प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जिस नेशनल डिजिटिल हेल्थ मिशन (एनडीएचएम) का जिक्र किया था, उसे प्रारंभिक परियोजना के रूप में देश के छह केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू करने की तैयारी चल रही है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्र सरकार चंडीगढ़, लद्दाख, दादरा नगर हवेली-दमन और द्वीप, पुदुचेरी, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में इस मिशन को पायलट मोड में शुरू करेगी। देश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लागू करने वाले शीर्ष प्राधिकरण नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) को इस नई परियोजना को लागू करने का जिम्मा सौंपा गया है। खबर के मुताबिक, एनएचए ही योजना के रूप में एनडीएचएम के डिजाइन से लेकर के इसे अमल लाने से जुड़े तमाम अहम फैसले लेगा।

गौरतलब है कि अपने भाषण में इस योजना की शुरुआत करने का साफ संकेत देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि एनडीएचएम के तहत देश के हर नागरिक का अपना एक हेल्थ आईडी या स्वास्थ्य प्रमाणपत्र होगा, जिसमें संबंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम जानकारियां स्टोर होंगी। यह सब काम डिजिटली होगा, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने हेल्थ सेक्टर में एक 'नई क्रांति' करार दिया है। भाषण में उन्होंने कहा, 'आज से एक बड़ा अभियान लॉन्च किया जा रहा है, जिसमें तकनीक की बड़ी भूमिका होगी। आज राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन को लॉन्च किया जा रहा है। यह भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगा, जिसमें इलाज से आने वाली समस्याओं को तकनीक की मदद से कम करने में मदद मिलेगी।'

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एनडीएचएम के तहत बनने वाले हेल्थ आईडी में हरेक नागरिक का मेडिकल डेटा, बीमारी या बीमारियों से संबंधित डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन, डायग्नॉस्टिक रिपोर्ट और अस्पतालों से डिस्चार्ज होते वक्त उनके इलाज से जुड़े सारांश या निष्कर्ष (समरी) की जानकारी शामिल की जाएगी। सरकार की तरफ से योजना को लागू करने की जिम्मेदारी मिलने के बाद एनएचए ने बयान जारी करते हुए हेल्थ आईडी के बारे में कहा है, 'एनडीएचएम का मकसद सही डॉक्टर को ढूंढने, उनसे अपॉइंटमेंट लेने, कनसल्टेशन फीस देने, प्रिस्क्रिप्शन लेने के लिए अस्पतालों के बार-बार चक्कर काटने जैसी चुनौतियों से आजादी देना है और सही जानकारी और स्रोत मुहैया कराकर उन्हें ऐसा निर्णय लेने में सशक्त बनाना है, जिससे उन्हें संभावित सर्वोत्तम हेल्थकेयर मिल सके।' 

उधर, योजना का स्वागत करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है, '(पायलट मोड के तहत) केंद्रशासित प्रदेशों में मिलने वाले शुरुआती परिणामों के आधार पर हम राज्यों के साथ मिलकर धीरे-धीरे एनडीएचएम को लागू करने का काम करेंगे। मैं देश के सभी नागरिकों और राज्यों तथा डॉक्टरों और सरकारों से इस महत्वपूर्ण योजना के लिए खुले दिल से समर्थन और सहयोग मांगता हूं।'

उधर, एनएचए का कहना है कि एनडीएचएम एक संपूर्ण और स्वैच्छिक हेल्थकेयर प्रोग्राम है, जो लोगों और उनके स्वास्थ्य से जुड़ी कई महत्वपूर्ण चीजों को एक साथ एक ही मंच पर लाने काम करेगा। इनमें डॉक्टर, अस्पताल के अलावा अन्य हेल्थकेयर प्रोवाडइर जैसे फार्मेसी, बीमा कंपनियां आदि शामिल हैं। एनएचए के मुताबिक, एनडीएचएम परियोजना मुख्यतः छह बिंदुओं पर आधारित होगी। ये छह बिंदू हैं- हेल्थ आईडी, डिजि डॉक्टर, स्वास्थ्य सुविधा पंजीकरण, निजी स्वास्थ्य रिकॉर्ड, ई-फार्मेसी और टेलिमेडिसिन। इन सबको एक साथ रखने का मकसद नागरिक को केंद्र में रखते हुए समय पर सुरक्षित और किफायती इलाज मुहैया कराना है। 

योजना से जुड़े इन पहलुओं पर बात करते हुए एनएचए के सीईओ डॉ. इंदु भूषण ने कहा है, 'एनडीएचएम से जुड़े प्रमुख बिंदुओं जैसे हेल्थ आईडी, डिजि डॉक्टर और हेल्थ फेसिलिटी रजिस्ट्री का स्वामित्व, संचालन और रख-रखाव भारत सरकार के पास होगा। निजी क्षेत्र के लोगों को इससे जुड़ने का समान अवसर दिया जाएगा और वे अपनी सेवाओं को मार्केट कर सकेंगे। हालांकि मूलभूत गतिविधियां और प्रमाणीकरण जैसे काम (मसलन हेल्थ आईडी जनरेट करना या डॉक्टर अप्रूव करना) सरकार के हाथ में ही रहेंगे।' डॉ. भूषण ने कहा कि निजी हेल्थ रिकॉर्ड और इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड जैसे काम प्राइवेट प्लेयर्स संबंधित दिशा-निर्देशों के तहत खुद भी कर सकते हैं।

एनडीएचएम के प्रमुख उद्देश्य और विशेषताएं

  • देश में एक डिजिटल हेल्थ सिस्टम की स्थापना और नागरिकों से जुड़ा हेल्थ डेटा मैनेज करना
  • हेल्थ डेटा कलेक्शन की गुणवत्ता में सुधार, स्टोरेज और विस्तार
  • हर नागरिक का अपना एक हेल्थ आईडी या स्वास्थ्य प्रमाणपत्र होगा
  • हेल्थकेयर डेटा की इंटरपोर्टेबिलिटी (आंतरिक संचालनीयता) के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराना
  • हेल्थ आईडी में नागरिक का मेडिकल डेटा, डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन, डायग्नॉस्टिक रिपोर्ट और डिस्चार्ज से जुड़ी डिटेल्स शामिल होंगी
  • देशभर में अपडेटिड और सही हेल्थ डेटा की तेजी से रजिस्ट्री करना
  • योजना का मकसद सही डॉक्टर को ढूंढने, अपॉइंटमेंट लेने, कनसल्टेशन फीस देने आदि चुनौतियों से आजादी देना
  • केंद्रशासित प्रदेशों से मिलने वाले शुरुआती परिणामों के आधार पर मिशन को राज्यों में धीरे-धीरे लागू करने की योजना
  • डॉक्टर, अस्पताल, फार्मेसी, बीमा कंपनियां आदि को एक ही मंच पर लाकर हेल्थकेयर को सुगम बनाना
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