यह अब एक आम तथ्य है कि कोविड-19 महिलाओं से ज्यादा पुरुषों के लिए खतरनाक और जानलेवा है। दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण से मारे गए लोगों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है। ऐसा क्यों है, इस सवाल के जवाब की खोज में कई अध्ययन किए गए हैं और किए जा रहे हैं। इस सिलसिले में एक नए अध्ययन में बताया गया है कि सेक्स हार्मोन और क्रोमोसोम्स के कारण महिलाओं में कोविड-19 से मरने की दर पुरुषों से कम है। इस दावे को अध्ययन समेत मेडिकल पत्रिका अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी (हार्ट एंड सर्कुलेटरी फिजियोलॉजी) में प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे कोविड-19 में लिंग आधारित अंतरों का एसीई2 प्रोटीन रिसेप्टर से संबंध है। बता दें कि कोविड-19 की वजह बनने वाला कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 इस एंजाइम की मदद से कोशिकाओं में घुसकर उन्हें संक्रमित करता है।

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नए अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि क्रोसोसोम्स और सेक्स हार्मोन्स की मौजूदगी के चलते महिलाएं वायरस के खिलाफ ज्यादा मजबूत इम्यून रेस्पॉन्स पैदा कर पाती हैं। अध्ययन से जुड़े एक शोधकर्ता और कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ ऐल्बर्टा के प्रोफेसर गाविन आउडिट ने बताया, 'क्रोमोसोम्स के कारण महिलाओं में एसीई2 वंशाणु की दो कॉपियां होती हैं, जबकि पुरुषों में इसकी एक ही कॉपी होती है। ऐसा लगता नहीं कि इससे महिलाएं पुरुष की तुलना में कोविड-19 इन्फेक्शन के ज्यादा खतरे में होती हैं, बल्कि इससे उन्हें वायरस से जुड़ी जटिलताओं से सुरक्षा ही मिलती है।'

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इस थ्योरी को समझाते हुए प्रोफेसर आउडिट ने बताया, 'एसीई2 एक्स क्रोमोसोम्स से संबंधित जीन है। माना जाता है कि डुप्लिकेशन से बचने के लिए एक एक्स क्रोमोसोम असक्रिय रहता है। हालांकि अपनी लोकेशन के कारण एसीई2 इस असक्रियता से बच जाता है। इसका मतलब है कि महिलाओं में एसीई2 के निर्माण के लिए (पुरुषों से) दोगुना एक्टिव जेनेटिक इन्स्ट्रक्शन होते हैं। इस एक्स-इनएक्टिवेशन के कारण उनमें इतना ही मजबूत एक और जीन होता है, जिसे टोल-लाइक रिसेप्टर सेवन कहते हैं। यह इननेट इम्यून सिस्टम का एक अहम हिस्सा होता है। महिलाओं में टोल-लाइक रिसेप्टर सेवन की मजबूत मौजूदगी इस सवाल का जवाब देती है कि क्यों महिलाओं का इम्यून सिस्टम पुरुषों से ज्यादा मजबूत होता है और वायरस इन्फेक्शन को बेहतर सह सकता है।'

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अध्ययन में यह भी बताया गया है कि दुनियाभर में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा कोरोना वायरस की चपेट में आती हैं, इसके बावजूद उनमें कोविड-19 के गंभीर प्रभाव उनसे कम होते हैं। इस मुद्दे पर प्रोफेसर आउडिट ने कहा, 'लिंग आधारित वजहों के चलते महिलाओं पर (संक्रमण का) का खतरा अधिक है। इसलिए यह जानना और महत्वपूर्ण हो जाता है कि उनमें बीमारी के प्रभाव ज्यादा बुरे नहीं होते हैं, बल्कि वे स्पष्ट रूप से पुरुषों से बेहतर हैं।'


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: सेक्स हार्मोन और क्रोमोसोम्स के कारण महिलाओं का इम्यून सिस्टम पुरुषों से ज्यादा मजबूत- स्टडी है

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