शरीर का इम्यून सिस्टम बीमारी को दूर भगाने का काम करता है. जब इस पर बाहरी तत्वों का हमला होता है, तो शरीर का तापमान अपने आप बढ़ जाता है. अमूमन एक सामान्य व्यक्ति के शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट रहता है. 100.4 डिग्री फारेनहाइट या इससे ज्यादा के तापमान को बुखार माना जाता है. कई दफा बार-बार बुखार आता और जाता है, इसका एक निश्चित पैटर्न होता है. ऐसे में पर्याप्त आराम करने व दवा लेने से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि बार-बार बुखार आने का कारण क्या है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है -

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  1. बार-बार बुखार आने के कारण
  2. बार-बार बुखार आने को ठीक करने के उपाय और इलाज
  3. सारांश
बार-बार बुखार आने के कारण, उपचार व उपाय के डॉक्टर

अमूमन बार-बार बुखार होने की समस्या 5 वर्ष इससे कम आयु के बच्चों में ही देखी जाती है. कुछ मामलों में बड़ों को भी बार-बार बुखार होने की समस्या हो सकती है. बार-बार बुखार आने को कुछ इस तरह से समझा जा सकता है कि बच्चे को महीने में एक बार बुखार जरूर आता है या महीने में दो बार बुखार का आना तय है. बार-बार बुखार आने के पीछे वायरस, बैक्टीरियल इंफेक्शन व वैक्सीनेशन जैसे कारण हो सकते हैं. इन कारणों के बारे में नीचे बताया गया है -

वायरस

कई दफा बार-बार बुखार आने की वजह कोई वायरस हो सकता है, जो शरीर में अपना घर बना लेता है. दरअसल, बच्चों का शरीर वायरस से निपटने के लिए कमजोर होता है, जिसके कारण बार-बार बुखार आता रहता है. 

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बैक्टीरियल इंफेक्शन

बैक्टीरियल इंफेक्शन भी बार-बार बुखार आने की वजह हो सकता है. खासकर बच्चों को अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन व यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की वजह से बार-बार बुखार आ सकता है.

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वैक्सीनेशन

बच्चे को लगने वाले टीके के कारण भी बार-बार बुखार आ सकता है. वैक्सीनेशन के बाद छोटे बच्चे को बुखार आना सामान्य माना गया है. आमतौर पर ये बुखार एक-दो दिन में अपने उतर जाता है.

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पीरियॉडिक फीवर

कई बार बार-बार बुखार आना बिना किसी वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन के भी हो जाता है. इसे पीरियॉडिक फीवर कहा जाता है. इसका कोई पैटर्न और कारण नहीं होता है. यह अमूमन जेनेटिक डिफेक्ट की वजह से हो सकता है. जब बार-बार बुखार आने को पीरियॉडिक फीवर सिंड्रोम से जोड़कर देखा जाता है, तो शरीर का तापमान जेनेटिक डिफेक्ट की वजह से ज्यादा हो सकता है.

कई बार दिन के अलग-अलग समय में भी बुखार आ जाता है. यह नॉर्मल बॉडी टेम्परेचर से थोड़ा ही ज्यादा रहता है. यह बुखार थोड़े समय के बाद अपने आप चला भी जाता है.

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बार-बार बुखार आना सामान्य बुखार की तरह ही होता है. बार-बार बुखार आने पर व्यक्ति के शरीर का तापमान 100.4 डिग्री फारेनहाइट हो सकता है. इसके अलावा, ठंड और थकान महसूस हो सकती है. ऐसी स्थिति से निजात पाने में कुछ दवाइयां लेने व आराम करने से फायदा हो सकता है. आइए विस्तार से बार-बार बुखार आने के उपाय जानते हैं -

दवाइयों का सेवन

एसिटामिनोफेन के सेवन से बुखार के लक्षणों को मैनेज और शरीर के तापमान को कम करने में मदद मिल सकती है. बच्चे को ये दवा देने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. बच्चे को कितनी दवा देनी है, यह बच्चे के वजन और उम्र के अनुसार डॉक्टर ही तय कर सकते हैं.

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पर्याप्त आराम

बार-बार बुखार आने से शरीर को बहुत थकान महसूस होती है. ऐसे में पर्याप्त आराम करने को कहा जाता है. इससे शरीर को बुखार से लड़ने में मदद मिलती है. 

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तरल पदार्थ का सेवन

बार-बार बुखार आने पर लिक्विड का सेवन, खासकर पानी पीना जरूरी हो जाता है. इससे शरीर डिहाइड्रेट नहीं होता है और रिकवर होने में भी मदद मिलती है.

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बच्चे को बार-बार बुखार आए, तो यह पेरेंट्स को डरा देने वाला होता है. बार-बार बुखार आने के कारणों में वायरस, बैक्टीरियल इंफेक्शन व वैक्सीनेशन शामिल है. बार-बार आने वाले बुखार को ठीक करने में डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयां, पूरा आराम और लिक्विड का सेवन मददगार साबित हो सकते हैं. साथ ही किसी भी तरह का उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना और उनसे मिलना जरूरी है. 

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