पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक प्रकार का हार्मोनल विकार है. आजकल कई महिलाएं इस परेशानी का सामना कर रही हैं. इसमें कई प्रकार के लक्षण शरीर में दिखने लगते हैं, जिसमें हिर्सुटिज्म की परेशानी भी शामिल है. हिर्सुटिज्म में चेहरे और शरीर के कई हिस्सों में अनचाहे बाल आने लगते हैं. वहीं, कई महिलाओं के सिर के बाल पतले होकर झड़ने लगते हैं. ऐसे में स्पिरोनोलैक्टोन व फिनास्टेराइड जैसी दवाओं के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है.

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आज इस लेख में आप जानेंगे कि पीसीओएस में बाल झड़ने के लक्षण, कारण व इलाज क्या-क्या हैं -

(और पढ़ें - बाल झड़ने के कारण)

  1. पीसीओएस में बाल झड़ने के कारण
  2. पीसीओएस में बाल झड़ने के लक्षण
  3. पीसीओएस में बाल झड़ने का इलाज
  4. पीसीओएस में बाल झड़ने का घरेलू उपचार
  5. सारांश
पीसीओएस में बाल झड़ने के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

पीसीओएस से ग्रस्त महिला का शरीर एंड्रोजन व टेस्टोस्टेरोन नामक पुरुष हार्मोन का उत्पादन करने लगता है. एंड्रोजन हार्मोन किशोरावस्था को ट्रिगर करने और अंडरआर्म्स व प्यूबिक एरिया में बालों के आने का कारण बनता है. वहीं, पीसीओएस की बात करें, तो इसके कारण सिर के बाल पतले होना शुरू हो जाते हैं, खासकर सिर के सामने वाले हिस्से में. ऐसे में इसे एंड्रोजेनिक एलोपेसिया या फीमेल पैटर्न हेयर लॉस भी कहा जाता है.

(और पढ़ें - कम उम्र में बाल झड़ने का इलाज)

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पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं के बाल झड़ने का पैटर्न पुरुषों के बालों के झड़ने के पैटर्न से अलग होता है. पुरुष के बाल सिर के सामने से झड़ना शुरू होते हैं और धीरे-धीरे पीछे की झड़ते जाते हैं. महिलाओं में बाल झड़ने का पैटर्न दो प्रकार से हो सकता है -

  • बाल स्कैल्प के बीच से पतले होने शुरू होंगे और और धीरे-धीरे गोलाकार पैटर्न में फैल जाएंगे.
  • बाल हेयरलाइन से पतले होने शुरू होंगे और धीरे-धीरे त्रिकोणीय पैटर्न में स्कैल्प के बीच से होते हुए पीछे की ओर फैल जाएंगे.

आमतौर पर महिलाओं में पूरी तरह से गंजापन नजर नहीं आता है. इसके जगह बाल पतले और छोटे होने लगते हैं. इस कारण से स्कैल्प साफ नजर आता है.

(और पढ़ें - बाल झड़ने की दवा)

पीसीओएस के दौरान बाल झड़ने का मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन है. ऐसे में हार्मोन को संतुलित करना इस उपचार का महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह उपचार विभिन्न प्रकार की दवाओं के साथ किया जा सकता है, लेकिन इस दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए. कुछ सामान्य उपचार विकल्प इस प्रकार हैं -

गर्भनिरोधक गोलियां

गर्भनिरोधक गोलियां एंड्रोजन के स्तर को कम कर सकती हैं, जो न सिर्फ बालों के अधिक ग्रोथ को कम करने, बल्कि बालों के झड़ने को धीमा करने में मदद कर सकती हैं. यह अन्य पीसीओएस लक्षण, जैसे - अनियमित पीरियड्स और मुंहासों को भी ठीक करने में सहायक हो सकती है. पीसीओएस से संबंधित बालों के झड़ने के लिए गर्भ निरोधक गोलियों के साथ कॉम्बिनेशन के तौर पर एंटी-एंड्रोजन दवा भी दी जा सकती है.

(और पढ़ें - बाल किस कमी से झड़ते हैं)

स्पिरोनोलैक्टोन

स्पिरोनोलैक्टोन एक मौखिक दवा है. इससे शरीर में फ्लूड जमा होने की स्थिति पैदा नहीं होती है. यह एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के इलाज के लिए भी प्रभावी हो सकती है. यह त्वचा पर एंड्रोजन के प्रभाव को रोक सकती है और इसे आमतौर पर गर्भनिरोधक गोलियों के साथ दिया जाता है.

(और पढ़ें - पुरुषों में बाल झड़ने के कारण)

मिनोक्सिडिल

महिला पैटर्न गंजापन के इलाज के लिए मिनोक्सिडिल को रोज स्कैल्प पर लगाने की सलाह दी जाती है. इसका उपयोग न सिर्फ बालों के विकास को बढ़ावा दे सकता है, बल्कि उन्हें घना भी बना सकता है. इसकी डोज को लेकर खास ध्यान रखने की आवश्यकता है, इसलिए इसके उपयोग से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें. 

(और पढ़ें - बाल किन बीमारियों से झड़ते हैं)

हेयर ट्रांसप्लांट

कुछ मामलों में हेयर ट्रांसप्लांट की सलाह भी दी जा सकती है. यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल स्कैल्प पर बालों को लगाने के लिए किया जाता है. बालों और बालों के रोम को एक क्षेत्र से बहुत सारे बालों के साथ हटा दिया जाता है और पतले या गंजेपन के क्षेत्र में प्रत्यारोपित किया जाता है. आमतौर पर, इसमें कई प्रोसीजर की आवश्यकता होती है. यह एक महंगी प्रक्रिया है, जिसमें एक से डेढ़ लाख तक का खर्च आ सकता है. साथ ही इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि यह पूरी तरीके से सफल रहेगा भी या नहीं.

(और पढ़ें - बाल झड़ने पर क्या लगाना चाहिए)

अगर कोई महिला प्राकृतिक तरीके से इस समस्या को ठीक करना चाहती है, तो निम्न घरेलू नुस्खे कारगर साबित हो सकते हैं -

जिंक

2016 के एक अध्ययन के अनुसार, जिंक सप्लीमेंट लेने से पीसीओएस से संबंधित बालों के झड़ने की समस्या से राहत मिलने की बात सामने आई है. अध्ययन में पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं में जिंक सप्लीमेंट के प्रभावों को देखा और पाया कि 8 सप्ताह तक रोजाना 50 मिलीग्राम एलिमेंटल जिंक लेने से बालों पर लाभकारी प्रभाव पड़ा. इसके साथ ही हिर्सुटिज्म में भी फायदा हुआ.

(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय)

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बायोटिन

बायोटिन एक महत्वपूर्ण और जाना-माना सप्लीमेंट है, जो अक्सर बालों के स्वास्थ्य और विकास के लिए उपयोग किया जाता है. इस बात के अधिक प्रमाण नहीं हैं कि यह विशेष रूप से पीसीओएस से संबंधित बालों के झड़ने में मदद करता है, लेकिन बायोटिन युक्त खाद्य पदार्थों या सप्लीमेंट को डाइट में शामिल जरूर किया जा सकता है. 2015 के एक अध्ययन में पाया गया कि 90 दिन के लिए बायोटिन युक्त प्रोटीन सप्लीमेंट के सेवन से बालों के विकास में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई थी. ऐसे में बेहतर है डाइट में बायोटिन युक्त खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करके इसका असर देखा जाए.

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संतुलित वजन

पीसीओएस में जीवनशैली और वजन में बदलाव करना काफी महत्वपूर्ण है. इस बात के महत्वपूर्ण प्रमाण हैं कि वजन कम करने से एंड्रोजन का स्तर कम हो सकता है और पीसीओएस वाली महिलाओं में अतिरिक्त एंड्रोजन के प्रभाव को कम किया जा सकता है. इतना ही नहीं जीवनशैली में बदलाव करके बालों का झड़ना कम किया सकता है, साथ ही पीसीओएस के अन्य लक्षणों को भी कम किया जा सकता है.

(और पढ़ें - किस विटामिन की कमी से बाल गिरते हैं)

पीसीओएस एक सामान्य, लेकिन गंभीर समस्या है. ऐसे में वक्त रहते इसके लक्षणों को पहचानकर इसका इलाज करना आवश्यक है. खासकर, अगर समस्या बालों से संबंधित हो तो, क्योंकि महिलाओं के लिए बालों की खूबसूरती काफी मायने रखती है. ऐसे में यह जरूरी है कि वे इस परेशानी पर वक्त रहते ध्यान दें और इसका हल निकालें. दवा के साथ-साथ महिलाएं अपनी डाइट और जीवनशैली पर भी पूरा ध्यान दें और सही वक्त पर खाना, सोना, उठना और कुछ शारीरिक गतिविधि जैसे - योग या व्यायाम भी करें. ध्यान रहे पीसीओएस में लाइफस्टाइल काफी महत्व रखता है.

(और पढ़ें - एक दिन में कितने बाल झड़ना सामान्य हैं)

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