केंद्र सरकार आगामी 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेशनल डिजिटिल हेल्थ मिशन (एनडीएचएम) की घोषणा कर सकती है। देश के स्वास्थ्यगत ढांचे को पूरी तरह डिजिटल हेल्थ ईकोसिस्टम के रूप में बदलने के लिए इस पर पहले से बहस होती रही है। एनडीएचएम के तहत देश के हर नागरिक के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा। साथ ही डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं की रजिस्ट्री की जाएगी।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार की कैबिनेट में एनडीएचएम के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। अखबार की मानें तो अगले हफ्ते के अंत तक इसे अंतिम स्वीकृति दी जा सकती है। केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है, 'प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषणा में इस मिशन को लॉन्च करने की घोषणा कर सकते हैं।'

टीओआई के मुताबिक, एनडीएचएम प्लेटफॉर्म मुख्य रूप से चार मुख्य बातों के साथ लॉन्च किया जा सकता है। ये चारों बाते हैं- स्वास्थ्य पहचानपत्र, निजी हेल्थ रिकॉर्ड, डिजिटल डॉक्टर और हेल्थ फैसिलिटी की रजिस्ट्री। अखबार ने बताया है कि आगे चलकर ई-फार्मेसी और टेलिमेडिसिन सर्विसेज को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। इसके लिए दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं। यह भी बताया गया है एनडीएचएम प्लेटफॉर्म वॉलन्टियरी है, यानी यह व्यक्तिगत रूप से निर्भर करेगा कि कोई व्यक्ति योजना से संबंधित एप से जुड़ना चाहता है या नहीं।

खबर के मुताबिक, यह संबंधित व्यक्ति पर ही निर्भर करेगा कि वह अपनी सेहत से जुड़ा डेटा शेयर करना चाहता है अथवा नहीं। इसी तरह अस्पताल और डॉक्टर भी एप के लिए अपने रिकॉर्ड देने को लेकर स्वतंत्र होंगे। हालांकि सरकार को विश्वास है कि इस योजना में सभी प्रकार के प्रतिभागी (यानी नागरिक, डॉक्टर अस्पताल आदि) बड़ी तादाद में भाग लेंगे और अपने हेल्थ रिकॉर्ड सरकार को देंगे। उधर, वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को क्रियान्वित रूप देने के लिए 400 रुपये का बजट मंजूर भी कर दिया है। हालांकि नेशनल हेल्थ अथॉरिटी से संभवतः इससे ज्यादा बड़े बजट को अप्रूव करने की अनुमित नहीं मिलेगी। फिलहाल योजना से जुड़ी अन्य जानकारी सामने आने तक इंतजार करना होगा।

एनडीएचएम के प्रमुख उद्देश्य

  • देश में एक डिजिटल हेल्थ सिस्टम की स्थापना और नागरिकों से जुड़ा हेल्थ डेटा मैनेज करना
  • हेल्थ डेटा कलेक्शन की गुणवत्ता में सुधार, स्टोरेज और विस्तार
  • हेल्थकेयर डेटा की इंटरपोर्टेबिलिटी (आंतरिक संचालनीयता) के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराना
  • देशभर में अपडेटिड और सही हेल्थ डेटा की तेजी से रजिस्ट्री करना
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