इस वक्त पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी का सामना कर रही है। 11 मई के आंकड़ों की मानें तो दुनियाभर के 41 लाख से ज्यादा लोग कोविड-19 बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं और करीब 2 लाख 83 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले भारत में 66 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से 44 हजार ऐक्टिव मामले हैं, 20 हजार से ज्यादा लोग बीमारी से उबर चुके हैं और 2200 लोगों की मौत हो चुकी है। इस वक्त दुनियाभर के वैज्ञानिक अलग-अलग अनुमान लगाने में जुटे हैं कि आखिर वे कौन-कौन सी परिस्थितियां हैं जो कोविड-19 के कुछ मरीजों के लिए ज्यादा गंभीर साबित हो सकती है।

कोविड-19 मृत्यु दर और विटामिन डी की कमी के बीच संबंध
अमेरिका के वैज्ञानिकों के एक समूह की तरफ से कोविड-19 के गंभीर मामलों के बारे में ऐसी ही एक स्टडी की गई है जिसमें अनुसंधानकर्ताओं ने शरीर में विटामिन डी की कमी और कोविड-19 की वजह से होने वाली मृत्यु दर के बीच मजबूत पारस्परिक संबंध पाया है। अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक रिसर्च की जिसमें यह पाया गया कि शरीर में विटामिन डी की कमी, कोविड-19 के मरीजों की मौत का एक कारण हो सकती है। 

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रिसर्च के दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जब कम प्रभावित देशों के मरीजों के साथ तुलना की गई तो इटली, स्पेन और यूके जैसे देश जो कोविड-19 की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और जहां कोविड-19 के मरीजों का मृत्यु दर सबसे अधिक है, वहां के लोगों के शरीर में विटामिन डी का लेवल कम था। हालांकि, यह रिसर्च medRxiv, हेल्थ साइंसेज के लिए मौजूद प्रीप्रिंट सर्वर में मौजूद है जिसका अब तक मूल्यांकन नहीं किया गया है और यह क्लिनिकल यूज के लिए भी तैयार नहीं है।

विटामिन डी की कमी से ओवरऐक्टिव हो जाता है इम्यून सिस्टम
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के मेककॉर्मिक स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग स्थित बायोमेडिकल इंजिनियरिंग के प्रफेसर डॉ बैकमैन इस रिसर्च के लीड ऑथर हैं और उनकी मानें तो शरीर में विटामिन डी लेवल की कमी हो तो शरीर का इम्यून सिस्टम ओवररिऐक्टव हो सकता है। इस रिसर्च के लिए नए कोरोना वायरस से प्रभावित 10 अलग-अलग देशों से मरीजों के आंकड़ों को इक्ट्ठा किया गया जिसमें चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, इरान, साउथ कोरिया, स्पेन, स्विट्जरलैंड, यूके और अमेरिका को शामिल किया गया था। 

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रिसर्च के दौरान डॉ बैकमैन और उनकी टीम ने पाया कि विटामिन डी न सिर्फ शरीर की जन्मजात इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करती है बल्कि इम्यून सिस्टम को गंभीर रूप से ओवरऐक्टिव होने से भी बचाती है। दरअसल, जब इम्यून सिस्टम ओवरऐक्टिव हो जाता है तो शरीर की इन्फ्लेमेट्री प्रतिक्रिया बढ़ जाती है जिसे साइटोकीन स्टॉर्म कहते हैं और यही कोविड-19 के मरीजों की मौत होने का एक अहम कारण है।  

विटामिन डी की कमी से साइटोकीन्स स्टॉर्म की घटना

रिसर्च से जुड़े सांख्यिकीय आंकड़े के मुताबिक, शरीर में विटामिन डी लेवल की कमी शरीर में साइटोकीन स्टॉर्म की घटना से जुड़ी है। आमतौर पर जब कोई बाहरी सूक्ष्मजीव शरीर के अंदर प्रवेश करता है तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) सक्रिय हो जाती है और यह सिस्टम साइटोकीन्स (इन्फ्लेमेट्री सेल्स) का असरदार तरीके से इस्तेमाल करता है ताकि वायरस से लड़ाई कर उसे शरीर से बाहर कर सके। इस लड़ाई की वजह से शरीर की उस स्थानीय हिस्से में हल्की सूजन-जलन (इन्फ्लेमेशन) होने लगती है। 

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लेकिन जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत ज्यादा सक्रिय (हाइपरऐक्टिव) हो जाती है तो साइटोकीन्स बहुत ज्यादा मात्रा में रिलीज होने लगते हैं जिससे शररी में हद से ज्यादा इन्फ्लेमेशन (हाइपरइन्फ्लेमेशन) होने लगता है। इसे साइटोकीन स्टॉर्म कहते हैं जिससे सेल यानी कोशिकाओं की मौत होने लगती है और आखिर में अंगों को भी नुकसान होने लगता है और कुछ गंभीर मरीजों में यह मौत का भी कारण बन सकता है। कोविड-19 मरीजों के मामले में यह देखा गया है कि साइटोकीन स्टॉर्म मुख्यतौर पर फेफड़ों में दिखता है जिसकी वजह से शरीर में श्वास संबंधी खराबी (रेस्पिरेटरी फेलियर) हो जाती है।

दूसरी स्टडी में भी विटामिन डी और कोविड-19 मृत्यु दर के बीच लिंक पाया गया
यूके की ऐन्गलिया रस्किन यूनिवर्सिटी (एआरयू) और क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल किंग्स लाइन एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट की तरफ से भी एक स्टडी की गई जिसमें यूरोप के 20 देशों को शामिल किया गया और इस रिसर्च को एजिंग क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल रिसर्च नाम के जर्नल में प्रकाशित किया गया। इस रिसर्च में भी शरीर में विटामिन डी कमी और कोविड-19 के अधिक मामले और मृत्यु दर के बीच लिंक पाया गया। इस नई स्टडी में यह बात सामने आयी कि इटली और स्पेन ये 2 देश जहां कोविड-19 से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं वहां के लोगों में औसतन विटामिन डी का लेवल बेहद कम था बाकी के उत्तरी यूरोपीय देशों की तुलना में।

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ऐन्गलिया रस्किन यूनिवर्सिटी (एआरयू) के डॉ ली स्मिथ ने एक स्टेटमेंट में कहा, '20 यूरोपीय देशों की आबादी के आधार पर हमने अपनी स्टडी में औसत विटामिन डी लेवल और कोविड-19 के मामलों खासकर कोविड-19 मृत्यु दर के बीच बेहद महत्वपूर्ण संबंध पाया। विटामिन डी, हमें गंभीर श्वास संबंधी संक्रमण से सुरक्षित रखने में मदद करता है। खासकर बुजुर्गों में जिनमें विटामिन डी की कमी सबसे ज्यादा होती है और यही वह ग्रुप है जो कोविड-19 की वजह से गंभीर रूप से बीमार होते हैं। इससे पहले हुई स्टडी में भी अस्पतालों और केयर होम्स में रहने वाले 75 प्रतिशत लोगों के शरीर में विटामिन डी लेवल की कमी पायी गयी।' 

अध्ययन का निष्कर्ष
ये सभी अध्ययन इस बात का दावा नहीं करते कि विटामिन डी आपको कोरोना वायरस से संक्रमित होने से बचा लेगा लेकिन यह संक्रमित मरीजों में होने वाली जटिलताओं को जरूरत कम कर सकता है और कुछ संक्रमित मरीजों में मौत होने से भी बचा सकता है। अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो उनकी यह रिसर्च इस बात को बढ़ावा नहीं देती कि लोगों को विटामिन डी के गैर-जरूरी हाई डोज का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। रिसर्च में अनुसंधानकर्ता आगे कहते हैं कि इस पहलू पर और ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है कि आखिर कैसे विटामिन डी का असरदार तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है ताकि कोविड-19 से जुड़ी जटिलताओं के खिलाफ मरीजों को सुरक्षित रखा जा सके।

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संदर्भ

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