यदि आप किसी ऐसे प्राकृतिक तरीके को खोज रहे हैं जिसकी मदद से तनाव को कम व शरीर को शांत किया जा सके और जो शरीर को जल्दी ठीक होने में मदद करे। तो ऐसे में रेकी आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है।

रेकी करने वाले प्रैक्टिशनर (विशेषज्ञ) अपने हाथ मरीज के शरीर पर रखते हैं या ऊपर से फेरते हैं, जिसकी मदद से मरीज के शरीर में ऊर्जा का संचार किया जाता है। यह एक जापानी तकनीक है, जो पूरी दुनिया मे इस्तेमाल की जाती है। हालांकि इस तकनीक पर इतनी रिसर्च भी नहीं की गई है।

लेकिन जितना अध्ययन किया गया है, उससे पता चलता है कि कुछ लोगों में रेकी से काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हालांकि इस बारे में भी स्पष्ट जानकारी नहीं है, कि कैसे रेकी प्रक्रिया किसी व्यक्ति में सकारात्मक प्रभाव डालती है। रेकी प्रक्रिया को पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है, हालांकि किसी दवा की जगह इसका उपयोग करना उचित नहीं है।

 

(और पढ़ें - शरीर की ऊर्जा बढ़ाने का उपाय)

  1. रेकी हीलिंग क्या है - What is Reiki healing in Hindi
  2. रेकी की विधि क्या है - How to do Reiki in Hindi
  3. रेकी के फायदे क्या हैं - Benefits of Reiki in Hindi

रेकी क्या है?

रेकी की शुरुआत 1920 के दशक में जापान में हुई थी। रेकी शब्द दो जापानी शब्दों से मिलकर बना है “रे” (rei) जिसका मतलब है एक उच्च शक्ति और “की” (ki) जिसका मतलब है जीवन की ऊर्जा। 

रेकी प्राकृतिक रूप से आध्यात्मिक होती है, लेकिन यह धर्म से संबंधित नहीं होती। यह तकनीक इस विचार पर आधारित है, कि जीवन की जो ऊर्जा हम सब को जीवित रखती है, वह कुछ निश्चित तरीकों से शरीर के अंदर बहती है।

प्रशिक्षित रेकी प्रैक्टिशनर मानते हैं कि वे अपने हाथों की मदद से मरीज के पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार करते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान हाथों को एक विशेष ढंग से रखा जाता है। हालांकि इसके तरीके अलग-अलग भी हो सकते हैं क्योंकि कुछ मामलों में हाथों को शरीर के ऊपर जबकि कुछ मामलों में त्वचा से थोड़ा ऊपर रखा जाता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

रेकी कैसे करते हैं?

रेकी को शांत माहौल में करना सबसे बेहतर रहता है, हालांकि इसे किसी भी जगह पर किया जा सकता है। प्रक्रिया को शुरु करने के लिए मरीज को लेटने या बैठने को कहा जाता है और इसमें कपड़े उतारने की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर मरीज को पसंद हो तो हल्की आवाज में कोई मधुर संगीत भी बजाया जा सकता है।

प्रक्रिया के दौरान प्रैक्टिशनर अपने हाथों को हल्के से मरीज के सिर, ललाट, धड़ या बाहों पर रखते हैं और हर 2 से 5 मिनट के भीतर अपने हाथों की आकृति को बदलते रहते हैं। रेकी के दौरान हाथों को मरीज के शरीर पर 20 अलग-अलग जगहों पर रखा जा सकता है।

यदि शरीर में कोई चोट, घाव या सनबर्न (धूप से जली त्वचा) हुआ है, तो हाथ को उसके ऊपर से घुमाया जा सकता है। 

रेकी के प्रैक्टिशनर मरीज के शरीर के किसी विशेष क्षेत्र के ऊपर अपने हाथ रखते हैं या हल्के से त्वचा को छूते हैं, तो ऊर्जा संचारण प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस समय मरीज को प्रैक्टिशनर के हाथ हल्के गर्म लग सकते हैं या उनसे झुनझुनी महसूस हो सकती है। हाथ को एक पॉजिशन में तब तक एक जगह रखा जाता है, जब तक प्रैक्टिशनर को यह ना लगे कि ऊर्जा संचारित होना बंद हो गई है।

जब प्रैक्टिशनर को ऐसा महसूस होता है कि उनके हाथों में ऊर्जा या गर्मी कम हो गई है, तो वे अपने हाथों को शरीर के किसी दूसरे क्षेत्र पर लगा लेते हैं।

रेकी से क्या फायदे होते हैं?

रेकी के विशेषज्ञों के अनुसार इस प्रक्रिया से एक विशेष ऊर्जा को व्यक्ति के शरीर में संचारित किया जाता है, जो उसके ठीक होने की क्षमता को बढ़ा देती है। इस विशेष ऊर्जा को हिन्दी भाषा में “प्राण” कहा जाता है। यह जीवन शक्ति की ऊर्जा होती है और कुछ लोग मानते हैं कि यह हमारे चारों तरफ व्याप्त होती है।

रेकी ऐसी प्रक्रिया है, जिसके अनेक फायदे हैं जैसे शरीर को शांत करना, शरीर के प्राकृतिक रूप से ठीक होने की क्षमता को मजबूत करना और शरीर में भावनात्मक, मानसिक व आध्यात्मिक शक्ति को विकसित करना आदि। 

यह भी माना जाता है कि रेकी प्रक्रिया व्यक्ति को गहराई से शांत करती है और जो लोग परेशानियों से जूझ रहे हैं उनकी सहायता करती है। रेकी हीलिंग से व्यक्ति का भावनात्मक तनाव कम होता है और सेहत में भी सुधार होता है। जो लोग रेकी प्रक्रिया करते हैं, वे अक्सर खुद कहते हैं कि उन्हें तुरंत शांति मिल जाती है।

शारीरिक व मानसिक संबंधी कुछ समस्याएं हैं, जिनका इलाज करने में रेकी काफी मदद करती है:

संदर्भ

  1. The International Center for Reiki Training [Internet]. Michigan. USA; What is Reiki?.
  2. vanderVaart, Sondra. et al. A Systematic Review of the Therapeutic Effects of Reiki. J Altern Complement Med. 2009;15(11):1157–1169. PMID: 19922247
  3. Midilli, Tulay Sagkal and Eser, Ismet. Effects of Reiki on Post-cesarean Delivery Pain, Anxiety, and Hemodynamic Parameters: A Randomized, Controlled Clinical Trial. Pain Management Nursing. June 2015, Volume 16, Issue 3, Pages 388–399.
  4. Demir, Melike. et al. Effects of Distant Reiki On Pain, Anxiety and Fatigue in Oncology Patients in Turkey: A Pilot Study. Asian Pac J Cancer Prev , 16 (12), 4859-62. PMID: 26163604
  5. Mcmanus, David E. Reiki Is Better Than Placebo and Has Broad Potential as a Complementary Health Therapy. J Evid Based Complementary Altern Med. 2017 Oct; 22(4): 1051–1057. PMID: 28874060
  6. Jahantiqh, Farnaz. et al. Effects of Reiki Versus Physiotherapy on Relieving Lower Back Pain and Improving Activities Daily Living of Patients With Intervertebral Disc Hernia. J Evid Based Integr Med. 2018; 23: 2515690X18762745. PMID: 29536776
  7. Arvonio, Maria Marra. Cultural competency, autonomy, and spiritual conflicts related to Reiki/CAM therapies: Should patients be informed?. Linacre Q. February, 2014; 81(1): 47–56. PMID: 24899738
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ