गला बैठने का अर्थ होता है आवाज में अचानक परिवर्तन आना जिसे आम भाषा में आवाज बैठना भी कहा जाता है। ये अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि किसी समस्या का लक्षण है। गला बैठने का मुख्य कारण होता है स्वर तंत्रियों (Vocal cords) या स्वर तंत्र (Voice box) में सूजन आना। ये सूजन उत्तेजना या इन्फेक्शन के कारण आ सकती है। गला बैठने पर आपकी आवाज भारी व मोटी हो जाती है और इससे आवाज कम ज्यादा भी हो सकती है।

(और पढ़ें - गले में इन्फेक्शन के लक्षण)

आमतौर पर, आवाज या गला बैठने का कोई गंभीर कारण नहीं होता और ये कुछ दिनों में अपने आप कुछ घरेलू उपाय करने से ठीक भी हो जाता है। हालांकि, इसके सही उपचार के लिए आपके डॉक्टर पहले समस्या की जांच करते हैं और वजह के अनुसार इलाज करते हैं। गला बैठने की समस्या कुछ समय के लिए भी हो सकती है या ये आपको लंबे समय तक प्रभावित भी कर सकती है।

इस लेख में गला बैठने के लिए क्या करें और इस स्थिति में डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।

  1. गला बैठ जाने पर क्या करना चाहिए - Gala baith jane par kya kare
  2. गला बैठने पर डॉक्टर के पास कब जाएं - Gala baithne par doctor ke pas kab jana chahiye

आमतौर पर, गला बैठने के लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती, कुछ प्राथमिक उपचार करने से ही आपको आराम मिल सकता है। ये तरीके निम्नलिखित हैं -

  • गला बैठने पर सबसे ज्यादा जरूरी होता है अपनी आवाज को आराम देना, इसीलिए कोशिश करें जब आपका गला बैठा हो तो कम से कम बोलें। अगर आप ऐसा काम करते हैं जिसमें बोलने की आवश्यकता होती है, तो या कुछ दिन छुट्टी ले लें या फिर बोलते समय अपने गले पर अधिक जोर न डालें। (और पढ़ें - गले में दर्द के कारण)
  • अपने घर या ऑफिस की हवा को नम बनाने के लिए ह्युमिडिफायर का उपयोग करें, इससे आपका गला सूखेगा नहीं। (और पढ़ें - गले के कैंसर के लक्षण)
  • ऐसे पदार्थों या वस्तुओं से दूर रहें जो आपके गले को उत्तेजित कर सकते हैं, जैसे धुआं, धूल-मिट्टी आदि। (और पढ़ें - धूल से एलर्जी का इलाज)
  • अगर आप सिगरेट पीते हैं, तो ये आदात छोड़ने का प्रयास करें। अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो कम से कम तब तक सिगरेट न पिएं जब तक आपका गला ठीक न हो जाए। कोशिश करें कि आप सिगरेट पी रहे किसी भी व्यक्ति से दूर हैं, क्योंकि उनकी सिगरेट का धुआं भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय)
  • गला बैठने पर नमक वाले पानी के गरारे भी किए जा सकते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी को हल्का गर्म कर लें और उसमें थोड़ा नमक मिला दें। अब दिन में 3 से 4 बार इस मिश्रण से गरारे करें। ध्यान रहे कि नमक के दाने अच्छी तरह से पानी में घुल जाएं, क्योंकि अगर ये सही तरीके से पानी में नहीं घुलेंगे, तो आपके गले की समस्या बढ़ सकती है। (और पढ़ें - नमक के पानी के फायदे)
  • गला सूखने पर उसमें दर्द होने लगता है, इसीलिए अपने गले को तर करने के लिए आप गर्म पानी से नहा सकते हैं या गर्म पानी की भाप भी ले सकते हैं। इसके लिए एक बर्तन में थोड़ा पानी गर्म कर लें और फिर उससे निकलने वाली भाप को अपनी सांस से अंदर लें। (और पढ़ें - भाप लेने का सही तरीका)
  • शरीर में पानी की कमी होने से बचने के लिए जितना हो सके उतना पानी पिएं। इससे आपका गला भी तर रहेगा और शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी। (और पढ़ें - पानी कितना पीना चाहिए)
  • अदरक से गले की समस्याओं में काफी आराम मिलता है। इसके लिए आप अदरक को काटकर या छीलकर जूस में डाल सकते हैं या आप इससे बनी चाय भी पी सकते हैं।
  • शराब पीने से आपका गला सूखता है और आवाज बैठ जाती है, इसीलिए गला ठीक होने तक शराब बिलकुल न पिएं। (और पढ़ें - शराब पीने के नुकसान)
  • गर्ड या एलर्जी के लिए ली जाने वाली दवाएं गला बैठने पर भी ली जा सकती हैं। हालांकि, कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य करें। (और पढ़ें - एलर्जी होने पर क्या करें)
  • गला बैठने पर, पानी के अलावा आप अन्य गर्म तरल पदार्थों का सेवन भी कर सकते हैं, जैसे सूप या चाय। इससे आपके गले में मौजूद बलगम निकलेगा और आपको परेशानी कम होगी। हालांकि, कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन कम करें, क्योंकि इनसे गला अधिक सूखता है। (और पढ़ें - बलगम निकालने के उपाय)
  • अगर आपका गला बैठा है, तो ज्यादा जोर लगाकर गला साफ करने का प्रयास न करें, इससे समस्या और बढ़ सकती है। (और पढ़ें - गले की खराश दूर करने के उपाय)
  • कोशिश करें कि अपनी आवाज को मध्यम वॉल्यूम पर रखें, न ज्यादा ऊंचा बोलें और न ज्यादा धीमा। दोनों ही तरीकों से बोलने पर आपके गले पर जोर पड़ेगा और समस्या बढ़ेगी। (और पढ़ें - टॉन्सिल के लक्षण)
  • गला बैठने पर बलगम निकालने के लिए ली जाने वाली दवाएं न लें। इससे आपका गला सूख सकता है। (और पढ़ें - बलगम की जांच क्या है)

गला बैठने की समस्या आमतौर पर अपने आप कुछ समय में ठीक हो जाती है और इसके लिए डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती। इसमें गले का दर्द, सूखी खांसी और गले के पिछले हिस्से में गुदगुदी होना आम होता है, लेकिन निम्नलिखित स्थितियों में अपने डॉक्टर के पास अवश्य जाएं अगर -

नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।

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