्ट रसायनों पर केंद्रित है। ये रसायन इत्र, साबुन, शैंपू, नेल पॉलिश, कॉस्मेटिक्स, टूथपेस्ट, लिपस्टिक, हेयर स्प्रे और स्किन लोशन सहित तमाम उत्पादों में पाए जाते हैं।

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अध्ययन के लेखक किम हार्ले बताते हैं कि, "ये रसायन" या तो त्वचा के माध्यम से अवशोषण द्वारा, सांस लेने से या लिपस्टिक की तरह भोजन के साथ मिल कर हमारे शरीर में आते हैं। वे कहते हैं कि "एक बार जब ये रसायन शरीर में चले जाते हैं, तो वे बहुत ही जल्दी पच कर फिर मूत्र में उत्सर्जित हो जाते हैं।"

रसायनों के साथ नियमित रूप से संपर्क कैसे युवावस्था को प्रभावित कर सकता है, इस पर उन्होंने लिखा कि रसायनों को "प्रयोगशाला के अंदर कुछ स्थितियों में एस्ट्रोजेन को कॉपी करते हुए देखा गया है। हार्ले ने कहा कि "वास्तव में, पशुओं पर किए गए पूर्व अध्ययनों से पता चला है कि इन रसायन से संपर्क यौवन को समय से पहले ला सकता है।

इस अध्ययन में, उनकी टीम ने पाया कि लड़कियों में "माताओं या बेटियों के शरीर में केमिकल का स्तर जितना अधिक होगा उतनी जल्दी आएगी यौवनावस्था"। हालांकि, पुरुष यौवनावस्था के समय के लिए ऐसा कोई लिंक नहीं मिला था।

इस मुद्दे की जांच पड़ताल के लिए, शोधकर्ताओं ने 1999 से 2000 के बीच अध्ययन में शामिल गर्भवती महिलाओं से आंकड़े एकत्र किए और इन आंकड़ों का विश्लेषण किया। महिलाओं का पूरी गर्भावस्था के दौरान दो बार रक्त परीक्षण हुआ था और कथित रसायनों के संपर्क का अनुमान लगाने के लिए साक्षात्कार भी आयोजित किए गए थे।

अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने इन महिलाओं की संतानों में से 338 को उनकी किशोरावस्था तक ट्रैक किया। 9 साल की उम्र में मूत्र के नमूने का विश्लेषण किया गया। उसके बाद 9 और 13 साल की उम्र के बीच नियमित रूप से यौवनावस्था के शुरुआत की जांच की जाती थी। शोधकर्ताओं ने पाया कि एक महिला के खून में थेलेट्स की दोगुनी मात्रा के कारण उसकी बेटी के प्यूबिक हेयर (जघन बाल) का विकास सामान्य से 1.3 महीने पहले शुरू हुआ।

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अध्ययन में यह भी पाया गया कि एक मां में ट्राइकलोसन का स्तर दोगुना होने पर भी उसकी बेटी की पहली पीरियड एक महीने पहले शुरु हो गयी थी। बच्चों के रक्त परीक्षण भी लिए गए थे। इनमें हार्ले की टीम ने पाया कि लड़कियों में परबेन्स का स्तर दोगुना होना एक महीने पहले स्तन और प्यूबिक हेयर के विकास की शुरुआत से जुड़ा हुआ था।

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हार्ले ने जोर देकर कहा कि ये निष्कर्ष "निश्चित रूप से" अपने आप में पूर्ण प्रमाण नहीं हैं कि इस तरह के रासायनिक जोखिम वास्तव में लड़कियों के बीच प्रारंभिक यौवनावस्था का कारण बनते हैं। वे कहते हैं कि "इसलिए, हालांकि हम यह कहने के लिए तैयार नहीं हैं कि जीवन की शुरुआत में इन रसायनों के संपर्क में आने से लड़कियों में समय से पहले यौवनावस्था आती है, लेकिन हमारे पास इस दिशा में चिंता करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।" ये निष्कर्ष ह्यूमन रिप्रोडक्शन पत्रिका के 4 दिसंबर के अंक में प्रकाशित हुए थे।

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