गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाएं अपनी डायट यानी खानपान को लेकर बेहद सतर्क हो जाती हैं ताकि वे ऐसी किसी भी चीज का सेवन न करें जो उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचाए। प्रेगनेंसी के दौरान सिर्फ हेल्दी चीजें ही खाने की सलाह दी जाती है। इन्हीं में एक सबसे हेल्दी फूड ग्रुप है नट्स यानी ड्राई फ्रूट्स या सूखे मेवे। 

कई स्टडीज में यह बात सामने आयी है कि प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में नट्स का सेवन करने से गर्भ में पल रहे बच्चे का तंत्रिका मनोविज्ञान संबंधी विकास बेहतर तरीके से होता है। एक स्टडी के मुताबिक अगर गर्भावस्था के दौरान खासकर प्रेगनेंसी की पहली तिमाही (1 से 3 महीने का समय) में मांएं हर सप्ताह करीब 75 ग्राम नट्स का सेवन करें तो उनके बच्चे का आईक्यू, याददाश्त (मेमोरी) और एकाग्रता की क्षमता उन बच्चों की तुलना में बेहतर होती है जिनकी मांएं प्रेगनेंसी के दौरान नट्स का सेवन नहीं करतीं।

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नट्स में तो कई तरह के चीजें शामिल हैं जैसे- बादाम, अखरोट, ऐप्रिकॉट या खूबानी, हेजलनट, चिलगोजा, मूंगफली आदि जिनमें पॉलिअनसैचुरेटेड फैटी एसिड जैसे- ओमेगा-3 और ओमेगा-6, फोलिक एसिड और कई दूसरे पोषक तत्व जैसे- फाइबर, विटामिन ई भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आम लोगों के लिए तो ये सभी तरह के नट्स बेहद फायदेमंद हैं लेकिन क्या गर्भावस्था के दौरान नट्स खाते वक्त किसी तरह की सावधानी रखनी चाहिए? आज हम आपको बताएंगे अखरोट यानी वॉलनट्स के बारे में कि क्या प्रेगनेंसी के दौरान अखरोट खाना फायदेमंद है या नहीं।

  1. क्या प्रेगनेंसी में अखरोट खाना चाहिए? - Is walnut safe during pregnancy in hindi?
  2. गर्भावस्था में अखरोट खाने के फायदे - Benefits of walnuts during pregnancy in hindi
  3. प्रेगनेंसी में अखरोट खाने से जुड़े खतरे - Risk of eating excess walnut in hindi

अखरोट एक ऐसा मेवा है जिसका आकार इंसान के मस्तिष्क (ब्रेन) के जैसा होता है और उसे खाने से मस्तिष्क की कार्यपद्धति को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। प्रेगनेंसी के दौरान अगर गर्भवती महिला अखरोट का सेवन करे तो यह उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण के दिमाग के विकास के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। लिहाजा प्रेगनेंसी के दौरान अखरोट खाना पूरी तरह से सेफ है। गर्भवती महिलाएं चाहें तो वे रोजाना 3-4 अखरोट की गरी का सेवन कर सकती हैं। 

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गर्भ में पल रहे बच्चे के ब्रेन के डिवेलपमेंट के अलावा भी अखरोट गर्भावस्था के दौरान कई तरह से फायदेमंद है। अखरोट गर्भवती महिला के गर्भाशय (बच्चेदानी) को मजबूत बनाता है और बच्चे को पोषण देकर तंदुरुस्त बनाने में मदद करता है। अखरोट में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के कई ग्रुप्स भी पाए जाते हैं जैसे- फोलेट्स, राइबोफ्लेविन, थियामिन आदि जो गर्भवती महिला के लिए बेहद आवश्यक है।

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ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड, विटामिन ई, एंटीऑक्सिडेंट्स, एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व, कैल्शियम, आयरन, जिंक, फाइबर और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर अखरोट प्रेगनेंसी के दौरान सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद माना जाता है।

ब्लड प्रेशर मेनटेन करने में मदद करता है अखरोट - Blood pressure control

अखरोट, ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में मदद करता है जो प्रेगनेंसी के दौरान बेहद जरूरी है। दरअसल, अखरोट रक्त धमनियों को रिलैक्स कर उन्हें लचीला बनाने में मदद करता है जिससे हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की आशंका बनी रहती है जिस कारण मिसकैरेज, समय से पहले बच्चे का जन्म, जन्म के समय वजन कम जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। ऐसे में रोजाना अखरोट का सेवन करने से पूरी प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है।

कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखता है अखरोट - Cholesterol level control

अखरोट का सेवन करने से आपके शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कंट्रोल में रहता है और जब कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है तो हृदय रोग होने का खतरा भी कम हो जाता है। अखरोट में प्लांट स्टेरॉल नाम का तत्व पाया जाता है जो खून में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल में मदद करता है जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है और गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल शरीर में बढ़ता है। गर्भावस्था के दौरान कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी नियंत्रित करना बेहद जरूरी है।

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इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है अखरोट - Immune system strong

अखरोट में पाया जाने वाला एंटीऑक्सिडेंट्स गर्भवती महिला के इम्यून सिस्टम यानी रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत बनाने में मदद करता है। हालांकि अखरोट खाते वक्त उसके ऊपर की भूरे रंग की स्किन को न हटाएं क्योंकि 90 प्रतिशत एंटीऑक्सिडेंट्स अखरोट के इसी स्किन में मौजूद रहता है।

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अच्छी नींद में मदद करता है अखरोट - Induces good sleep

अखरोट खाने से शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन का लेवल नियंत्रित होता है। मेलाटोनिन को स्लीप हार्मोन भी कहते हैं क्योंकि यह नींद को प्रेरित करता है जिससे अच्छी नींद हासिल करने में मदद मिलती है। गर्भावस्था के दौरान अक्सर नींद आने में दिक्कतें होती हैं खासकर तीसरी तिमाही के दौरान। ऐसे में अखरोट का सेवन करने से गर्भवती महिला को अच्छी नींद आती है।

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बच्चे के ब्रेन, आंख और हड्डियों के लिए फायदेमंद है अखरोट - Good for fetus brain, eyes, bones

ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्रोटीन से भरपूर अखरोट गर्भ में पल रहे बच्चे के ब्रेन और आंखों के विकास में मदद करता है। इसके अलावा अखरोट में मौजूद मैग्नीज बच्चे की हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। लिहाजा गर्भ में पल रहे बच्चे की अच्छी सेहत को ध्यान में रखते हुए भी गर्भवती महिला को अखरोट का सेवन जरूर करना चाहिए।

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पेट की समस्याएं भी दूर करता है अखरोट - Keeps stomach problems away

अपच, पेट में गैस और एसिड रिफ्लक्स की समस्या भी अक्सर गर्भवती महिलाओं में देखने को मिलती है। ऐसे में फाइबर से भरपूर अखरोट का सेवन करने से पेट और पाचन से जुड़ी सभी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं और गर्भवती महिला की सेहत भी अच्छी बनी रहती है।

वैसे तो वॉलनट्स या अखरोट का सेवन गर्भावस्था के दौरान पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है लेकिन किसी भी चीज की अति प्रेगनेंसी के दौरान हानिकारक साबित हो सकती है। लिहाजा इस हेल्दी अखरोट का सेवन भी सीमित मात्रा में करना ही फायदेमंद है। गर्भवती महिलाओं को रोजाना 20 से 25 ग्राम यानी अखरोट की 4 से 5 गिरी से ज्यादा का सेवन नहीं करना चाहिए। बहुत ज्यादा अखरोट खाने से भी गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे उसके बच्चे की सेहत को नुकसान हो सकता है:

  • कई बार अखरोट के सेवन से एलर्जी भी हो सकती है। ऐसे में अगर आपको अखरोट खाने के बाद खांसी, त्वचा पर चकत्ते, होंठ पर सूजन, छींक आदि लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और प्रेगनेंसी के दौरान अखरोट का सेवन न करें।
  • गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा अखरोट खाने से कई बार डायरिया की समस्या हो सकती है।
  • बहुत ज्यादा अखरोट खाने से शरीर द्वारा आयरन को सोखने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है और शरीर में आयरन की कमी होने पर एनीमिया हो सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान अगर एनीमिया हो जाए तो यह बड़ी मुश्किल बन सकता है।

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