दाल हमारे भोजन का जरूरी हिस्सा है. दाल को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों से युक्त आहार माना जाता है. इसे हमारे सेहत के लिए लाभदायक माना जाता है. हमारे शरीर को प्रोटीन जैसे जरूरी पोषक तत्व देने के अलावा दाल एसिडिटी और पेट दर्द का कारण भी बन सकती है. इसलिए, दाल को दिन के समय और मौसम को ध्यान में रखते हुए खाना चाहिए.

मसूर, उड़द, अरहर जैसी दालों को लोग अपने पसंद और स्वाद के अनुसार खाते हैं, लेकिन हर किसी को सभी दालें पचे ऐसा जरूरी नहीं, खासतौर पर एसिडिटी से परेशान व्यक्तियों के लिए सही दाल का चुनाव जरूरी है.

आज इस लेख में जानेंगे कि एसिडिटी में कौन सी दाल खानी चाहिए -

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  1. एसिडिटी में इस दाल का करें सेवन
  2. एसिडिटी में न खाएं ये दाल
  3. रात में खा सकते हैं ये दाल
  4. किन दालों को कभी भी खा सकते हैं?
  5. सारांश
एसिडिटी में कौन-सी दाल खानी चाहिए? के डॉक्टर

एसिडिटी से परेशान लोग अक्सर जानकारी के अभाव में सही दाल को अपने भोजन में शामिल नहीं कर पाते हैं, बल्कि वह गलत दाल खाने लगते हैं, जिससे उनकी एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है और यह खतरनाक रूप भी ले सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार एसिडिटी की समस्या होने पर केवल मूंग की दाल का ही सेवन करना चाहिए. इसका असर ठंडा होता है और यह सबसे कम समय में पचने वाली दाल होती है.

मूंग की छिलके सहित दाल गर्मी और बरसात के मौसम में रात को भी आराम से खाई जा सकती है. यह पित्त दोष को भी समाप्त करने में मदद करती है, जिससे पाचन और उपापचय में सुधार होता है. इससे दाल के पोषक तत्व पूरे शरीर में पहुंचकर लाभ प्रदान करते हैं.

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वैसे तो अधिकतर दालों को अलग-अलग समय पर मिक्स करके या अकेले में खाया जा सकता है. सामान्य रूप से सभी दालों में मूंग दाल को सबसे हल्का माना जाता है और सबसे आसानी से पच भी जाती है. तो वहीं चने की दाल को सबसे भारी माना जाता, जिस कारण यह पचने में बेहद समय लेती है.

दिन के समय और मौसम के अलावा जलवायु तथा उम्र का दालों को खाने या न खाने पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए अपनी उम्र और स्थानीय जलवायु स्थिति को देख के सही दाल का चुनाव करना चाहिए.

उदाहरण के तौर पर जो लोग 50 वर्ष की उम्र से नीचे आते हैं उन्हें मसूर व उड़द जैसी दालों के सेवन से परहेज करना चाहिए, वरना उन्हें बहुत गहरी नींद आने की संभावना होती है. इसी तरह 50 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को रात में इन दालों का सेवन करने से पूरी रात जागने की समस्या हो सकती है. एसिडिटी की समस्या में तो विशेष तौर इस उम्र वर्ग के लोगों को इन दालों को खाने से परहेज करना चाहिए.

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यदि आप रात के भोजन में दाल खाने के शौकीन हैं, तो आपको केवल उड़द की छिलके सहित दाल को भोजन में खाना चाहिए. ध्यान देने वाली बात यह है कि आप उड़द की दाल को पूरे साल में किसी भी मौसम में खा सकते हैं. मसूर-मूंग मिक्स दाल की तरह यह दाल भी आसानी से पच जाती है, जिससे न ही एसिडिटी और पेट दर्द की समस्या होती है.

सर्दियों के मौसम में रात के वक्त केवल मसूर की दाल खाएं, क्योंकि सबसे गर्म असर वाली दाल होती है, जो ठंड में शरीर की शीतलता को कम कर अंदरूनी गर्मी बढ़ाने का काम करती है.

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कुछ दालों को सामान्य रूप से बिना दिक्कत के किसी भी समय खा सकते हैं. मसूर और मूंग की मिक्स दाल ऐसी दाल है, जिसे दिन में किसी भी समय खाया जा सकता है, क्योंकि आसानी से पच जाती है. दरअसल, मसूर दाल का असर गर्म होता है और मूंग दाल का असर ठंडा होता है. जब इन दोनों को मिलाकर मसूर-मूंग मिक्स दाल बनाई जाती है, तो यह किसी भी समय खाई जा सकने वाली पौष्टिक डिश बन जाती है.

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दाल हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है, जो शरीर में प्रोटीन की पूर्ति को सुनिश्चित करती है. हालांकि, प्रत्येक व्यक्ति को दिन का समय और मौसम को ध्यान में रखते हुए सही दाल को अपने भोजन में इस्तेमाल करना चाहिए. विशेष रूप से एसिडिटी की समस्या से ग्रस्त लोगों को केवल मूंग की दाल का सेवन करना चाहिए, जो पित दोष दूर कर के शरीर में ठंडा असर देती है. दाल खाते वक्त उससे जुड़े नियम का पालन करें, वहीं अगर आपको दाल खाने से एलर्जी है, तो एक डॉक्टर से जांच अवश्य करवाएं.

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