देश के आम व्यक्ति को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ी योजना के विस्तार की तैयारी कर ली है। दरअसल मोदी सरकार मरीजों की भलाई और उन्हें सस्ती दवाएं मुहैया कराने के लिए जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है। रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार, देश में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (PMBJK) की संख्या को बढ़ाकर 10,500 करने के लिए प्लानिंग कर रही है। उम्मीद है कि मार्च 2025 तक इस लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। मंत्रालय ने अपने एक बयान में बताया है कि 15 सितंबर, 2020 तक, देश में जनऔषधि केंद्रों की संख्या 6,606 है, जिसे बढ़ाकर 10,500 तक करना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके।
हर गली और नुक्कड में होंगे जन औषधि केंद्र- गौड़ा
केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने बताया, "आमतौर पर गरीबों के लिए सस्ती दरों पर गुणवत्ता वाली दवाइयां मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने इस योजना को शुरू किया था। अब इसी उद्देश्य का विस्तार करते हुए सरकार ने मार्च 2025 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।" इसके बाद देश के लगभग सभी जिलों में जनऔषधि केंद्र होंगे। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने अपने बयान में कहा कि इससे देश के हर नुक्कड़ और गली कोने पर लोगों को सस्ती दवा उपलब्ध हो सकेगी।
सप्लाई चेन सिस्टम को किया जा रहा सुदृढ़
मंत्री गौड़ा के मुताबिक केंद्रों के विस्तार के साथ, सभी आउटलेट पर दवाओं के वास्तविक समय पर वितरण को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी होगी। इसके लिए एक प्रभावी आईटी आधारित लॉजिस्टिक एंड सप्लाई चेन (श्रृंखला) सिस्टम को भी चाक-चौबंद किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने अपने बयान में बताया कि वर्तमान में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों के चार गोदाम गुरुग्राम, चेन्नई, बेंगलुरु और गुवाहाटी में चल रहे हैं। सरकार ने देश में ऐसे ही दो और गोदाम खोलने की भी योजना बनाई है।