कोरोना वायरस की दवा बनाने के लिए विश्व स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। चीन, अमेरिका, यूरोप और थाइलैंड के बाद अब भारत भी इस जानलेवा वायरस की काट ढूंढने में लग गया है। इसके लिए एंटी-एचआईवी दवा के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी ले ली गई है। खबर के मुताबिक, भारत के सर्वोच्च स्वास्थ्य संस्थान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से इन एंटी-एचआईवी ड्रग्स के इस्तेमाल की मंजूरी ली है।

(और पढ़ें - क्या डेटॉल से खत्म हो सकता कोरोना वायरस)

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक आईसीएमआर ने कोरोना वायरस से जुड़े लक्षणों (सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार) को रोकने के लिए 'लोपिनावीर' और 'रिटोनावीर' नाम की दवाइयों के इस्तेमाल की आपातकालीन इजाजत मांगी थी। वहीं, डीसीजीआई के एक अधिकारी ने कहा कि संस्थान ने इस दवा को लेकर अध्ययन किए हैं, जिनके परिणाम से पता चलता है कि ये दवाएं नए कोरोना वायरस से लड़ने में उपयोगी साबित हो सकती हैं।

बता दें कि इन दवाओं के मिश्रण को चीन में क्लीनिकल ट्रायल के लिए अन्य दवाओं के साथ इस्तेमाल किया जा चुका है। वहीं, थाइलैंड में भी कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के इलाज के लिए इन ड्रग्स के मिश्रण का इस्तेमाल किया रहा है। कई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, थाइलैंड में इस मिश्रण के इस्तेमाल से कोरोना वायरस से पीड़ित एक चीनी महिला की हालत में सुधार हुआ था।

(और पढ़ें - कोरोना वायरस का डर केरल की सीमा पार)

यही वजह है कि डीसीजीआई ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए आईसीएमआर द्वारा डिजाइन किए गए ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में 'लोपिनावीर' और 'रिटोनावीर' के इस्तेमाल पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इन दवाओं के इस्तेमाल की अनुमति जरूर मिल गई है, लेकिन वायरस से संक्रमित किसी भी व्यक्ति पर इनका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर को उससे सहमति लेनी होगी।

भारत में कोरोना वायरस के मामले
चीन समेत दुनिया के कई देशों की तरह भारत में भी कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। यहां अब तक इस वायरस के तीन मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। ये तीनों मामले केरल के हैं। देश में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर इसी दक्षिण राज्य में देखने को मिला है। इसे रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हर स्तर पर प्रयास कर रही हैं। केरल के अलग-अलग अस्पतालों में करीब 2,000 लोगों को आइसोलेशन वॉर्डों में रखा गया है। कई मरीजों पर घरों में निगरानी की जा रही है। राज्य सरकार हर मरीज और संदिग्ध का अलग रिकॉर्ड रख रही है। 

(और पढ़ें - खतरनाक होता जा रहा कोरोना वायरस)

वहीं, केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए उच्च स्तरीय मंत्री समूह का गठन किया है। उसने चीन से भारत आए सभी लोगों की जांच के लिए मानेसर में चिकित्सा कैंप लगाए हैं। साथ ही, चीन से आने वाले सभी पर्यटकों के ई-वीजा स्थायी रूप से निलंबित कर दिए हैं। उधर, चीन समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 565 हो चुकी है। इनमें 563 मौतें अकेले चीन में हुई हैं। वहीं, इस विषाणु से जुड़े मामलों की संख्या 28,300 से ज्यादा हो गई है। 

ऐप पर पढ़ें