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फेसलिफ्ट सर्जरी ऐसा प्रोसीजर है, जिसे पुरुषों व महिलाओं में बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है, जैसे झुर्रियां व लटकती त्वचा आदि। फेसलिफ्ट सर्जरी को शारीरिक रूप से कमजोर लोगों या अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए नहीं किया जाता है। सर्जरी करने से पहले डॉक्टर स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं और चेहरे की करीब से जांच करते हैं। परीक्षण के दौरान आपके स्वास्थ्य से संबंधी पिछली सभी जानकारियां ली जाती हैं। सर्जरी से पहले आपके चेहरे की विभिन्न कोणों से तस्वीरें ली जाएंगी, ताकि सर्जरी के बाद तुलना की जा सके।

(और पढ़ें - झुर्रियों के लिए क्रीम)

फेसलिफ्ट सर्जरी में आमतौर पर दो से चार घंटे का समय लगता है। सर्जरी के बाद होने वाले दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं। सर्जरी के बाद कुछ दिनों के लिए विशेष देखभाल की सलाह दी जाती है, जैसे सर्जरी वाले हिस्से को साफ व सूखा रखना और अधिक मेहनत वाली गतिविधियां न करना आदि।

फेसलिफ्ट सर्जरी से संबंधित कुछ जोखिम हो सकते हैं, जैसे संक्रमण, नसें क्षतिग्रस्त होना और त्वचा पर स्थायी निशान (स्कार) बनना आदि। सर्जरी होने के एक या दो हफ्ते बाद आपको फिर से अस्पताल बुलाया जाता है, जिस दौरान त्वचा के कुछ आवश्यक टेस्ट किए जाते हैं। यदि सर्जरी के बाद बुखार, रक्तस्राव या गंभीर सूजन जैसे कोई लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।

(और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)

  1. फेसलिफ्ट सर्जरी क्या है - What is Facelift in Hindi
  2. फेसलिफ्ट सर्जरी किसलिए की जाती है - Why is Facelift done in Hindi
  3. फेसलिफ्ट सर्जरी से पहले - Before Facelift in Hindi
  4. फेसलिफ्ट सर्जरी के दौरान - During Facelift in Hindi
  5. फेसलिफ्ट सर्जरी के बाद - After Facelift in Hindi
  6. फेसलिफ्ट सर्जरी की जटिलताएं - Complications of Facelift in Hindi

फेसलिफ्ट सर्जरी क्या है?

फेसलिफ्ट सर्जरी को राईटिडेक्टॉमी (या रीटिडेक्टॉमी) सर्जरी भी कहा जाता है, जिसकी मदद से चेहरे से झुर्रियों व अन्य लटकती त्वचा को हटा दिया जाता है। फेसलिफ्ट सर्जरी को आमतौर पर जवान दिखने व उम्र बढ़ने के कारण चेहरे पर दिखने वाले अन्य लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है।

चिकित्सा विज्ञान में प्रगति और औसत जीवन काल में वृद्धि के कारण अधिक से अधिक लोग अब बुढ़ापे तक जी रहे हैं। उम्र बढ़ने के बाद झुर्रियां, लटकती त्वचा और धूप के निशान दिखने लगते हैं। हालांकि, त्वचा के प्रकार के अनुसार प्रभाव भी अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं। जिन लोगों की त्वचा मोटी होती है, उन्हें त्वचा लटकने की समस्या अधिक रहती है। इसी प्रकार जिन लोगों की त्वचा पतली होती है, उन्हें झुर्रियों की समस्या होने लगती है। जब कोई व्यक्ति बूढ़ा होता है, तो उसके शरीर में मौजूद कोलेजन लचीलापन खोने लगता है और त्वचा की वसा कम होने लगती है। ऐसी स्थितियों में त्वचा में झुर्रियां पड़ने लगती हैं।

(और पढ़ें - झुर्रियों के लिए फेस पैक)

फेसलिफ्ट सर्जरी लटकती त्वचा को कठोर बनाकर आपको जवान दिखने में मदद करता है। इस सर्जरी की मदद से चेहरे से अतिरिक्त त्वचा को हटा दिया जाता है, लटकते ऊतकों को कस दिया जाता है और सिलवटों को हटा दिया जाता है, जिससे आपके रूप में सुधार हो जाता है।

(और पढ़ें - आंखों के नीचे की झुर्रियों के घरेलू उपाय)

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फेसलिफ्ट सर्जरी किसलिए की जाती है?

फेसलिफ्ट सर्जरी का इस्तेमाल आमतौर उम्र बढ़ने के कारण चेहरे पर हो रहे लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है। बढ़ती उम्र के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं -

  • जबड़े की हड्डी के नीचे की त्वचा लटकने लगना, जिस स्थिति को जॉवल्स मिडफेस सैगिंग भी कहा जाता है
  • गर्दन के आसपास की त्वचा ढीली होना
  • जबड़े और मुंह के पास सिलवटें पड़ना (मेलोलेबियल क्रीज)
  • आंखों के नीचे की सूजन

(और पढ़ें - एजिंग के लक्षण कम करने के आयुर्वेदिक टिप्स)

फेसलिफ्ट सर्जरी किसे नहीं करवानी चाहिए?

कुछ स्थितियां हैं, जिनके कारण फेसलिफ्ट सर्जरी नहीं की जाती है और यदि किसी कारण से की जा रही है तो विशेष रूप सावधानियां बरती जाती हैं -

  • यदि आप लंबे समय से रक्त को पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं
  • शारीरिक स्वास्थ्य ठीक न रहना
  • अधिक धूम्रपान करना
  • यदि आप उम्मीद कर रहे हैं कि सर्जरी से आपका पूरी तरह से कायकल्प हो जाएगा तो, बेहतर है बाद में पछताने से अच्छा आप इसे न ही कराएं 
  • यदि झुर्रियां कम हैं, जिन्हें दवाओं व अन्य उपचार प्रक्रियाओं से कम किया जा सकता है। 

(और पढ़ें - जबड़े में दर्द का इलाज)

फेसलिफ्ट सर्जरी से पहले क्या तैयारी की जाती है?

फेसलिफ्ट सर्जरी से पहले आमतौर पर निम्न तैयारियां की जाती हैं -

  • आपको सर्जरी से कुछ दिन पहले बुलाया जाता है, जिस दौरान आपका शारीरिक परीक्षण किया जाएगा और साथ ही आपके स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां ली जाएंगी। इसकी मदद से यह पुष्टि की जाती है कि सर्जरी आपके लिए उचित है या नहीं।
  • डॉक्टर आपके चेहरे की त्वचा की अलग-अलग हिस्सों से जांच करेंगे, जिसमें यह पता लगाया पता लगाया जाता है कि आपकी त्वचा में कितना लचीलापन है। इस दौरान मुख्य रूप से गाल, आंख के पास और गर्दन की त्वचा की जांच की जाती है।
  • यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या, एलर्जी या संक्रमण आदि है, तो सर्जरी से पहले ही इनके बारे में डॉक्टर को बता देना चाहिए। ताकि सर्जरी शुरू करने से पहले इन स्थितियों को ठीक किया जा सके। (और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण)
  • यदि आप किसी भी प्रकार की दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन, मिनरल या अन्य कोई सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो डॉक्टर को इस बारे में बता दें। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ दवाएं रक्त को पतला करती हैं, जिनका सेवन सर्जरी से कुछ समय पहले और बाद तक बंद रखना पड़ता है, क्योंकि इनसे सर्जरी के दौरान अधिक रक्तस्राव होने का खतरा बढ़ जाता है। रक्त को पतला करने वाली दवाओं में आमतौर पर एस्पिरिन, नेप्रोक्सेन और वारफेरिन आदि शामिल हैं।
  • यदि सर्जरी से एक या दो दिन पहले ही फ्लू, जुकाम या बुखार आदि जैसे लक्षण महसूस होने लगे हैं, तो उसी समय डॉक्टर को इस बारे में बता दें।
  • यदि आप धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, तो डॉक्टर इन्हें भी सर्जरी से कुछ दिन पहले और बाद तक छोड़ने की सलाह दे सकते हैं।
  • सर्जरी के लिए आपको खाली पेट जाना होता है, इसके लिए आपको सर्जरी वाले दिन से पहली आधी रात के बाद कुछ भी न खाने या पीने की सलाह दी जाती है।
  • सर्जरी शुरू करने से पहले आपके चेहरे की अलग-अलग कोणों से तस्वीर ली जाती हैं, ताकि सर्जरी के बाद मिलने वाले परिणाम की तुलना की जा सके।

(और पढ़ें - शराब की लत का इलाज)

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फेसलिफ्ट सर्जरी कैसे की जाती है?

फेसलिफ्ट सर्जरी को लोकल या जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है। लोकल एनेस्थीसिया सिर्फ उस हिस्से को सुन्न करता है, जिसका ऑपरेशन करना है और जनरल एनेस्थीसिया आपको गहरी नींद में सुला देता है, जिससे आपको सर्जरी के दौरान कुछ भी महसूस नहीं होता है।

(और पढ़ें - इंजेक्शन कैसे लगाते हैं)

फेसलिफ्ट की सर्जरी प्रोसीजर आपकी जरूरतों व चेहरे की बनावट के अनुसार थोड़ी बहुत अलग हो सकती है। हालांकि, सामान्य तौर पर फेसलिफ्ट सर्जरी को निम्न के अनुसार किया जाता है -

  • सबसे पहले बालों के किनारे पर कान के आसपास एक चीरा लगाया जाता है, जो कान के दूसरे सिरे तक का लंबा होता है। चीरे के आकार को आवश्यकता के अनुसार ही छोटा रखा जाता है या बढ़ा दिया जाता है।
  • चीरा लगाने के बाद त्वचा को एक तरफ किया जाता है, ताकि नीचे के ऊतकों तक पहुंचा जाए।
  • त्वचा के नीचे की मांसपेशी की जगह को बदल दिया जाएगा व उसे कस दिया जाएगा। यदि चर्बी अधिक है, तो उसे काटकर अलग भी किया जा सकता है।
  • इसके बाद ठोड़ी के निचले हिस्से में चीरा लगाया जाता है और गर्दन में अतिरिक्त चर्बी व मांसपेशियों को हटा दिया जाएगा।
  • जब अतिरिक्त वसा व त्वचा को हटा दिया जाता है, तो चीरे को फिर से बंद करके टांके या स्टेपल लगा दिए जाते हैं और फिर सर्जरी वाले पूरे हिस्से को पट्टी की मदद से ढक दिया जाता है।
  • कान से पीछे के चीरे को बंद करते समय एक ड्रेनेज ट्यूब लगा दी जाती है, जिसकी मदद से सर्जरी वाले हिस्से में जमा होने वाला रक्त व अन्य द्रव अपने आप बाहर निकल जाते हैं। इस ट्यूब को आमतौर पर एक या दो दिन बाद निकाल दिया जाता है।

फेसलिफ्ट सर्जरी में आमतौर पर दो से चार घंटे का समय लगता है।

सर्जरी के बाद, आपको रिकवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है और जहां पर मेडिकल स्टाफ आपके शारीरिक संकेतों पर बारीकी से नजर रखेंगे। अधिकतर मामलों में जिस दिन सर्जरी हुई है, उसी दिन मरीज को घर जाने की अनुमति दे दी जाती है। जबकि कुछ लोगों को दो से तीन दिन तक भी अस्पताल में रखा जा सकता है, जो पूरी तरह से मरीज के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

(और पढ़ें - चेहरे की चर्बी कम करने उपाय)

फेसलिफ्ट सर्जरी के बाद की देखभाल

सर्जरी के बाद घर आने पर डॉक्टर निम्न देखभाल रखने की सलाह देते हैं, जैसे -

  • सर्जरी के अगले दिन शरीर को पूरी तरह आराम अर्थात् कम्पलीट बेड रेस्ट दें
  • डॉक्टर से सलाह लिए बिना पट्टी को न हटाएं और न ही उसे बार-बार छूने की कोशिश करें
  • सर्जरी के बाद एक हफ्ते तक अपने सिर को सीधा ऊंचा रखें।
  • सोते समय ध्यान रखें कि चेहरे पर दबाव न पड़े, इसके लिए आप गर्दन सीधी करके पीठ के बल सो सकते हैं (और पढ़ें - अच्छी नींद आने का कारण)
  • सर्जरी वाले घावों की बर्फ से सिकाई करें, जिससे आपको दर्द व रक्तस्राव जैसी समस्याओं से आराम मिलेगा
  • जब तक डॉक्टर अनुमति न दें कोई भी अधिक मेहनत वाली गतिविधि न करें और न ही भारी वस्तुएं उठाएं।
  • यदि आपको खांसी की समस्या है, तो उसके लिए दवाएं ले लें, क्योंकि खांसी से भी चेहरे की मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है और रक्तस्राव संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं (और पढ़ें - खांसी का घरेलू इलाज)
  • सर्जरी के बाद जब तक आपकी दवाएं चलती हैं, तब तक धूम्रपान या शराब का सेवन न करें। सिगरेट और शराब छोड़ने के लिए आप डॉक्टर से भी मदद ले सकते हैं। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय)
  • डॉक्टर आपको हर चार घंटे बाद एक पेरासिटामोल लेने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, यदि दर्द अधिक है, तो डॉक्टर अन्य नार्कोटिक पेनकिलर दवाएं दे सकते हैं।
  • सर्जरी के बाद संक्रमण होने का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसके लिए डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए एंटीबायोटिक दवाएं भी दे सकते हैं।
  • आपको स्वास्थ्यकर व संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाएगी, जैसे पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और पर्याप्त कैलोरीप्रोटीन वाले आहार लेना आदि।
  • कुछ समय के लिए सर्जरी वाले हिस्से के आसपास नील व अन्य निशान पड़ सकते हैं, जो कि सामान्य स्थिति है और कुछ समय बाद ये अपने आप ठीक हो जाते हैं। गर्म सिकाई की मदद से इस स्थिति को जल्दी भी ठीक किया जा सकता है।
  • सर्जरी के 24 घंटों बाद डॉक्टर आपको सर्जरी वाले हिस्से को साबुन व गुनगुने पानी के साथ धोने के लिए कहते हैं। इसके बाद रोजाना दिन में तीन बार घावों को साफ किया जाता है और गीला होने पर साफ कपड़े से हल्के-हल्के पोंछ कर साफ किया जाता है।
  • आपको विशेष एंटीबायोटिक क्रीम भी दी जा सकती है, जो घाव को संक्रमित होने से बचाती है।
  • कुछ समय के लिए धूप में जाने से मना किया जाता है और जब आप जाना शुरू कर दें, तो त्वचा पर सनस्क्रीन लगा लें।
  • फेसलिफ्ट सर्जरी के एक हफ्ते बाद आपको मेकअप करने की अनुमति दी जा सकती है। कुछ महीनों तक आपको स्टीम बाथ लेने से मना किया जाता है।
  • दो या तीन हफ्तों बाद आप अपनी सामान्य दिनचर्या को फिर से शुरू कर सकते हैं।
  • कुछ पुरुषों को सर्जरी के बाद गर्दन के नीचे और कान के पीछे वाले हिस्सों को शेव करना पड़ सकता है, क्योंकि दाढ़ी वाली जगह खिसक जाती है।

फेसलिफ्ट सर्जरी की मदद से आपके चेहरे की सुंदरता को बढ़ा दिया जाता है और आप अपनी वास्तविक उम्र के मुकाबले अधिक जवान लगते हैं। फेसलिफ्ट सर्जरी की मदद से उम्र बढ़ने के कारण विकसित होने वाले लक्षणों को कम कर दिया जाता है और परिणामस्वरूप आपका आत्मविश्वास बढ़ जाता है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको निम्न में से कुछ भी महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए -

  • बुखार (और पढ़ें - बुखार कम करने के घरेलू उपाय)
  • अत्यधिक रक्तस्राव होना
  • टांके समय से पहले खुल जाना
  • सर्जरी वाले स्थान पर अधिक सूजन होना और दबाव बढ़ जाना
  • घाव से पस या अन्य किसी द्रव का रिसाव होना

(और पढ़ें - चोट की सूजन का इलाज)

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फेसलिफ्ट सर्जरी से क्या जोखिम हो सकते हैं?

फेसलिफ्ट सर्जरी से निम्न जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं -

  • सर्जरी के दौरान नस क्षतिग्रस्त हो जाना
  • अधिक रक्तस्राव
  • हेमाटोमा (त्वचा के नीचे रक्त जमा होना)
  • संक्रमण
  • हर समय दर्द रहना
  • सर्जरी वाले स्थान सुन्न महसूस होना
  • घाव पूरी तरह से ठीक न हो पाना (और पढ़ें - घाव सुखाने के घरेलू उपाय)
  • सर्जरी वाले स्थान पर स्थायी निशान (स्कार) बन जाना
  • त्वचा के नीचे द्रव जमा होना (सेरोमा)
  • त्वचा समतल न रह पाना
  • चेहरे पर टांकों के निशान दिखना (और पढ़ें - टांकों के निशान हटाने के उपाय)
  • त्वचा की रंगत में अंतर आना
  • चेहरे की आकृति असामान्य हो जाना

(और पढ़ें - चोट का निशान बनने के कारण)

संदर्भ

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  3. Warren RJ. Facelift: principles of and surgical approaches to facelift. In: Rubin JP, Neligan PC, eds. Plastic Surgery: Volume 2: Aesthetic Surgery. 4th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2018:chap 6.2.
  4. UCSF Health [Internet]. University of California San Francisco. California. US; Facelift
  5. Niamtu J. Facelift surgery (cervicofacial rhytidectomy). In: Niamtu J, ed. Cosmetic Facial Surgery. 2nd ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2018:chap 3.
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