भारत में कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते देख देशभर में इसे रोकने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। एक तरफ, केंद्र और राज्य सरकारें रोज नए निर्देश जारी कर रही हैं, तो दूसरी तरफ, स्वास्थ्य एजेंसियां और फार्मा कंपनियां भी अपने स्तर पर कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने में लगी हैं। इस सिलसिले में निजी अस्पतालों को अतिरिक्त वॉर्ड तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं और कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने के लिए एक ड्रग का ट्रायल शुरू किया जा चुका है।

प्राइवेट अस्पतालों में आइसोलेशन वॉर्ड रिजर्व करने का निर्देश
कोरोना वायरस के मद्देनजर केंद्र सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश जारी कर कहा है कि वे अपने यहां अलग से आइसोलेशन वॉर्ड तैयार करके रखें ताकि जरूरत पड़ने पर उनमें कोविड-19 के मरीजों को भर्ती किया जा सके। अस्पतालों के साथ लैबोरेटरी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को भी रोगियों की टेस्टिंग की व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्हें संक्रमण के जोखिम कम करने के लिए घर-घर जाकर संदिग्धों के ब्लड सैंपल इकट्ठा करने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि आने वाले हफ्ते से निजी लैब इस प्रक्रिया को शुरू कर देंगी। खबरों की मानें तो सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों में कोरोना वायरस के क्लीनिकल मैनेजमेंट और शवों को संभालना भी शामिल है।

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आईसीएमआर ने भी संभाला मोर्चा, इलाज तलाशने में जुटे भारतीय वैज्ञानिक
कोरोना वायरस को रोकने के लिए भारतीय अनुसंधान चिकित्सा परिषद ने भी अपने प्रयास बढ़ा दिए हैं। मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों की मानें तो आईसीएमआर ने प्राइवेट लैबों को कोविड-19 से जुड़े टेस्ट करने को कहा है। इस सरकारी स्वास्थ्य एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने करीब 60 से 70 लैबों के कर्मचारियों से बात भी की है।

दुनियाभर के वैज्ञानिक इस समय नए कोरोना वायरस का इलाज तलाशने में जुटे हैं। इस प्रयास में भारतीय वैज्ञानिक भी शामिल हैं। खबर है कि बेंगलुरु में दो फार्मा कंपनियों (सनोफी एसए और रेजेनेरॉन फार्मास्युटिकल्स) ने कोविड-19 के इलाज के रूप में एक ड्रग का ट्रायल शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्टो में इस ड्रग का नाम 'केवजारा' बताया गया है, जो गठिया के दर्द के उपचार में इस्तेमाल की जाती है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने के लिए रेजेनेरॉन ने बीते महीने ही अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के साथ एक साझेदारी की थी।

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क्या महाराष्ट्र में बंद होगा पब्लिक ट्रांसपोर्ट?
भारत में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। यही वजह है कि महाराष्ट्र सरकार हर स्तर तक जाकर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में जुटी है। इस सिलसिले में उसने कई तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी है। अब खबर है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में पब्लिक ट्रांसपोर्ट यानी बस और ट्रेन सेवा पर भी रोक लगाई जा सकती है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह जानकारी देते हुए कहा कि लोग कम से कम यात्रा करें।

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