केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एचआईवी/एड्स से लड़ रहे मरीजों के लिए जल्द ही एक नई दवा उपलब्ध कराने जा रहा है। इस दवा का नाम डॉल्युटग्राविर है और सरकार की मंशा फरवरी 2020 तक इसे बाजार में उपलब्ध कराने की है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संस्था (एनएसीओ) के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डॉक्टर नरेश गोयल ने बताया कि पहले कॉम्बीनेशन ड्रग टीएलई का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने तय किया है कि टीएलडी कॉम्बीनेशन का इस्तेमाल किया जाएगा। टीएलडी को डॉल्युटग्राविर नाम से भी जाना जाता है। इस दवा के साइड इफेक्ट्स कम हैं।

क्या है डॉल्युटग्राविर दवा?
डॉल्युटग्राविर 
एक प्रिस्‍क्रिप्‍शन दवा है जो कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा प्रमाणित है। इस दवा का इस्‍तेमाल एचआईवी संक्रमण के इलाज में अन्‍य दवाओं के साथ किया जाता है। 30 कि.ग्रा से कम वजन वाले वयस्‍कों और बच्‍चों को अन्‍य एचआईवी दवाओं के साथ डॉल्युटग्राविर दी जाती है। अगर मरीज की स्थिति में सुधार दिखे तो एचआईवी संक्रमण के लिए ली जा रही दवा को बदलकर डॉल्युटग्राविर के साथ रिलपिवरिन ली जाती है।

डॉल्युटग्राविर का इस्‍तेमाल हमेशा एचआईवी की अन्य दवाओं के साथ ही किया जाता है। डॉल्युटग्राविर एचआईवी दवाओं के समूह से संबंधित है, जिसे इंटेग्रास इंहिबिटर्स कहा जाता है। इंटेग्रास इंहिबिटर्स इंटेग्रास नामक एंजाइम को ब्‍लॉक कर देते हैं। इंटेग्रास इंहिबिटर्स एचआईवी को बढ़ने से रोकते हैं और शरीर में एचआईवी की संख्‍या को कम कर सकते हैं।

एचआईवी की कोई एक दवा एड्स/एचआईवी का इलाज नहीं कर सकती है, इसलिए हमेशा एचआईवी को रोकने के लिए कई दवाएं एक साथ दी जाती हैं जो कि एचआईवी के मरीज को लंबे समय तक जीने में मदद करती हैं। एचआईवी की दवाएं इसे फैलने से भी रोकती हैं।

कैसे ली जाती है दवा

  • डॉल्युटग्राविर दवा गोली के रूप में आती है और इसे दिन में एक या दो बार खाने के साथ या खाने के बिना लिया जाता है। रोज एक ही समय पर ये दवा ली जा सकती है। दवा लेने से पहले उसके पैकेट पर लिखे निर्देशों को पढ़ना फायदेमंद रहेगा।
  • डॉल्युटग्राविर दवा को डॉक्टर के सुझाव के अनुसार ही लेना चाहिए। डॉक्‍टर द्वारा बताई गई खुराक से कम या ज्‍यादा मात्रा में ये दवा बिलकुल नहीं लेनी चाहिए।
  • अगर डॉल्युटग्राविर लेने के बाद ठीक महसूस हो रहा है तो ही इसे लेना जारी रखना चाहिए। बिना डॉक्‍टर की सलाह के डॉल्युटग्राविर लेना बंद नहीं करना चाहिए।
  • यदि कोई व्यक्ति डॉल्युटग्राविर लेना बंद कर देता है या कुछ दिन के लिए इसे छोड़ देता है तो इस स्थिति में दवा से उसकी स्थिति को ठीक करना मुश्किल हो सकता है।

डॉल्युटग्राविर लेने से पहले डॉक्‍टर को निम्‍न बातों की जानकारी जरूर दें 

  • डॉल्युटग्राविर या अन्‍य किसी दवा से एलर्जी है
  • अगर अभी या कभी भी लिवर से जुड़ी समस्‍या रही हो। इसमें हेपेटाइटिस बी वायरस संक्रमण या हेपेटाइटिस सी वायरस संक्रमण शामिल है।
  • कोई अन्‍य बीमारी या स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या हो, गर्भवती हों या गर्भधारण की सोच रही हैं। डॉल्युटग्राविर भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है। गर्भधारण और गर्भावस्‍था के पहले 12 हफ्तों तक डॉल्युटग्राविर नहीं लेनी चाहिए।
  • प्रेगनेंसी में डॉक्‍टर डॉल्युटग्राविर की जगह कोई और दवा लिख सकते हैं।
  • महिलाओं को डॉल्युटग्राविर लेने के दौरान लगातार गर्भनिरोधक दवाएं या अन्‍य तरीकों का इस्‍तेमाल करना पड़ता है।
  • अगर कोई महिला स्‍तनपान करवाती है तो इस बारे में डॉक्‍टर को बताया जाना चाहिए। एचआईवी से ग्रस्‍त या डॉल्युटग्राविर लेने वाली महिलाओं को स्‍तनपान बिल्कुल नहीं करवाना चाहिए।
  • महिला किसी भी तरह के गर्भ-निरोधक का इस्‍तेमाल कर रही हो तो इस बारे में डॉक्‍टर को सूचित करना चाहिए।
  • डॉल्युटग्राविर का असर अन्‍य दवाओं पर भी पड़ सकता है, इसलिए अगर मरीज कोई दवा, डॉक्‍टर के प्रिस्क्रिप्‍शन के बिना कोई दवा, विटामिन, सप्‍लीमेंट और हर्बल उत्‍पाद ले रहे हों तो डॉक्‍टर को जरूर बताएं। ये सब चीजें डॉल्युटग्राविर के काम करने के तरीके को प्रभावित कर सकती हैं।
  • डोफेटाइलिड के साथ डॉल्युटग्राविर न लें। इसकी वजह से खतरनाक साइड इफेक्‍ट्स झेलने पड़ सकते हैं।

डॉल्युटग्राविर के हानिकारक प्रभाव 
डॉल्युटग्राविर के साइड इफेक्‍ट्स हो सकते हैं। अगर डॉल्युटग्राविर लेने के बाद आपको निम्‍न लक्षण गंभीर रूप लेते दिख रहे हैं या ठीक नहीं हो रहे हैं तो डॉक्‍टर को जरूर बताएं:

अगर नीचे बताए गए लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉल्युटग्राविर लेना बंद कर दें और डॉक्‍टर से बात करें

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