विशेष ध्वनियों के खिलाफ प्रतिक्रिया (मिसोफोनिया) - Misophonia in Hindi

written_by_editorial

September 11, 2020

November 05, 2020

विशेष ध्वनियों के खिलाफ प्रतिक्रिया
विशेष ध्वनियों के खिलाफ प्रतिक्रिया

मिसोफोनिया एक ऐसा विकार है जिसमें लोगों को विशेष प्रकार की ध्वनियों से काफी परेशानी होती है। उन आवाजों के खिलाफ कई बार नकारात्मक और कठोर प्रतिक्रियाएं भी आ सकती है। यह आवाजें कोई भी हो सकती हैं जैसे कुछ भी चबाना, कलम को खटखटाना, पैरों को घसीटना आदि। जिन लोगों को मिसोफोनिया की शिकायत होती है वह विशेष ध्वनियों के प्रति खुद की प्रतिक्रिया और अनुभव को पागल कर देने वाला बताते हैं। मतलब उनकी प्रतिक्रियाएं भयंकर गुस्से, झुंझलाहट जैसी अभिव्यक्तियों के माध्यम से बाहर आती हैं।

कीबोर्ड की आवाज हो या कार के शीशे के वायपर, ऐसे लोगों को कुछ विशेष आवाजों के खिलाफ चिढ़न पैदा करने वाली अनुभूति हो सकती है। डॉक्टरी भाषा में इस समस्या को सेलेक्टिव साउंड सेंसटिविटी सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। कभी-कभी इस प्रकार की आवाजें व्यक्ति को इस कदर परेशान कर देती हैं कि यह आइसोलेशन और डिप्रेशन जैसी स्थितियों को भी जन्म दे सकता है। मिसोफोनिया को लेकर अब भी शोध जारी हैं। डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर्स, फिफ्थ एडिशन (डीएसएम-5) में अब भी इस विकार के मानदंडों को शामिल नहीं किया गया है। हालांकि, कुछ डॉक्टरों ने इसे "ऑब्सेसिव कंपल्सिव एंड रिलेटेड डिसऑर्डर" के तहत प्रस्तावित किया है।

इस लेख में हम मिसोफोनिया के लक्षण, कारण और इलाज के माध्यमों के बारे में जानेंगे।

मिसोफोनिया के लक्षण - Misophonia symptoms in hindi

कुछ ध्वनियों के प्रति लोगों में होने वाले क्रोध या आक्रामकता जैसी गंभीर प्रतिक्रियाएं मिसोफोनिया का सामान्य लक्षण हो सकती हैं। पुरुष और महिला दोनों को किसी भी उम्र में मिसोफोनिया की समस्या हो सकती है। हालांकि, ज्यादातर लोगों में बचपना समाप्त होते और शुरुआती किशोरावस्था के दिनों में यह समस्या देखने को मिलती है। अब तक हुए अध्ययनों के आधार पर निम्नलिखित प्रतिक्रियाओं को मिसोफोनिया के लक्षण के रूप में पहचाना गया है।

  • ध्वनियों को उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों के प्रति गुस्से की भावना
  • शोर के कारण शारीरिक रूप से आक्रामक होना
  • शोर मचाने वाले व्यक्तियों पर परेशान होकर शारीरिक प्रहार करना

भावनात्मक प्रतिक्रियाओं के अलावा अध्ययनों में पाया गया है कि लोग कई प्रकार की अन्य शारीरिक प्रतिक्रियाओं का भी अनुभव कर सकते हैं।

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मिसोफोनिया के कारण- Misophonia causes in hindi

विशेष ध्वनियों के प्रति व्यक्ति में होनेवाली यह प्रति​क्रिया क्यों होती है, इसका कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। जिन लोगों को पहले से ही निम्न प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, उन्हें मिसोफोनिया का खतरा अधिक रहता है।

इसके अलावा जिन लोगों को टिनिटस नाम का विकार होता है उनमें भी यह समस्या काफी आम है। इस विकार में लोगों को ऐसा लगता है जैसे उनके कानों में कुछ बज रहा हो। हालांकि, बाकी के लोगों को इस तरह की कोई भी आवाज सुनाई नहीं देती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही जानकारी न हो पाने के कारण मिसोफोनिया का निदान अब तक चिंता और फोबिया जैसे विकारों के रूप में किया जाता था, लेकिन यह एक अलग प्रकार की समस्या है जिसे समझना बहुत आवश्यक है।

  • पुरुषों की तुलना में महिलाओं को मिसोफोनिया की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है
  • मिसोफोनिया वाले लोगों का आईक्यू स्तर अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है
  • विशेषज्ञों का मानना है कि मिसोफोनिया की समस्या आनुवंशिक हो सकती है, परिवार में किसी को होने से अन्य लोगों में खतरा बढ़ जाता है

मिसोफोनिया का निदान - Diagnosis of Misophonia in hindi

जैसा कि उपरोक्त पं​क्तियों में बताया गया है कि अब तक डीएसएम-5 में मिसोफोनिया को शामिल नहीं किया गया है, इसका मतलब है कि इसके निदान के लिए कोई विशेष परीक्षण नहीं है।

बावजूद इसके इंटरनेशनल मिसोफ़ोनिया नेटवर्क ने मिसोफ़ोनिया प्रोवाइडर नेटवर्क विकसित किया है। इसके अंदर विशेषज्ञ जिसमें ऑडियोलॉजिस्ट, डॉक्टर और मनोचिकित्सकों को शामिल किया गया है। इन विशेषज्ञों की मदद से इस विकार का निदान किया जाता है। मनोविज्ञान से जुड़े डॉक्टर भी लक्षणों को देखते हुए कुछ परीक्षणों के माध्यम से इस समस्या का निदान करते हैं।

मिसोफोनिया का इलाज - Treatment of Misophonia in hindi

मिसोफोनिया ताउम्र रहने वाली समस्या है, अब तक इसका कोई भी इलाज मौजूद नहीं है। हालांकि, कुछ उपायों के माध्यम से इसके लक्षणों को ठीक करने का प्रयास किया जाता है।

टिन्निटस रिट्रीटिंग थेरेपी

टिन्निटस रिट्रीनिंग थेरेपी (टीआरटी) के माध्यम से लोगों को शोर और परेशान करने वाली ध्वनियों को बेहतर तरीके से सहन करना सिखाया जाता है।

कॉग्नेटिव बिहैवियर थेरपी

इस थेरपी के माध्यम से रोगी में विशेष ध्वनियों के प्रति होने वाली नकारात्मकता को दूर करने का प्रयास किया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश और प्रकृति से जुड़ी अन्य ध्वनियों के माध्यम से भी 85 फीसदी लोगों में काफी हद तक सुधार देखने को मिला है।

काउंसिलिंग

मिसोफोनिया विकार से ग्रसित व्यक्ति और उनके परिवार, दोनों के लिए सहायक परामर्श भी बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस तरह की स्थिति पूरे परिवार को प्रभावित कर सकती है। लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए अब तक कोई भी विशेष दवाई उपलब्ध नहीं है।

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