ट्राइग्लिसराइड्स खून में पाया जाने वाला एक तरह का फैट है. खाने के बाद शरीर उन कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड में बदल देता है, जिनकी जरूरत नहीं रहती है और एनर्जी के इस्तेमाल के लिए उन्हें फैट सेल्स में स्टोर कर देता है. वहीं, खून में ज्यादा ट्राइग्लिसराइड्स होने से हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है.

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सामान्य ट्राइग्लिसराइड्स लेवल 150mg/dL से कम होना चाहिए. वहीं, मोटापा, अनियंत्रित शुगर, अल्कोहल का सेवन और हाई कैलोरी डाइट जैसे कारण ब्लड में ट्राइग्लिसराइड लेवल को बढ़ा सकते हैं. ऐसे में कुछ घरेलू उपाय अपनाकर ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है.

आज इस लेख में हम ट्राइग्लिसराइड कम करने के घरेलू उपायों के बारे में जानेंगे -

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  1. हाई ट्राइग्लिसराइड के लिए घरेलू उपाय
  2. सारांश
ट्राइग्लिसराइड कैसे कम करें? के डॉक्टर

डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर ट्राइग्लिसराइड को कम किया जा सकता है. चीनी का कम सेवन, सोया प्रोटीन को डाइट में शामिल करना और एक्सरसाइज जैसे घरेलू उपाय अपनाकर ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद मिल सकती है. आइए, विस्तार से ट्राइग्लिसराइड को कम करने के घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं -

चीनी का कम सेवन

मिठाई, कोल्ड ड्रिंक और फलों के जूस में चीनी को अलग से मिलाया जाता है. शोध बताते हैं कि 1 दिन में 100 से 150 कैलोरी से ज्यादा चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए. डाइट में अतिरिक्त चीनी ट्राइग्लिसराइड्स में बदल सकती है, जिससे ब्लड ट्राइग्लिसराइड्स लेवल में बढ़ोतरी हो जाती है. इसके साथ ही हृदय रोग का जोखिम भी बढ़ जाता है. ऐसा सिर्फ बड़ों के साथ ही नहीं, बल्कि बच्चों के साथ भी हो सकता है.

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सोया प्रोटीन का सेवन

सोया प्रोटीन को इसोफ्लेवोन्स से समृद्ध माना जाता है, जो एक तरह का सेहतमंद प्लांट कंपाउंड है. यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही ब्लड ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को कम करने में भी मदद करता है. शोध कहते हैं कि सोया प्रोटीन के लगातार सेवन से मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ट्राइग्लिसराइड लेवल संतुलित रह सकता है.

नट्स का सेवन

फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड और अनसैचुरेटेड फैट्स मिलकर ब्लड ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं. इसके लिए बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ताब्राजील नट्स को डाइट में शामिल करना चाहिए. यह भी ध्यान में रखना जरूरी है कि नट्स में कैलोरी ज्यादा होती है. इसलिए, इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करना सही रहता है.

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अल्कोहल से दूरी

अल्कोहलिक ड्रिंक्स में चीनी, कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी ज्यादा होती है. यदि शरीर में कैलोरी का इस्तेमाल नहीं होता है, तो ये ट्राइग्लिसराइड में बदलकर फैट सेल्स में स्टोर हो सकती हैं. इसके अलावा, शराब लिवर में लिपोप्रोटीन के सिंथेसिस को बढ़ा सकती है, जो पूरे शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स को लेकर जाते हैं. शोध कहते हैं कि कम मात्रा में भी शराब के सेवन से ब्लड ट्राइग्लिसराइड्स 53 प्रतिशत तक बढ़ सकता है. इसलिए, ट्राइग्लिसराइड का स्तर सामान्य बनाए रखने के लिए शराब से दूरी बनाए रखना ही फायदेमंद है.

कम कार्बोहाइड्रेट का सेवन

अगर चीनी की तरह डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी बढ़ाई जाए, तो उससे ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ सकता है. यही वजह है कि संतुलित कार्बोहाइड्रेट युक्त डाइट का सेवन करना चाहिए है. शोध बताते हैं कि कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट के सेवन से ट्राइग्लिसराइड लेवल में कमी आती है.

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ज्यादा फाइबर का सेवन

फल, सब्जियां और साबुत अनाज में डाइटरी फाइबर प्राकृतिक तौर पर पाया जाता है. नट्स, सीड्स, सीरियल व दालों में भी यह प्राकृतिक तौर पर पाया जाता है. डाइट में ज्यादा फाइबर को शामिल करने से छोटी आंत में फैट और चीनी का अवशोषण धीमा हो जाता है, जो ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को कम करने में मदद करता है. शोध भी कहते हैं कि ज्यादा फाइबर वाले भोजन के सेवन से ट्राइग्लिसराइड्स लेवल अपने आप कम होता है.

ट्रांस फैट से परहेज

अमूमन ट्रांस फैट कमर्शियल फ्राइड फूड्स और बेक्ड फूड्स में पाए जाते हैं. ये कुछ एनिमल प्रोडक्ट्स में भी मिलते हैं. इस ट्रांस फैट की वजह से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें बढ़ा हुआ खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल और हृदय रोग शामिल हैं. शोध के अनुसार डाइट में ट्रांस फैट की जगह पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी के सेवन से ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है.

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अनसैचुरेटेड फैट्स का सेवन

शोध बताते हैं कि मोनो अनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को कम कर सकते हैं. खासकर तब जब वे डाइट में कार्बोहाइड्रेट की जगह हों. ऑलिव ऑयल, नट्स (अखरोट, अलसी के बीज, चिया सीड्स) व एवोकाडो में मोनू अनसैचुरेटेड फैट्स पाया जाता है. वेजिटेबल ऑयल, फैटी फिश और सीड्स में पॉलीअनसैचुरेटेड पाया जाता है. अनसैचुरेटेड फैट्स के ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के लाभ को बढ़ाने के लिए ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना सही रहता है.

नियमित तौर पर एक्सरसाइज

शोध बताते हैं कि नियमित तौर पर एरोबिक्स एक्सरसाइज करने से ट्राइग्लिसराइड कम होता है. सप्ताह में 5 दिन 30 मिनट तक एरोबिक एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है. एरोबिक एक्सरसाइज में वॉकिंग, जॉगिंग, साइकिलिंग और स्विमिंग जैसी एक्टिविटीज शामिल की जा सकती है. हालांकि, हर तरह की एक्सरसाइज करने से ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को कम करने में मदद मिलती है, लेकिन शोध कहते हैं कि कम समय के लिए अधिक इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज करना ज्यादा फायदेमंद है.

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डाइट में नट्स और सोया प्रोटीन को शामिल करने के साथ ही वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज के जरिए ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने से में मदद मिलती है. अगर किसी को कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही अपनी डाइट में बदलाव करना चाहिए.

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