हृदय की अनियमित संरचना के कारण पैदा होने वाली स्थिति को माइट्रल वाल्व रिगर्जिटेशन कहा जाता है। इसे ‘लीकी हार्ट वाल्व’ के नाम से भी जाना जाता है। माइट्रल वाल्व रिगर्जिटेशन शरीर में रक्त प्रवाह को प्रभावित करती है और रक्त का रिसाव उल्‍टी दिशा में अर्थात बाएं वेंट्रिकल से दाएं एट्रिअम में होने लगता है। जो लोग माइट्रल वाल्व रिगर्जिटेशन से ग्रस्‍त होते हैं उन्हें असामान्य रक्‍त प्रवाह के कारण थकान और सांस लेने में दिक्‍कत महसूस होती है।

(और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे)

मिट्राक्लिप क्या है?

माइट्रल वाल्व रिगर्जिटेशन से ग्रस्‍त मरीजों के लिए मिट्रल डिवाइस के रूप में एक नई कम इनवेसिव (छोटे चीरे वाली) हार्ट सर्जरी ईजाद की गई है। मिट्राक्लिप सर्जरी गंभीर माइट्रल रिगर्जिटेशन के लिए एक बेहतरीन उपचार है। इसके कारण ओपन-हार्ट सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें केवल एक उपकरण या क्लिप जैसी डिवाइस को लीक हो रही वाल्व को बंद करने के लिए ह्रदय में लगाया जाता है।

मिट्राक्लिप को एक कैथेटर के ज़रिए मरीज़ के पैर में जननांग के आसपास वाले हिस्‍से में एक छोटा-सा चीरा लगाकर डाला जाता है। इसके बाद कार्डियोलॉजिस्ट वाल्व के एक छोटे से क्षेत्र को एक साथ क्लिप करने के लिए मिट्राक्लिप का उपयोग करते हैं। इससे वाल्व में रिसाव कम होता है और क्लिप के दोनों तरफ खून आसानी से आगे प्रवाहित हो जाता है। मिट्राक्लिप को ठीक जगह लगाने पर माइट्रल रिगर्जिटेशन को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कई मामलों में केवल एक मिट्राक्लिप पर्याप्त नहीं होती है और मरीज़ की स्थिति को ठीक करने के लिए दो या तीन मिट्राक्लिप लगाने की जरूरत भी पड़ सकती है।

(और पढ़ें - कोरोनरी एंजियोग्राफी कैसे होता है)

भारत में मिट्राक्लिप सर्जरी

हाल ही में, मेदांता - द मेडिसिटी में कार्डियोलॉजिस्ट की एक टीम द्वारा मिट्राक्‍लिप सर्जरी की गई थी। इस टीम का नेतृत्व हार्ट इंस्टीट्यूट के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ. प्रवीन चंद्रा के साथ विश्व प्रसिद्ध इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. साइबल कार द्वारा किया गया था। उन्होंने माइट्रल वाल्व रिगर्जिटेशन से पीड़ित दो मरीज़ों का ऑपरेशन कर उनकी जान बचाई थी।

डॉ. प्रवीन बताते हैं कि हृदय वाल्व से रिसाव के कुछ गंभीर मामलों में मिट्राक्लिप सर्जरी की जाती है, जिन मरीज़ों पर दवाएं असर करना बंद कर देती हैं और जिनकी ओपन हार्ट वाल्व या रिप्लेसमेंट सर्जरी नहीं की जा सकती है, उनकी मिट्राक्लिप सर्जरी की जाती है। उम्र, कमजोरी या पहले भी हार्ट सर्जरी होना जैसे जोखिम कारकों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

ऐसे रोगियों के लिए मिट्राक्लिप सर्जरी किसी वरदान से कम नहीं है और इसे पारंपरिक रूप से की जाने वाली वाल्व सर्जरी का एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। हार्ट वाल्व या रिप्लेसमेंट सर्जरी की तुलना में, मिट्राक्लिप सर्जरी एक सरल प्रक्रिया है। इस ऑपरेशन के बाद सिर्फ 2 दिनों में ही मरीज़ को अस्‍पताल से डिस्चार्ज मिल जाता है और रिकवरी भी जल्‍दी हो जाती है।

मेदांता के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. नरेश त्रेहान कहते हैं कि ''मेदांता वैश्विक मानकों के अनुरूप मानक उपचार प्रणाली तक रोगी की पहुंच बढ़ाने का प्रयास करता है। मिट्राक्लिप प्रक्रिया अत्याधुनिक तकनीकों और रोगी पर केंद्रित उपचार की ​​उत्कृष्टता के लिए हमारी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”

(और पढ़ें - हृदय वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी कैसे होता है)

ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ