इटली के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कोविड-19 महामारी की वजह बने नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 को लेकर बड़ा बयान दिया है। इटली के लोंबार्डी स्थित मिलान शहर के सैन रैफाएले हॉस्पिटल के प्रमुख डॉ. ऐल्बर्तो जांग्रिलो का कहना है कि नए कोरोना वायरस की क्षमता कम हो रही है और यह पहले की अपेक्षा कम घातक हुआ है। वहीं, इटली के ही जेनोवा शहर के एक अन्य डॉक्टर मैटो बसेटी ने भी इसी तरह की बात कही है।

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) के मुताबिक, इटली के सरकारी ब्रॉडकास्टर आरएआई से बातचीत में डॉ. ऐल्बर्तो जांग्रिलो ने कहा, 'बीते दस दिनों के दौरान जितने नमूने (स्वैब) लिए गए, उनमें वायरल लोड एक या दो महीने पहले के मुकाबले बिल्कुल ही कम पाया गया है।' इसके बाद ऐल्बर्तो ने यहां तक कहा, 'वास्तव में इटली में इस वायरस का क्लिनिकली कोई वजूद (अब) नहीं है।'

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डॉ. ऐल्बर्तो के दावे पर यकीन करने के कारण साफ दिखाई देते हैं। इस पूरे महीने इटली में कोरोना वायरस के नए मामलों और मौतों में लगातार गिरावट आई है। हालात इतने सुधरे हैं कि सरकार ने लॉकडाउन से जुड़े सबसे कड़े प्रतिबंधों को खत्म करना शुरू कर दिया है। ऐसे में डॉ. ऐल्बर्तो जांग्रिलो ने कहा कि कुछ विशेषज्ञों ने कोविड-19 की दूसरी लहर की भविष्यवाणी करने में जल्दबाजी दिखाई है। उन्होंने कहा कि राजनेताओं को अब नई वास्तविकता को गंभीरता से लेना चाहिए। ऐल्बर्तो कहते हैं, 'देश में हालात फिर से सामान्य हो रहे हैं। लोगों को डराने वालों को अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी।'

कोरोना वायरस के कमजोर होने की बात कहने वाले ऐल्बर्तो जांग्रिल इटली के इकलौते डॉक्टर नहीं हैं। जेनोवा स्थित सैन मार्टिनो अस्पताल में संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख मैटो बसेटी का भी मानना है कि अब कोरोना वायरस कमजोर हो रहा है। एनवाईटी के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'वायरस में जो क्षमता पहले थी, वैसी अब नहीं दिख रही। यह साफ है कि इस समय कोविड-19 बीमारी अलग है।'

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हालांकि, इटली का सरकार का कहना है कि अभी इस बारे में कोई दावा करना जल्दबाजी होगी। इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय की एक अधिकारी सैंड्रा जांपा ने कहा, 'वायरस के गायब होने के दावे से जुड़े वैज्ञानिक दस्तावेज अभी लंबित पड़े हैं। जो लोग यह दावा कर रहे हैं हम उनसे बात करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे इटली के नागरिक उलझन में न पड़ें। (फिलहाल) हमें इटैलियन नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने, हाथ धोते रहने, मास्क पहने रखने और बड़ी संख्या में इकट्ठा होने से परहेज करने की सलाह देनी चाहिए।'

गौरतल है कि इटली में कोविड-19 के अब तक करीब दो लाख 33 हजार मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें से 33 हजार से ज्यादा की मौत हो गई है। एक समय वह मौतों के मामले में दुनिया के सभी देशों से आगे था। बाद में अमेरिका और यूके में मारे गए लोगों की संख्या इटली से ज्यादा हो गई। वहीं, कभी मरीजों के मामले में दूसरे नंबर पर रहा यह यूरोपीय देश अब अमेरिका, ब्राजील, रूस, स्पेन और यूके से पिछड़ गया है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: इटली के डॉक्टरों का दावा- नया कोरोना वायरस पहले से कमजोर और कम घातक है

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