कोर्टिसोल का बढ़ना - High Cortisol levels in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

February 11, 2021

December 20, 2023

कोर्टिसोल का बढ़ना
कोर्टिसोल का बढ़ना

कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह शरीर पर स्ट्रेस की प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह आपके मस्तिष्क के कुछ हिस्सों के साथ मूड, मोटिवेशन और भय को नियंत्रित करने के लिए काम करता है। बता दें, यह स्टेरॉयड हार्मोन अधिवृक्क ग्रंथियों (एड्रेनल ग्लैंड्स) में बनता है। हमारे शरीर की अधिकांश कोशिकाओं में कोर्टिसोल रिसेप्टर्स होते हैं, जो विभिन्न प्रकार के कार्यों जैसे ब्लड शुगर और चयापचय का विनियमन, सूजन में कमी और मेमोरी फॉर्मूलेशन के लिए कोर्टिसोल का उपयोग करते हैं।

कोर्टिसोल आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी बढ़ी हुई मात्रा शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में इस लेख में हम जानेंगे कि बढ़े हुए कोर्टिसोल का लक्षण, कारण, टेस्ट और इलाज क्या है।

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कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ने के लक्षण क्या हैं? - High Cortisol levels symptoms in Hindi

उच्च कोर्टिसोल की स्थिति में कई लक्षण देखे जा सकते हैं। हालांकि, यह लक्षण आपके कोर्टिसोल स्तर में वृद्धि के कारण के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।

बढ़े हुए कोर्टिसोल के लक्षणों में शामिल हैं -

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कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण क्या हैं? - High Cortisol levels causes in Hindi

कई चीजें कोर्टिसोल बढ़ने का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं -

  • क्रोनिक स्ट्रेस : क्रोनिक (धीरे-धीरे या लंबे समय से प्रभावित करने वाला) स्ट्रेस में व्यक्ति लंबे समय से और निरंतर तनाव का अनुभव करता है। यदि इसका इलाज नहीं किया गया तो यह आपके स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
  • दवा : कॉर्टिकोस्टेरॉइड और मौखिक रूप से ली जाने वाली गर्भ निरोधक दवाएं आपके कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
  • एस्ट्रोजन : महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ना कोर्टिसोल स्तर बढ़ने से जुड़ा हुआ हो सकता है।
  • एंड्रेनल ग्लैंड ट्यूमर : एंड्रेनल ग्रंथियां कोर्टिसोल का उत्पादन करती हैं, इसलिए यदि इन ग्रंथियों में किसी तरह की दिक्कत होती है तो यह कोर्टिसोल हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है।
  • पिट्यूटरी ग्रंथि से संबंधित समस्या : यदि पिट्यूटरी ग्रंथि अति सक्रिय हो जाती है तो यह आपके अधिवृक्क (एंड्रेनल) ग्रंथियों को बहुत अधिक कोर्टिसोल बनाने के लिए उत्तेजित करती है।
  • कुपोषण : ईटिंग डिसऑर्डर से पीड़ित होना अवसाद, डायबिटीज, पीसीओएस और अल्कोहल का सेवन करने जैसी स्थिति भी हाई कोर्टिसोल के स्तर से जुड़ी होती है।

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कोर्टिसोल बढ़ने का परीक्षण - High Cortisol levels test in Hindi

यदि आपके कोर्टिसोल का स्तर बहुत अधिक या बहुत कम है, तो इसका मतलब हो सकता है कि आपको अधिवृक्क (एंड्रेनल) ग्रंथियों से संबंधित कोई विकार हो। कोर्टिसोल के स्तर को मापने के लिए ब्लड टेस्ट, स्लाइवा टेस्ट या यूरिन टेस्ट किया जा सकता है।

कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट

कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट आमतौर पर सुबह के समय किया जाता है, जब आपके कोर्टिसोल का स्तर अपने उच्चतम स्तर पर होता है।

कोर्टिसोल स्लाइवा टेस्ट

कोर्टिसोल स्लाइवा टेस्ट के लिए आमतौर पर मुंह में एक स्वैब डालकर लार का नमूना लिया जाता है। इस टेस्ट को घर पर भी किया जा सकता है।

कोर्टिसोल यूरिन टेस्ट

कोर्टिसोल यूरिन टेस्ट को यूरिनरी फ्री कॉर्टिसोल टेस्ट या यूएफसी टेस्ट कहा जाता है। यह टेस्ट यूरिन में कोर्टिसोल का पता लगाता है।

इमेजिंग टेस्ट

इस टेस्ट के अंतर्गत एक्स रे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, सीटी स्कैन इत्यादि शामिल हैं। हाई कोर्टिसोल की स्थिति में सीटी स्कैन या एमआरआई का उपयोग करके ट्यूमर या अन्य असामान्यताओं की जांच के लिए आपकी पिट्यूटरी ग्रंथि और अधिवृक्क (एंड्रेनल) ग्रंथियों की तस्वीर तैयार की जाती है।

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कोर्टिसोल लेवल टेस्ट क्यों किया जाता है? - High Cortisol Level test purpose in Hindi

कोर्टिसोल स्तर टेस्ट की मदद से आसानी से यह पता चल जाता है कि कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ा हुआ है या जरूरत से कम है। कुछ बीमारियां हैं, जैसे कि एडिसन डिजीज और कुशिंग डिजीज, जो आपके अधिवृक्क (एंड्रेनल) ग्रंथियों से कोर्टिसोल के उत्पादन की मात्रा को प्रभावित करती हैं। परीक्षण का उपयोग इन बीमारियों के निदान में और एंड्रेनल व पिट्यूटरी ग्रंथियों के कामकाज का आकलन करने के लिए किया जाता है। कोर्टिसोल शरीर की कई प्रणालियों में अहम भूमिका निभाता है। इन प्रणालियों में शामिल हैं -

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हाई कोर्टिसोल का जोखिम और इलाज - High Cortisol Level risk factor and treatment in Hindi

हाई कोर्टिसोल का प्रबंधन न करने की स्थिति में आपके स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम दिखाई दे सकते हैं। यदि इस स्थिति को अनुपचारित छोड़ दिया, तो कोर्टिसोल के बढ़े हुए स्तर की वजह से निम्न स्थितियों का जोखिम बना रहता है -

किसी भी व्यक्ति में समय-समय पर हाई कोर्टिसोल की समस्या हो सकती है। यह प्राकृतिक रूप से आपके शरीर की प्रतिक्रिया है जो कि तब ट्रिगर होती है जब उसे किसी तरह के नुकसान या खतरे की भावना महसूस होती है। यदि हाई कोर्टिसोल की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो ऐसे में स्वास्थ्य पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है।

उच्च कोर्टिसोल के लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द ब्लड टेस्ट या अन्य जरूरी टेस्ट करवाएं, ताकि उचित समय पर इस बात का पता चल सके कि कोर्टिसोल कितना बढ़ा हुआ है। टेस्ट रिजल्ट्स के आधार पर, डॉक्टर अंतर्निहित कारण को कम करने की कोशिश करेंगे और कोर्टिसोल के स्तर को सुरक्षित स्तर पर वापस लाने में मदद करेंगे।

अधिवृक्क (एंड्रेनल) ग्रंथि में कोर्टिसोल के अत्यधिक उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए दवाओं में केटोकोनाजोल ketoconazole, माइटोटेन (लिसोड्रेन) mitotane (Lysodren) और मेट्रिपोन (मेटोपिरोन) metyrapone (Metopirone) शामिल हैं।

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सारांश – Summary

अगर कोई चिंता, तनाव, थकान या फिर हाई ब्लड शुगर आदि समस्या महसूस कर रहा है, तो ऐसा कोर्टिसोल हॉर्मोन का लेवल अधिक होने के कारण हो सकता है। इस स्थिति में जरूरी हो जाता है कि कोर्टिसोल का लेवल नियंत्रित किया जाए। हाई कोर्टिसोल का पता लगाने के लिए कुछ जरूरी टेस्ट किए जाते हैं। उन टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर ही डॉक्टर उचित इलाज करते हैं। इसके लिए कुछ जरूरी दवाएं दी जा सकती हैं।



कोर्टिसोल का बढ़ना के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K Dr. Narayanan N K एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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कोर्टिसोल का बढ़ना की ओटीसी दवा - OTC Medicines for High Cortisol levels in Hindi

कोर्टिसोल का बढ़ना के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।