लिवर मानव शरीर का अहम अंग है. यह खून को फिल्टर करने व संक्रमणों से लड़ने में सहायक भूमिका निभाता है. वहीं, जब लिवर में सूजन आ जाती है, तो इसकी कार्यप्रणाली बाधित होती है. इस समस्या को हेपेटाइटिस कहा जाता है. वहीं, जब किसी संक्रमण के कारण लिवर प्रभावित होता है, तो इसे वायरल हेपेटाइटिस कहा जाता है.

आज इस खास लेख में हम वायरल हेपेटाइटिस के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में बताएंगे -

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस का आयुर्वेदिक इलाज)

 

  1. वायरल हेपेटाइटिस क्या है?
  2. वायरल हेपेटाइटिस के लक्षण
  3. वायरल हेपेटाइटिस के कारण
  4. वायरल हेपेटाइटिस का इलाज
  5. सारांश
वायरल हेपेटाइटिस के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

वायरल हेपेटाइटिस एक प्रकार का संक्रमण है, जो लिवर में सूजन व उसे क्षतिग्रस्त करने का कारण बनता है. यह हेपेटाइटिस का ही एक प्रकार है. हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, और ई सहित कई अलग-अलग वायरस हेपेटाइटिस का कारण बनते हैं. हेपेटाइटिस ए और ई वायरस आमतौर पर एक्युट वायरस का कारण बनते हैं. वहीं, बी, सी, और डी वायरस एक्युट और क्रोनिक संक्रमण का कारण बन सकते हैं.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस सी टेस्ट)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Yakritas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को लिवर से जुड़ी समस्या (फैटी लिवर, पाचन तंत्र में कमजोरी) में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Liver Detox Tablets
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

वायरल हेपेटाइटिस का इलाज सही वक्त पर हो उसके इसके लिए इसके लक्षणों को जानना आवश्यक है. वायरल हेपेटाइटिस के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं -

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस-सी में क्या खाना चाहिए)

लक्षणों के बाद अब बारी आती है वायरल हेपेटाइटिस के कारणों के बारे में जानकारी हासिल करने की जो इस प्रकार हैं -

हेपेटाइटिस ए

हेपेटाइटिस ए अचानक हो सकता है और आमतौर पर कुछ हफ्तों के बाद बिना उपचार किए ही अपने आप ठीक हो सकता है. हेपेटाइटिस ए वायरस संक्रमित व्यक्ति के मल के संपर्क में आने से फैलता है. 

(और पढ़ें - क्या हेपेटाइटिस बी ठीक हो सकता है?)

हेपेटाइटिस बी

हेपेटाइटिस बी क्रोनिक संक्रमण का कारण बन सकता है. हेपेटाइटिस बी संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आने से, इंजेक्शन से या शारीरिक संबंध बनाने से हो सकता है. संक्रमित व्यक्ति की चीजों को उपयोग करने से या छूने से भी हेपेटाइटिस बी हो सकता है.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस की होम्योपैथिक दवा)

हेपेटाइटिस सी

हेपेटाइटिस सी के फैलने का कारण भी हेपेटाइटस बी के फैलने के कारण से कुछ हद तक मेल खाता है. दरअसल, हेपेटाइटस सी के फैलने का कारण भी संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आना ही है. इसमें भी संक्रमित व्यक्ति की चीजों जैसे - रेजर व तौलिये का उपयोग करने से यह संक्रमण फैल सकता है.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस ए टेस्ट)

हेपेटाइटिस डी

हेपेटाइटिस डी वायरस असामान्य है, क्योंकि यह व्यक्ति को तभी संक्रमित कर सकता है, जब व्यक्ति हेपेटाइटिस बी से भी संक्रमित हो. यह भी संक्रमित व्यक्ति के खून या उसके शरीर के अन्य द्रव्य के माध्यम से फैल सकता है.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी ट्रांसमिशन को गर्भवती मां से बच्चे में कैसे रोकें)

हेपेटाइटिस ई

आमतौर पर हेपेटाइटिस ई कई हफ्तों के बाद बिना उपचार के ही ठीक हो जाता है. कुछ प्रकार के हेपेटाइटिस ई वायरस संक्रमित व्यक्ति के मल से व दूषित पानी पीने से फैलते हैं. यह अधपका मांसाहारी खाना खाने से भी हो सकता है.

वायरल हेपेटाइटिस का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है. मरीज को जिस वायरस के कारण वायरल हेपेटाइटिस हुआ है, उसी आधार पर इलाज किया जाता है -

हेपेटाइटिस ए

हेपेटाइटिस ए वायरस के लिए किसी भी तरह की दवा उपलब्ध नहीं है. बस, कुछ दवाओं के जरिए इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है. साथ ही मरीज को शराब न पीने की सलाह दी जाती है. वहीं, इससे बचाव के लिए समय-समय पर इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी जाती है.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी का टीका क्या है)

Milk Thistle Capsule
₹749  ₹899  16% छूट
खरीदें

हेपेटाइटिस बी

एक्युट हेपेटाइटिस बी में किसी दवा की जरूरत नहीं होती. डॉक्टर की सलाह पर आराम करने, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेने व संपूर्ण पोषक तत्व लेने से इस समस्या से आराम मिल सकता है. वहीं, क्रोनिक हेपेटाइटिस बी होने पर डॉक्टर एंटीवायरल दवा दे सकते हैं. किस मरीज को कौन-सी  दवा देनी है, ये डॉक्टर ही तय करते हैं. अगर दवा असर नहीं करती है, तो इस स्थिति में डॉक्टर लिवर ट्रांसप्लांट करने का निर्णय ले सकते हैं.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी में क्या खाना चाहिए)

हेपेटाइटस सी

हेपेटाइटस सी से ग्रस्त मरीज को डॉक्टर एंटीवायरल दवा दे सकते हैं. वहीं, अगर केस अधिक गंभीर है, तो लिवर ट्रांसप्लांट किया जा सकता है.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस ई टेस्ट)

हेपेटाइटिस डी

हेपेटाइटिस डी के इलाज के लिए किसी भी प्रकार की एंटीवायरल दवा नहीं है. सिर्फ टीकाकरण के जरिए इससे बचा जा सकता है.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस ए का टीका क्या है)

हेपेटाइटिस ई

हेपेटाइटिस ई का उपचार करने के लिए भी कोई विशेष थेरेपी नहीं है. इस वायरस के कारण वायरल हेपेटाइटिस होने पर डॉक्टर मरीज को ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह देते हैं. साथ ही पोषक तत्वों से युक्त आहार लेने के लिए कहते हैं.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस सी टेस्ट)

वायरल हेपेटाइटिस को हेपेटाइटिस का ही एक प्रकार माना गया है. ये एक्युट व क्रोनिक में से कोई एक या दोनों हो सकता है. ऐसे में डॉक्टर मरीज की स्थिति को देखते हुए दवा व अन्य उपचार बता सकते हैं. वहीं, गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट तक किया जा सकता है.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस-सी में क्या खाना चाहिए)

Dr. Paramjeet Singh

Dr. Paramjeet Singh

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Nikhil Bhangale

Dr. Nikhil Bhangale

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr Jagdish Singh

Dr Jagdish Singh

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव

Dr. Deepak Sharma

Dr. Deepak Sharma

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें