डिलीवरी के बाद आपकी त्वचा और बालों में काफी बदलाव आते हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि कुछ समय बाद ये वापस ठीक हो जाते हैं। गर्भावस्था के बाद महिलाएं अक्सर बच्चे की देखभाल में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि उन्हें अपनी त्वचा पर ध्यान देने का समय भी नहीं मिल पाता।

गर्भावस्था के दौरान और बाद में बालों और त्वचा में बहुत अधिक परिवर्तन होते हैं। कुछ महिलाओं को मुँहासे, झाइयां, खिंचाव के निशान, सूजी हुई आंखें, आँखों के नीचे काले घेरे और बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है, जबकि अन्य में गर्भावस्था की चमक होती है जो उनके चेहरे ओर पर हमेशा दिखती है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था के बाद खिंचाव के निशान)

हालांकि बच्चे के पैदा होने के बाद महिलाएं खुद को थोड़ा कम समय दे पाती हैं लेकिन त्वचा और बालों को अच्छा रखने के लिए 10 मिनट का समय निकालने का प्रयास ज़रूर करें। इस लेख में डिलीवरी के बाद त्वचा और बालों की देखभाल के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं जो इस दौरान आपकी मदद करेंगे।

(और पढ़ें - डिलीवरी के बाद की समस्याएं और उनके उपाय)

  1. बच्चे के जन्म के बाद बालों की समस्याओं - Hair fall problem after delivery in Hindi
  2. डिलीवरी के बाद बालों की समस्याओं के उपाय - Postpartum hair loss solutions in Hindi
  3. प्रसव के बाद त्वचा संबंधी समस्याएं - Postpartum skin problems in Hindi
  4. डिलीवरी के बाद त्वचा समस्याओं के उपाय - Solutions of skin problems after delivery in Hindi

बाल गिरना प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है जो आपको प्रसव के 3 से 4 महीनों के बाद परेशान कर सकती है। इस समस्या की शुरुआत निम्न प्रकार होती है:

  1. गर्भावस्था के दौरान, बाल बढ़ने की अवस्था में होते हैं इसलिए इस दौरान बालों का गिरना कम हो जाता है। (और पढ़ें - गर्भ ठहरने के उपाय और गर्भ में लड़का कैसे हो से जुड़े मिथक)
  2. प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनों के स्तर में वृद्धि होती है जिस वजह से आपके बाल शानदार हो जाते हैं।
  3. प्रसव के बाद, हार्मोनों का स्तर सामान्य अवस्था में वापस आ जाता है और बालों के उगने और गिरने का सामान्य चक्र फिर से शुरू हो जाता है। (और पढ़ें - डिलीवरी के बाद बाल झड़ना)
  4. इस प्रकार अब आप कई बालों के झड़ने के चरण में आ जाती हैं, जो असामान्य सा प्रतीत होता है, लेकिन पूरी तरह से सामान्य होता है। आपको चिंता न करें, क्योंकि आप गंजी नहीं होंगी।
  5. इस दौरान बालों का झड़ना अस्थायी होता है और आपके बाल 6 से 12 महीनों के बाद सामान्य  अवस्था में वापस आ जायेंगे।

(और पढ़ें - बाल गिरने से रोकने के तरीके)

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बालों के झड़ने को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित 6 सरल युक्तियाँ दी गयी हैं, उनका पालन करें:

स्वस्थ आहार खाएं:

  1. एंटीऑक्सिडेंट युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें।
  2. इसके लिए स्ट्रॉबेरी, सेब, राजमा, सूखा आलूबुखारा आदि का सेवन करें।
  3. एंटीऑक्सिडेंट बालों की जड़ों को मजबूत करने में मदद करते हैं।

अपने सिर और बालों को साफ रखें:

  1. सिर की सफाई के लिए एंटी हेयर लॉस शैम्पू का उपयोग करें।
  2. बालों को टूटने से बचाने के लिए कंडीशनिंग ज़रूर करें।
  3. यदि आपके पास समय कम है, तो लीव इन कंडीशनर (जिसे अगली वाशिंग तक बालों में लगाकर रखा जा सकता है) का उपयोग करें।

(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के शैम्पू)

बालों को खींचें या बांधें नहीं:

  1. अपने बालों को कसकर न बांधें, क्योंकि इससे आपकी खोपड़ी पर खिंचाव होगा और बाल और ज्यादा टूटेंगे।
  2. ऐसा करने से बालों के झड़ने के इस चरण में आपको सहायता मिलेगी।

विटामिन सप्प्लिमेंट्स:

  1. प्रसव के बाद आपके शरीर में ताकत लाने के लिए आपको कुछ सप्प्लिमेंट्स की आवश्यकता होगी।
  2. बालों को घना बनाए रखने के लिए नियमित रूप से विटामिन बी और विटामिन सी आदि विटामिन लेती रहें।

केमिकल ट्रीटमेंट:

  1. बालों पर कलर, स्ट्रेटनर (Straightener) और घुंघराले बनाने वाले उपकरणों का उपयोग न करें क्योंकि इनके उपयोग से भी बाल झड़ते हैं।
  2. इसके अलावा, इनमें देखभाल करने की अधिक आवश्यकता होती है, इसलिए जब तक आपको किसी विशेष अवसर में न जाना हो तब तक इन उत्पादों से दूर रहना ही आपके बालों के लिए अच्छा होगा।

बालों को कटवा लें:

  1. यदि आपके बाल बहुत अधिक मात्रा में झड़ रहे हैं, तो बाल कटवा कर इन्हें छोटा करा लें।
  2. इससे आपके बाल घने दिखेंगे और नए रूप की वजह से भी आपमें आत्मविश्वास आएगा।

(और पढ़ें - बालों की देखभाल के नुस्खे)

डिलीवरी के बाद आपको अपनी स्किन की थोड़ी ज्यादा केयर करने की आवश्यकता होती है वरना निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:

मुँहासे:

गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन के बढ़े हुए स्तर के कारण त्वचा अत्यधिक ऑयली हो जाती है। जिसके परिणामस्वरूप मुँहासे की समस्या उत्पन्न हो सकती है। गर्भावस्था के बाद, हार्मोन के स्तर में परिवर्तन के कारण, आपके चेहरे पर मुँहासे हो सकते हैं, भले ही गर्भावस्था के दौरान आपकी त्वचा कितनी भी साफ़ हो।

(और पढ़ें - मुंहासे हटाने के उपाय)

पिगमेंटेशन:

पिगमेंटेशन या मेलास्मा (Melasma) त्वचा पर पड़ने वाले काले धब्बे या स्पॉट हैं। ये गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोनों का स्तर बढ़ने के कारण होते हैं। आपके शरीर पर डार्क पैच या आपके पेट के नीचे वाली रेखा डिलीवरी में बाद स्वयं मिट जाएगी।

(और पढ़ें - काले दाग हटाने के घरेलू उपाय)

डार्क सर्किल और सूजी हुयी आंखें:

ये हार्मोनों के स्तर में परिवर्तन और बच्चा होने के बाद नींद पूरी न हो पाने के कारण होते हैं। आपकी आंखों में काले घेरे और आंखों की सूजन के रूप में आपकी थकान साफ़ दिखाई पड़ती है।

(और पढ़ें - आंखों के काले घेरे हटाने के घरेलू उपाय)

स्ट्रेच मार्क्स:

खिंचाव के निशान सबसे जिद्दी समस्याओं में से एक होते हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह त्वचा में खिंचाव के कारण पैदा होते हैं। प्रसव के बाद त्वचा में अचानक संकुचन होने के कारण, त्वचा कहीं कहीं पर कट फट सकती है। ऐसा आम तौर पर स्तन, पेट, नितंबों, जांघों और घुटनों के हिस्से में होता है।

(और पढ़ें - स्ट्रेच मार्क्स हटाने के घरेलू उपाय)

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गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद में त्वचा की समस्याओं को कम करने के कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:

मुहासों के लिए:

  1. दिन में दो बार हल्के क्लीन्ज़र से अपना चेहरा ज़रूर साफ करें।
  2. सुबह और रात में हल्के, आयल फ्री मॉइस्चराइज़र लगाएं।
  3. हफ्ते में एक बार नरम स्क्रब का उपयोग कर सकती हैं।
  4. एलोवेरा और यूकेलिप्टस जैसे प्राकृतिक अवयवों से बने उत्पादों का उपयोग करें।

(और पढ़ें - नीलगिरी तेल के फायदे)

पिगमेंटेशन के लिए:

  1. बच्चे के जन्म के एक साल बाद आपके चेहरे के स्पॉट हल्के हो जाएंगे बल्कि कुछ समय बाद ये बिलकुल गायब हो जाएंगे।
  2. रोज़ाना सनस्क्रीन लोशन का उपयोग करें। भले ही आप घर के अंदर रहें उसका उपयोग करना न भूलें।
  3. यदि आप दिन के समय घर के अंदर रहती हैं, तो एसपीएफ़ 15 युक्त सनस्क्रीन का उपयोग करें।
  4. यदि आप 10 मिनट से अधिक समय के लिए बाहर निकलें, तो एसपीएफ़ 30 या एसपीएफ़ 50 वाली सनस्क्रीन का उपयोग करें और जितना संभव हो अपनी त्वचा को ढंक कर रखें।
  5. दैनिक मॉइस्चराइजर के रूप में, ऐसे मॉइस्चराइजर का उपयोग करें जो विशेष रूप से पिग्मेंटेड त्वचा के लिए बना होता है।

(और पढ़ें - झाइयां हटाने के घरेलू उपाय)

डार्क सर्किल और सूजी हुयी आँखों के लिए:

  1. दिनभर में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं और स्वस्थ आहार लें।
  2. जब बच्चा सोता है, तभी आप भी सो लें क्योंकि उसकी देखभाल करते करते आपको थकान हो जाती है और जब वो रात में बार बार जगता है तो आपको सोने में परेशानी हो सकती है। बीच बीच में झपकी लेते रहना इस समय में अच्छी नींद लेने और आराम करने का सबसे अच्छा तरीका है।
  3. प्रतिष्ठित ब्रांड की आई (Eye) क्रीम लगाएं जो आँखों के नीचे होने वाले काले घेरों और सूजी हुयी आंखों के लिए विशेष रूप से बनायीं जाती है।

(और पढ़ें - सूजी हुई आंखों के घरेलू उपाय)

स्ट्रेच मार्क्स के लिए:

  1. खिंचाव के निशानों से बचने के लिए, आपको जैसे ही पता चले कि आप गर्भवती हैं, जैतून के तेल युक्त मॉइस्चराइज़र या एंटी स्ट्रेचमार्क क्रीम का उपयोग उन हिस्सों पर करें जिनमें खिंचाव होता है जैसे, पेट, स्तन आदि।
  2. आप अपने निचले पेट और स्तनों की मालिश सीधा जैतून के तेल से भी कर सकती हैं। ये तेल खिंचाव के निशान होने से रोकता है और त्वचा को भी मॉइस्चराइज़ करता है।
  3. बच्चे के जन्म के बाद यदि आपके स्ट्रेच मार्क्स हो जाएं तो प्रभावित क्षेत्रों पर एक प्रतिष्ठित एंटी स्ट्रेचमार्क क्रीम का उपयोग करें।
  4. स्वस्थ आहार और व्यायाम, खिंचाव के निशान को कम करने के महत्वपूर्ण उपाय हैं।
  5. डिलीवरी के बाद डॉक्टर द्वारा चेकअप करने के बाद आप कुछ प्रकार से व्यायाम करना शुरू कर सकती हैं, जैसे तेज चलना, हल्के व्यायाम या योग करना आदि। इनसे आपको खिंचाव के निशानों को कम करने में सहायता मिल सकती है। (और पढ़ें - डिलीवरी के बाद के लिए योग)

(और पढ़ें - त्वचा की देखभाल के नुस्खे)

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