अमेरिकी शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि विटामिन डी की गंभीर रूप से कमी होने के चलते यूरोपीय देशों में कोविड-19 बीमारी की मृत्यु दर ज्यादा देखने को मिली है। अमेरिका के टेक्सास राज्य के डालस शहर स्थित कंप्लीट मेड केयर क्लिनिक के डॉक्टरों ने एक अध्ययन के आधार पर यह बात कही है। उनका कहना है कि यूरोपीय देशों में कोविड-19 की उच्च मृत्यु दर का लोगों में विटामिन डी की भारी कमी से संबंध है। उन्होंने यह भी कहा है कि समय के साथ इस तथ्य को और मजबूती मिली है। 

अध्ययन में शामिल डॉ. आइसाक पुगैज और डॉ. सोफिया पुगैच ने सुझाव दिया है कि दुनियाभर में डॉक्टरों को स्क्रीनिंग कर लोगों में विटामिन डी की कमी का पता लगाना चाहिए। उन्होंने यह सुझाव भी दिया है कि विटामिन डी को कोविड-19 के इलाज या रोकथाम के विकल्प के रूप में आजमाया जाना चाहिए। इसके लिए रैंडमाइज तरीके से कंट्रोल ट्रायल किए जाने चाहिए। यहां स्पष्ट कर दें कि यह अध्ययन अभी तक किसी मेडिकल जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ है। इसकी समीक्षा की जा रही है। फिलहाल इसे 'मेडआरकाइव' सर्वर पर पढ़ा जा सकता है।

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कैसे किया गया शोध?
कोविड-19 के इलाज और विटामिन डी के संबंध को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने यूरोपीय देशों से जुड़े डेटा को खंगालना शुरू किया। उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि यूरोप में कोविड-19 की मृत्यु दर का विटामिन डी के अलग-अलग स्तरों से कोई संबंध है या नहीं। इसके लिए इन विशेषज्ञों ने यूरोपीय लोगों में विटामिन डी के स्टेटस से जुड़े उन आंकड़ों का इस्तेमाल किया, जिन्हें यूरोपियन क्रेडिट ट्रांसफर एंड एक्युमुलेशन सिस्टम द्वारा इकट्ठा किया गया था। ये आंकड़े यूरोपियन जर्नल ऑफ एंडोक्रिनॉलजी पत्रिका में प्रकाशित हो चुके हैं। वहीं, सार्स-सीओवी-2 वायरस की वजह से यूरोप में हुई मौतों से जुड़े आंकड़े जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर से लिए गए।

विश्लेषण के लिए दस यूरोपीय देशों में हुई मौतों के आंकड़ों को चुना गया। इनमें यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे और एस्टोनिया जैसे यूरोपीय देश शामिल थे। जांच के आधार पर शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला इन देशों में प्रति दस लाख की आबादी में कोविड-19 की वजह से हुई मौतों का विटामिन डी की कमी से मजबूत और महत्वपूर्ण संबंध है।

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
अध्ययन में शामिल टीम ने बताया है कि इन देशों में हुई करीब 58 प्रतिशत मौतों के लिए कहीं न कहीं विटामिन डी की भारी कमी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने यह भी बताया है कि आंकड़ों को जब लोगों की उम्र के हिसाब से वर्गीकृत किया गया तो विटामिन डी की कमी कोविड-19 से हुई मौतों की और बड़ी वजह के रूप में सामने आई। 

शोधकर्ताओं ने यह दावा भी किया कि उनके अध्ययन के परिणाम विटामिन डी और कोविड-19 के संबंध को दर्शाने वाले अन्य शोधों से भी मेल खाते हैं। मिसाल के लिए, अमेरिका में कोरोना वायरस के संक्रमण से मारे गए लोगों में ज्यादातर अश्वेत और लैटिन अमेरिकी हैं। वहां इस तथ्य को काफी हद तक स्वीकार किया गया है है कि ऐसा विटामिन डी के कम स्तर की वजह से हुआ है।

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हालांकि यह जानकारी देते हुए शोधकर्ता स्पष्ट करते हैं कि ऐसा नहीं है कि केवल विटामिन डी की कमी की वजह से लोगों की मौत ज्यादा हो रही है और इसका लेवल सामान्य करने पर मृत्यु दर कम हो जाएगी। उनका कहना है कि इन दोनों ही परिस्थितियों में कई अन्य फैक्टर भी काम करते हैं। मसलन, आनुवंशिक कारण या खराब स्वास्थ्य सेवा। लेकिन इतना साफ है कि विटामिन डी की कमी का कई प्रकार के संक्रमणों के गंभीर हो जाने और मारे जाने से संबंध है। निष्कर्ष के तौर पर इन वैज्ञानिकों ने कहा है कि शोध के तहत नियंत्रित तरीके से विटामिन डी को कोविड-19 की रोकथाम और इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 से हुई मौतों का विटामिन डी की कमी से संबंध, शोधकर्ताओं ने यूरोपीय देशों के आंकड़ों के हवाले से किया दावा है

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